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अब बोर्ड-आउट कैडेट भी पाएंगे ईसीएचएस का लाभ, सरकार ने दी मंजूरी

 

Amar sandesh नई दिल्ली।सशस्त्र बलों की गरिमा और कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब वे अधिकारी कैडेट, जो एनडीए, ओटीए और आईएमए जैसे प्रतिष्ठित सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल होकर प्रशिक्षण के दौरान चोट या बीमारी की वजह से चिकित्सा आधार पर बाहर कर दिए जाते हैं, उन्हें भी पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) की सुविधा मिलेगी।

अब तक इन कैडेटों को पूर्व सैनिक का दर्जा नहीं मिलने के कारण ईसीएचएस का लाभ नहीं मिल पाता था। प्रशिक्षण अधूरा रह जाने के बाद कई बार उन्हें आजीवन विकलांगता झेलनी पड़ती है, जिससे परिवारों पर आर्थिक और भावनात्मक बोझ बढ़ जाता है। सरकार ने इस मानवीय पहलू को देखते हुए उन्हें कैशलेस और कैपलेस स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने का निर्णय लिया है।

इस सुविधा के लिए कैडेटों से किसी प्रकार का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाएगा, जबकि अभी पूर्व सैनिक अधिकारियों के लिए यह राशि 1.20 लाख रुपये है। प्रभावित कैडेटों को पहले से ही विकलांगता की गंभीरता के आधार पर मासिक अनुग्रह राशि दी जाती है, लेकिन अब उन्हें ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स और पैनलबद्ध अस्पतालों से निःशुल्क ओपीडी और कैशलेस इलाज भी मिलेगा।

ईसीएचएस योजना की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी और आज यह पूरे देश में 30 क्षेत्रीय केंद्रों और 448 पॉलीक्लिनिक्स के जरिए 63 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही है। अब बोर्ड-आउट कैडेट भी इस विशाल नेटवर्क का हिस्सा बन सकेंगे।

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