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रामदास आठवले का कड़ा प्रहार – “हिंदी बनाम मराठी विवाद बेबुनियाद, शिवसेना व ठाकरे परिवार कर रहे हैं विभाजनकारी राजनीति”

दिल्ली स्थित सरकारी निवास पर प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री ने दी स्पष्ट चेतावनी

Amar sandesh नई दिल्ली, 06 जुलाई ।महाराष्ट्र में उभरे हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद को लेकर आज दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री एवं रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सरकारी निवास पर आयोजित एक विशेष प्रेस वार्ता में शिवसेना (उद्धव गुट) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे को कटघरे में खड़ा करते हुए भाषा के नाम पर राजनीति बंद करने की नसीहत दी।

श्री आठवले ने कहा, “हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, जिस पर पूरे देश को गर्व है। मराठी मेरी मातृभाषा है और उसे भी पूरा सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन दोनों भाषाओं को आमने-सामने खड़ा करना एक खतरनाक साजिश है। खासकर शिवसेना और ठाकरे परिवार इस विवाद को बढ़ाकर समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश की एकता और अखंडता भाषाओं के सौहार्द पर आधारित है। “राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे जैसे नेता अपनी गिरती राजनीतिक ज़मीन को बचाने के लिए भाषा को हथियार बना रहे हैं, जो निंदनीय है। मैं उनसे कहता हूं कि इस तरह की क्षेत्रीय कट्टरता अब नहीं चलेगी,” आठवले ने दो टूक कहा।

दिल्ली में आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे ऐसे बयानों को बढ़ावा न दें जो देश की एकता में दरार डालते हों।

उन्होंने आगे कहा कि, “भाषा हमारी पहचान है, लेकिन राष्ट्र की पहचान एकता है। हम सबको मिलकर काम करना चाहिए, न कि हिंदी बनाम मराठी जैसी बहसों में उलझना चाहिए। भाजपा-एनडीए सरकार सबको साथ लेकर चलने की पक्षधर है, और मैं खुद मराठी होते हुए हिंदी भाषा को भी पूरे मन से सम्मान देता हूं।”

इस अवसर पर उन्होंने यह भी दोहराया कि RPI देशभर में सभी भाषाओं और संस्कृतियों के साथ समरसता बनाए रखने की दिशा में काम करती रहेगी।

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