वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू की अध्यक्षता में आईबीए द्वारा एमएसएमई सशक्तिकरण पर बैठक
एमएसएमई सशक्तिकरण: आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की राह
Amar sandesh नई दिल्ली। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने आज भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की ओर से आयोजित “एमएसएमई का सशक्तिकरण: अवसर, चुनौतियां और आगे की राह” विषयक बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, पब्लिक सेक्टर बैंक, निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक, आईबीए के वरिष्ठ अधिकारी तथा देशभर के एमएसएमई उद्योग संघों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्य संबोधन में सचिव एम. नागराजू ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम न केवल भारतीय बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की भी रीढ़ हैं। भारत की जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत और देश के निर्यात में 45 प्रतिशत से अधिक योगदान देने वाला यह क्षेत्र उद्यमशीलता, रोजगार सृजन और समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का विविध एमएसएमई क्षेत्र, पारंपरिक उद्योगों से लेकर आधुनिक तकनीकों तक फैला हुआ है और यह विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
बैठक में सरकार की विभिन्न पहलों पर प्रस्तुति दी गई और एमएसएमई क्षेत्र की चुनौतियों तथा अवसरों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। चर्चाओं के दौरान डिजिटल ऋणों की ओर पूर्ण रूप से रुख, नकदी प्रवाह आधारित अंडरराइटिंग मॉडल, विलंबित भुगतानों की समस्या का समाधान, डेटा गुणवत्ता में सुधार, जागरूकता बढ़ाने और वित्त तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया।
इस अवसर पर यह सहमति बनी कि उद्योग, बैंकिंग संस्थान और सरकार मिलकर एमएसएमई क्षेत्र को और अधिक सशक्त बना सकते हैं। बैठक का फोकस इस बात पर रहा कि कैसे जिम्मेदार नीतियों और प्रभावशाली समर्थन प्रणालियों के माध्यम से इस क्षेत्र की मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं को पूरा कर भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकता है।