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एनबीसीसी को मिली राजस्थान की ₹3,700 करोड़ की मेगा शहरी परियोजना की जिम्मेदारी

भारत मंडपम के बाद अब जयपुर में बनेगा ‘राजस्थान मंडपम’, वैश्विक स्तर का सम्मेलन केंद्र

Amar sandesh दिल्ली/जयपुर। राजस्थान की राजधानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन और निवेश हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने ₹3,700 करोड़ की शहरी नवीकरण और नवोन्मेष परियोजना को मंजूरी दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड को सौंपी गई है।यहां चित्र काल्पनिक है
राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (RIICO) की 95 एकड़ भूमि पर विकसित होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान मंडपम कन्वेंशन सेंटर, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर टॉवर, आईटी टॉवर, लग्जरी होटल्स और वाणिज्यिक-आवासीय अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान 2047 विजन की आधारशिला माना जा रहा है।
भारत मंडपम जैसा होगा ‘राजस्थान मंडपम’
इस परियोजना का सबसे बड़ा आकर्षण राजस्थान मंडपम होगा, जिसे लगभग 25 एकड़ भूमि पर ₹2,200 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। 2 लाख वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाला यह कन्वेंशन सेंटर 7,000-7,500 लोगों की क्षमता के साथ विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा। यह दिल्ली के भारत मंडपम की तरह ही अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनियों के लिए खास केंद्र बनेगा।
स्व-वित्तपोषण मॉडल से होगा विकास
इस परियोजना को स्व-वित्तपोषण मॉडल पर तैयार किया जाएगा। भूखंडों और परिसंपत्तियों की बिक्री एवं पट्टे से मिलने वाली आय से निर्माण कार्य को गति मिलेगी। इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार परियोजना के लिए ₹635 करोड़ का योगदान भी करेगी।
यूनिटी मॉल का भी जिम्मा एनबीसीसी के पास
इसी क्रम में, एनबीसीसी को जयपुर में यूनिटी मॉल (पीएम एकता मॉल) के निर्माण की जिम्मेदारी भी मिल चुकी है। ₹202 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी है और इसके लिए ₹100 करोड़ पहले ही स्वीकृत हो चुके हैं। जयपुर हवाई अड्डे के पास बनने वाले इस मॉल में देशभर के ODOP, जीआई टैग और राज्य उत्पादों की दुकानें होंगी।
राजस्थान मंडपम और टेक टावर्स के विकास से रोजगार, पर्यटन और सेवा क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा। परियोजना पूरी होने के बाद जयपुर को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलेगी और यह राजस्थान की अर्थव्यवस्था के लिए नया इंजन साबित होगा।
यह परियोजना सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि ‘नए राजस्थान की नई तस्वीर’ होगी।
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