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दिल्ली में उत्तराखंडी भाषाओं के शिक्षकों का होगा सम्मान – 7 सितंबर 2025 को भव्य आयोजन

डॉ. विनोद बछेती के नेतृत्व में गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा शिक्षण को नई पहचान

Amar chand नई दिल्ली।दिल्ली-एनसीआर में प्रवासी उत्तराखंडी समाज की नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने के उद्देश्य से उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच व डीपीएमआई के अध्यक्ष डॉ. विनोद बछेती के तत्वाधान में पिछले कई वर्षों से गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषाओं की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इन प्रयासों के तहत हर वर्ष शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।

इसी क्रम में इस वर्ष 7 सितंबर 2025 (रविवार) को कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में शिक्षक सम्मान समारोह-2025 का आयोजन होगा। इस अवसर पर उन शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने प्रवासी बच्चों को गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी भाषा की शिक्षा देकर उनकी सांस्कृतिक जड़ों को सहेजने का काम किया है।

समारोह का आयोजन उत्तराखंड लोक-भाषा साहित्य मंच द्वारा किया जा रहा है। इसमें विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। आयोजन के संयोजक दिनेश ध्यानी, मंच से जुड़े सभी लोगों का इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहेग।

इस आयोजन एवं मंच के समन्वयक वरिष्ठ समाजसेवी अनिल पंत ने अमर संदेश को बताया कि दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर की कई जगहों पर लोक भाषा साहित्य मंच द्वारा गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी बोली भाषा की कक्षाएं ग्रीष्मकालीन में चलाई जाती है। उन्होंने अमर संदेश को जानकारी देते हुए बताएं कि इस आयोजन में दिल्ली और एनसीआर में जिन शिक्षकों ने जौनसारी, गढ़वाली, कुमाऊनी, बोली भाषा की कक्षाएं बच्चों को दी उन शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।

इस मंच संरक्षक डॉ. विनोद बछेती का कहना है कि “भाषा ही हमारी पहचान और संस्कारों की नींव है। प्रवासी बच्चों को अपनी मातृभाषा से जोड़ना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और इस दिशा में हर शिक्षक का योगदान अमूल्य है।”

कार्यक्रम विवरण

तिथि – 7 सितंबर 2025, रविवार

समय – दोपहर 3:30 बजे

स्थान – स्पीकर हाल, कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली

होने जा रहा है या आयोजन।

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