नेटवर्क विस्तार, कोना एक्सप्रेसवे और नई रेल सेवाओं का लोकार्पण**
Amar chand दिल्ली/कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्हें एक बार फिर पश्चिम बंगाल की धरती पर विकास की गति को आगे बढ़ाने का अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नोआपाड़ा से जय हिंद हवाई अड्डे तक मेट्रो यात्रा की और आम नागरिकों से बातचीत करते हुए जाना कि लोग कोलकाता की परिवहन प्रणाली के आधुनिकीकरण से बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि कोलकाता जैसे ऐतिहासिक और जीवंत शहर भारत के भविष्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 13.61 किलोमीटर लंबे नवनिर्मित मेट्रो नेटवर्क का उद्घाटन किया। नई सेवाओं में सियालदह–एस्प्लेनेड और बेलेघाटा–हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो सेवाएँ भी शामिल हैं, जिनसे यात्रा समय में भारी कमी आएगी और आईटी हब सहित व्यस्त इलाकों में कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। उन्होंने गर्व जताते हुए कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन चुका है, जो 2014 से पहले 250 किलोमीटर तक सीमित था, वहीं आज यह 1,000 किलोमीटर से अधिक हो गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि हावड़ा और सियालदह जैसे देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन अब मेट्रो से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले जहां इन स्टेशनों के बीच यात्रा में डेढ़ घंटे तक का समय लगता था, वहीं अब यह कुछ ही मिनटों में पूरा होगा। हावड़ा स्टेशन पर बने नए सबवे से यात्रियों का सफर और सुविधाजनक होगा।
रेलवे क्षेत्र में भी बड़ी सौगात देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पश्चिम बंगाल अब 100 प्रतिशत रेलवे विद्युतीकरण हासिल कर चुका है। उन्होंने पुरुलिया–हावड़ा के बीच लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए नई मेमू रेल सेवा की शुरुआत की घोषणा की। साथ ही, राज्य में 9 वंदे भारत और 2 अमृत भारत ट्रेनों की सेवाओं का भी जिक्र किया।
कोलकाता की सड़क और बंदरगाह कनेक्टिविटी को नई रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 1,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 7.2 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले कोना एक्सप्रेसवे की आधारशिला भी रखी। उन्होंने कहा कि इसके बन जाने से बंदरगाहों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी और व्यापार, वाणिज्य व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन केवल मेट्रो और हाईवे का उद्घाटन भर नहीं है, बल्कि यह प्रमाण है कि नया भारत अपने शहरी परिदृश्य को कैसे बदल रहा है। उन्होंने ‘वेस्ट टू वेल्थ’ जैसे अभियानों का जिक्र करते हुए बताया कि अब शहर कचरे से बिजली पैदा कर रहे हैं और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक बसों व चार्जिंग पॉइंट्स का तेजी से विस्तार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अंत में कहा कि इन परियोजनाओं से कोलकाता और पश्चिम बंगाल का भविष्य और सशक्त होगा। उन्होंने राज्य के नागरिकों को इन योजनाओं की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह विकास यात्रा भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर, रवनीत सिंह बिट्टू और सुकांत मजूमदार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।