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पीएनबी ने राजभाषा के क्षेत्र में किया अभिनव आयोजन, हिंदी को जन-जन की भाषा बनाने का लिया संकल्प

Amar sandesh नई दिल्ली।पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) ने आज अपने प्रधान कार्यालय में एक महत्वपूर्ण आयोजन करते हुए अखिल भारतीय अंतर बैंक सेमिनार एवं देशभर में कार्यरत नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों (नराकास) के अध्यक्षों का सम्मेलन आयोजित किया। इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अशोक चंद्र ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जॉली की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में बैंक के कार्यपालक निदेशक श्री एम. परमशिवम भी मंच पर उपस्थित रहे।

“पीएनबी प्रवाह – कृत्रिम बुद्धिमत्ता आलेख संकलन” का विमोचन

इस सम्मेलन के दौरान पीएनबी के राजभाषा विभाग द्वारा तैयार की गई विशेष पुस्तक “पीएनबी प्रवाह – कृत्रिम बुद्धिमत्ता आलेख संकलन” का विमोचन मुख्य अतिथि तथा बैंक के शीर्ष नेतृत्व द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह पुस्तक आधुनिक तकनीक और राजभाषा के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।

हिंदी को डिजिटल युग में आगे बढ़ा रहा है पीएनबी प्रबंध निदेशक अशोक चंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा,“हिंदी न केवल हमारी राजभाषा है, बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान का भी प्रतीक है। पंजाब नैशनल बैंक ने राजभाषा के प्रचार-प्रसार में सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। देश के अंतिम गाँव तक बैंकिंग सेवाएं तभी प्रभावशाली होंगी, जब वे हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान की जाएं। पीएनबी आज 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।”

उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि पीएनबी की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय द्वारा की गई थी, जो इसे देश की मिट्टी से जुड़ा प्रथम स्वदेशी बैंक बनाता है। उन्होंने कहा कि“राजभाषा हिंदी को जन-जन की भाषा बनाने की नैतिक ज़िम्मेदारी पीएनबी जैसे संस्थानों की सबसे अधिक है।”

मुख्य अतिथि डॉ. मीनाक्षी जॉली ने पीएनबी की राजभाषा नीति की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा “पीएनबी ने राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में जो आदर्श प्रस्तुत किया है, वह अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत है। हम सभी को अपने कार्यों में सरल और सहज हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।”

उन्होंने उपस्थित सभी अधिकारियों से “कंठस्थ 2.0” अनुवाद टूल को अपने कार्यों में अपनाने का आह्वान भी किया।

कार्यक्रम के दौरान पीएनबी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय अंतर बैंक निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ नराकास अध्यक्षों एवं सदस्य सचिवों को भी सम्मानित किया गया। पुरस्कार वितरण मुख्य अतिथि, प्रबंध निदेशक एवं कार्यपालक निदेशक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम का समापन श्रीमती मनीषा शर्मा, सचिव – दिल्ली बैंक नराकास एवं सहायक महाप्रबंधक द्वारा दिए गए भावपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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