जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ, मनरेगा राशि अब होगी जल संरक्षण को समर्पित
“पानी ही जीवन है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण बनी राष्ट्रीय प्राथमिकता”–शिवराज सिंह चौहन
Amar sandesh नई दिल्ली। देशभर में जल संरक्षण को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत गुरुवार को हुई। केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल ने कृषि भवन से ‘जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, विभागीय सचिव शैलेश कुमार सिंह, केंद्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, जिला कलेक्टर्स और ग्रामीण ब्लॉकों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में वर्चुअल रूप से जुड़े।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महात्मा गांधी नरेगा के तहत जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसी के तहत अब ‘अति जलसंकट ग्रसित’ और ‘गंभीर’ ग्रामीण ब्लॉकों में मनरेगा की 65 प्रतिशत राशि जल कार्यों पर खर्च होगी। वहीं ‘अर्ध-गंभीर’ ब्लॉकों में यह हिस्सा 40 प्रतिशत और जल संकट से मुक्त क्षेत्रों में भी न्यूनतम 30 प्रतिशत रहेगा।
उन्होंने कहा कि यह नीतिगत आवंटन सुनिश्चित करेगा कि संसाधन उन क्षेत्रों तक पहुंचे, जहां इनकी सबसे अधिक आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कैच द रेन’, वर्षा जल संचयन, अमृत सरोवर और अन्य अभियानों से जल संरक्षण को जन-जन का संकल्प बनाया है। बेहतर जल प्रबंधन से भूजल स्तर बढ़ेगा, नदियां पुनर्जीवित होंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “पानी ही जीवन है, पानी है तो कल है, आज है, पानी बिना सब कुछ असंभव है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अब जल संरक्षण हर गांव, हर व्यक्ति का संकल्प बनेगा।” उन्होंने बताया कि अमृत सरोवर योजना में 50 हजार की जगह 68 हजार से अधिक सरोवर बनाए जा चुके हैं, जो जल प्रबंधन की ऐतिहासिक उपलब्धि है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय ग्रामीण विकास और जल सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री और शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल से ग्रामीण भारत के जीवन, पर्यावरण, पशुधन और कृषि सभी लाभांवित होंगे।
पृष्ठभूमि में यह उल्लेखनीय है कि पिछले 11 वर्षों में मनरेगा ने लगभग 8.4 लाख करोड़ रुपए के व्यय और 3000 करोड़ से अधिक मानव-दिवस रोजगार सृजन के साथ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम का रूप लिया है। इस दौरान 1.25 करोड़ से अधिक जल संरक्षण परिसंपत्तियां निर्मित की गई हैं, जिससे जल संकटग्रस्त क्षेत्रों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।