कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी भाषा अकादमी के नए उपाध्यक्ष मनोनीत हुए एम एस रावत
सी एम पपनैं
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के उप-मुख्यमंत्री, शिक्षा, कला, संस्कृति और भाषा अकादमी मंत्री मनीष सिसोदिया के दिशानिर्देश पर भाषा अकादमी सचिव डॉ जीतराम भट्ट द्वारा जारी किए गए 6 अगस्त 2020 के पत्रानुसार उत्तराखंड की अग्रणी प्रवासी सामाजिक संस्था गढ़ देशीय भ्रात मंडल के पूर्व महासचिव व मयूर पब्लिक स्कूल दिल्ली के चेयरमैन, शिक्षाविद मनवर सिंह रावत को कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी भाषा अकादमी का नया उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की सुग-बुगाहट से पूर्व 16 अक्टूबर 2019 को दिल्ली की आप सरकार द्वारा उत्तराखंड के लाखों प्रवासी बन्धुओ की लम्बे अर्से से चली आ रही कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी भाषा अकादमी गठन की मांग को स्वीकार कर, सु-विख्यात लोकगायक व कवि हीरासिंह राणा को निष्पक्ष तौर पर अकादमी का पहला उपाध्यक्ष मनोनीत कर गांव-देहात व प्रवास मे निवासरत उत्तराखंड वासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। दुर्भाग्यवश, विगत 13 जून 2020 को हीरासिंह राणा के आकस्मिक निधन के बाद भाषा अकादमी उपाध्यक्ष पद रिक्त हो गया था।
मनोनीत नए अकादमी उपाध्यक्ष मनवर सिंह रावत लम्बे समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसः पार्टी के अनेक पदों पर आसीन रहे हैं। कांग्रेसः मे ज्यादा अहमियत व विधानसभा चुनाव में पार्टी टिकट न मिलने से क्रुद्ध एम एस रावत को आप पार्टी द्वारा रिक्त भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष पद पर मनोनीत कर कांग्रेसः पार्टी को झटका दिया है।
दिल्ली प्रवास मे उत्तराखंड के प्रवासियों की संख्या तीस लाख से ऊपर आंकी जाती है, जो राजनैतिक बोट बैंक की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण आंकड़ा है। बोट चातुर्य की दृष्टि से, आप सरकार द्वारा तीन वर्ष पूर्व हिंदी अकादमी की ओर से प्रतिवर्ष दिए जाने वाले साहित्यिक पुरुष्कारो मे गढ़वाली व कुमांऊनी साहित्य सृजन को भी शामिल कर उत्तराखंड की बोली-भाषा के साहित्यकारो के मध्य संतोष जगाया था।
8 नवंबर 2019 को उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में नव गठित भाषा अकादमी की बीस सदस्यीय गवर्निग बॉडी की पहली बैठक में मे 2 करोड़ रुपयों के सरकार द्वारा किए गए बजट आवंटन के फैसले के अंतर्गत, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 25 कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी बोली-भाषा सीखने के अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए शिक्षण केंद्र खोले जाने। गणतंत्र दिवस पर तीनों बोली-भाषा के कवियों का कवि सम्मेलन आयोजित करने। उत्तरैणी-मकरैणी पर्व के आयोजन को बढ़ावा दिए जाने। उत्तराखंड का म्यूजियम व लाइब्रेरी बनाने। उत्तराखंड की बोली-भाषाओं और संस्कृति के क्षेत्र मे बेहतरीन काम करने वाले प्रबुद्ध साहित्यकारो व संस्कृति कर्मियों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न तरह के अवार्ड शुरू किए जाने तथा बोली-भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों की रूप रेखा पर मुहर लगाई गई थी।
21 दिसंबर 2019 को कनॉट प्लेस के सैंट्रल पार्क मे नव गठित भाषा अकादमी के कार्यक्रमो का शुभारम्भ, दो दिनी लोकपर्व के अंतर्गत, उत्तराखंड की लोकसंस्कृति पर आधारित भव्य प्रदर्शनी व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर किया गया था। माह जनवरी 2020 मे अकादमी के तत्वाधान मे दिल्ली के विभिन्न स्थानों मे उत्तरैणी-मकरैणी महोत्सव का आयोजन विधानसभा चुनाव घोषित हो जाने के बाद भी, प्रवासी बन्धुओ द्वारा बड़े हर्षोल्लाष व उमंग के साथ मनाया गया था।
भाषा अकादमी की गठित बीस सदस्यीय मनीष सिसोदिया अध्यक्षता वाली समिति में दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव और कला-संस्कृति व भाषा विभाग के सचिव पदेन सदस्यों के अतिरिक्त डॉ जीतराम भट्ट सचिव कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी भाषा अकादमी तथा आम सदस्यों मे पवन कुमार मैठाणी, बी एन ढोंडियाल, दिनेश बिष्ट, बृज मोहन उप्रेती, दिवाकर उनियाल, राजेश्वर प्रसाद शर्मा, चंद्र कला नेगी, पार्वती बडोला, सूरज सिंह रावत, पी एस पवार, पृथ्वी सिंह, प्रीती कोटनाला सालियान, पी एन शर्मा, जय सिंह राणा, संदीप शर्मा हैं।
कुमांऊनी, गढ़वाली व जौनसारी भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष पद पर नवाजे जाने के बाद, एक बहुत बड़ी चुनोती नवनियुक्त भाषा अकादमी उपाध्यक्ष एम एस रावत को आप सरकार व अन्य मनोनीत प्रबुद्ध सदस्यों के सानिध्य में खरे उतर कर निभाने की चुनोती है। प्रवासी बन्धुओ के मध्य कयास लगाए जा रहे हैं, आप पार्टी द्वारा कुछ सोच-समझ कर, विश्वास के साथ भाषा अकादमी की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी शिक्षाविद एम एस रावत को सौपी गई होगी। इसी विश्वास के बल दिल्ली की अनेको प्रवासी सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े प्रबुध्द जन शुभकामनाऐ देने के लिए एम एस रावत के मयूर पब्लिक स्कूल के आफिस मे बड़ी संख्या में पहुच रहे हैं।