दिल्लीराज्यराष्ट्रीय

कार्पेट उद्योग में महिलाओं की अहम भूमिका : अजय टम्टा

नई दिल्ली,। राजधानी दिल्ली के एनएसआईसी एक्जीबिशन ग्राउंड ओखला में 4 दिवसीय 35वें ‘इंडिया कार्पेट एक्स्पो 2018’ का उद‍्घाटन टेक्सटाइल राज्य मंत्री अजय टम्टा  किया गया। । इस मौके पर जम्मू और कश्मीर सरकार के माननीय वित, संस्कृति और श्रम व रोजगार मंत्री हसीब अहमद द्राबू के अलावा डॉ अनंत कुमार सिंह, सचिव (टेक्सटाइल्स) और शांतमनु, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, उद्योग के प्रतिनिधि, चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा उपस्थित रहे। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 8 मार्च से 11 मार्च तक चलेगी

टेक्सटाइम राज्य मंत्री अजय टम्टा ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन यानि 8 मार्च महिला शक्ति का दिन है और कार्पेट उद्योग में महिलाओं की बहुत भागीदारी है। महिलाएं दिन रात एक करके अपनी कड़ी मेंहनत से कार्पेट उद्योग में अपना योगदान दे रही हैं। इसलिए यह एक्सपो आज के दिन उन्हीं महिलाओं को समर्पित है। इंडिया कार्पेट एक्सपो हाथ से बने कालीनों के एिशया के सबसे बड़े मेंलों में से एक है। यह खरीददारों के लिए एक खास प्लेटफॉर्म है, जहां पर वे एक ही जगह से उम्दा हस्तनिर्मित कालीन, रग्स व अन्य फ्लोर कवरिंग प्राप्त कर सकते हैं। यह एक्सपो हर साल होता है, इसका उद्देश्य भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों व अन्य फ्लोर कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना और विदेशों से आने वाले कालीन खरीददारों के बीच भारतीय बुनकरों के कौशल को बढ़ावा देना है।

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस एक्स्पो से 300-400 करोड़ रुपये का कारोबार मिलेगा तथा हमारे नव विकसित संबन्धों से अतिरिक्त 800-1000 करोड़ रुपये मूल्य के कारोबार हेतु पूछताछ होगी। हम चीन के साथ पूछताछ, जुड़ाव और वहां को निर्यात की संभावनाओं की भी अपेक्षा कर रहे हैं।” कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने एक्स्पो को कामयाब बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी है। इसने न केवल थोक खरीददारों को आमंत्रित किया है और उन्हें प्रोत्साहन दिया है, बल्कि नई दिल्ली के आसपास के होटलों में उन्हें दो रातों का कॉम्पलिमेंट्री स्टे भी दिया है।

35वीं इंडिया कार्पेट एक्स्पो को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। 258 प्रदर्शक अपने उत्पादक इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित कर रहे हैं और 60 देशों से अिधक कालीन आयातकों ने इस एक्सपो में रजिस्टर्ड किया है। हालांकि परम्परागत रूप से ये आयातक ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कैनेडा, चीन, चिली, जर्मनी, मेक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएसए से होते हैं, किंतु इस बार कुछ देशों के खरीददारों का पहली बार प्रवेश हो रहा है, जिनमें शामिल हैं- बुल्गारिया, इजरायल, मलेशिया, मॉरिशस, ताईवान, जिम्बाबे, वियतनाम, सर्बिया और हंगरी, यहां के आयातकों ने पहली बार एक्सपो में आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इतने सालों में इंडिया कार्पेट एक्स्पो ने स्वयं को एक बहुत बड़े खरीद मंच के तौर पर स्थापित कर लिया है, जहां पूरे विश्व से कालीनों के खरीददार आते हैं।

 

बीते वर्षों में इंडिया कार्पेट एक्सपो हस्तनिर्मित कालीनों की दुनिया भर में फैले कद्रदानों के लिए प्रसिद्ध स्थल बन गया है। भारत की विशिष्ट क्षमता है कि यहां कालीन खरीददारों के विनिर्देशों मुताबिक किसी भी किस्म के डिजाइन, रंग, क्वालिटी व आकार को सहजता से अपना लिया जाता है। इस वजह से भारतीय कालीन न केवल घर-घर में पहचाने जाते हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उन्हें तरजीह देकर खरीदा जाता है।

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *