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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) ने भारतीय नौसेना के लिए 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति की

INS उदयगिरि और INS हिमगिरि नौसेना में शामिल

Amar sandesh दिल्ली।भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन संचालित, भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक और महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने भारतीय नौसेना के दो उन्नत फ्रंटलाइन युद्धपोतों – आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि – के निर्माण के लिए लगभग 8,000 टन क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नौसेना में शामिल हुए युद्धपोत

विशाखापत्तनम में आयोजित भव्य समारोह में माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज, 26 अगस्त 2025 को इन दोनों फ्रिगेट्स को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया।

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया को मजबूत आधार

SAIL ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) के साथ साझेदारी करते हुए अपने बोकारो, भिलाई और राउरकेला स्टील प्लांट्स से उच्च गुणवत्ता वाले स्टील की आपूर्ति की।

इस पहल से रक्षा क्षेत्र में आयात प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिला है और भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती मिली है। यह सीधे तौर पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों को गति देता है।

रक्षा अनुप्रयोगों के लिए SAIL की विशेष उपलब्धियां

राउरकेला स्टील प्लांट के ‘स्पेशल प्लेट प्लांट’ ने अकेले ही अब तक एक लाख टन से अधिक क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति टैंक, युद्धपोतों और मिसाइलों जैसे रणनीतिक रक्षा अनुप्रयोगों के लिए की है।

INS विक्रांत से INS सूरत तक – SAIL का गौरवशाली इतिहास

SAIL की भारतीय नौसेना के साथ साझेदारी नई नहीं है। इससे पहले भी कंपनी ने INS विक्रांत, INS नीलगिरी, INS अजय, INS निस्तार, INS अर्णाला, INS विंध्यगिरि और INS सूरत जैसे प्रतिष्ठित युद्धपोतों के लिए क्रिटिकल-ग्रेड स्टील की आपूर्ति की है।

यह सहयोग SAIL को न केवल एक विश्वसनीय राष्ट्रीय निर्माता के रूप में स्थापित करता है बल्कि भारत के नौसैनिक आधुनिकीकरण की यात्रा में भी एक अहम सहयोगी बनाता है।

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