साहित्यकार दिनेश ध्यानी महेश्वरी देवी – कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति चतुर्थ साहित्य सम्मान से सम्मानित।
कोटद्वार: महेश्वरी देवी- कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास (पंजी.), दिल्ली द्वारा महेश्वरी देवी -कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति चतुर्थ साहित्य सम्मान 201८ गढ़वाली एवं हिन्दी के साहित्यकार दिनेश ध्यानी को प्रदान किया गया। महेश्वरी देवी कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति द्वारा बुधवार १४ नवम्बर २०१८ को ढौंटियाल में ग्रीन हिल्स मॉर्डन स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में सुप्रसिद्ध समाज सेवी एवं हंस कल्चर सेण्टर के उत्तराखण्ड प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट समारोह के मुख्य अतिथि वं सुप्रसिद्ध साहित्यकार, लेखिका डॉ. हेमा उनियाल विशिष्ठ अतिथि की उपस्थिति में यह सम्मान प्रदान किया गया इस अवसर पर गढ़वाली कवि सम्मलेन का आयोजन भी किया गया।
दिनेश ध्यानी ने हिन्दी एवं गढ़वाली भाषा में कई पुस्तकें लिखी हैं,जिनमे प्रमुख गढ़वाली की गंगाजी का जौ छन भैजी,धार ओर -धार पोर, गढ़वाली कविता संग्रह, न्यूतेर, गढ़वाली कहानी संग्रह, वीरा बैण, गढ़वाली लोक कथा संग्रह, एवं वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली: पेशावर का महानायक, शोधपरक जीवनी आदि प्रमुख हैं। दिनेश ध्यानी उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच के माध्यम से हर साल राष्ट्रीय राजधानी छेत्र दिल्ली में गढ़वाली-कुमाउनी भाषा शिक्षण कक्षाओं का आयोजन करते हैं। व महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल जी की स्मृति में मंच हर साल साहित्य, समाज सेवा, कला, लोक संस्कृति आदि के छेत्र में कई प्रतिभाओं को सम्मान प्रदान करता है एवं असहाय लोगों की मदद भी करता है। दिनेश ध्यानी जनसरोकारों से जुड़े रहते हैं एवं नई पीढ़ी के लेखकों एवं साहित्यकारों को प्रोत्साहित करते रहते हैं।
महेश्वरी देवी-कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास (पंजी.), दिल्ली के अध्यक्ष मनमोहन बुड़ाकोटी ने बताया कि न्यास विगत वर्ष 2015 से साहित्य, कला एवं समाज सेवा के क्षेत्र में सम्मान प्रदान कर रहा है। महेश्वरी देवी-कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास समाज के गरीब लोगों की भी मदद करता है और विद्यालयों में भी छात्र/छात्राओं को स्कूल की वर्दी, बैग आदि समय-समय प्र वितरित करता रहता है। जागरूकता कैम्प और हेल्थ कैंप लगाने का भी न्यास का निकट भविष्य में विचार है। भविष्य में न्यास अन्य क्षेत्रों में भी प्रतिभाओं को तलाशकर उन्हें समाज के सामने लाने एवं उनके कार्य को उचित सम्मान देने का प्रयास करेगा। इसके अतिरिक्त महेश्वरी देवी -कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास(पंजी.), दिल्ली गढ़वाली, कुमाउनी एवं जौनसारी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने हेतु भी प्रयासरत है और सभी के साथ मिलकर इस मुहिम हो कार्यरूप देने के लिए प्रयासरत है।
१४ नवम्बर २०१८ को ढौंटियाल में आयोजित सम्मान समारोह कोटद्वार में में लोकभाषा आन्दोलन के प्रमुख स्तंभ कवि एवं ग़ज़लकार राकेश मोहन ध्यानी ने मान पत्र पढ़कर सुनाया। हंस कल्चर सेण्टर के उत्तराखण्ड प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट मुख्य अतिथि ने अंग वस्त्र ओढ़ाकर दिनेश ध्यानी का सम्मान किया, सुप्रसिद्ध साहित्यकार, लेखिका डॉ. हेमा उनियाल समारहों की विशिष्ठ अतिथि ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इसके अतिरिक्त महेश्वरी देवी-कुलानन्द बुड़ाकोटी स्मृति न्यास (पंजी.), दिल्ली के अध्यक्ष मनमोहन बुड़ाकोटी ने दिनेश ध्यानी को रु १५०००/- पन्द्रह हजार रूपये सम्मान राशि प्रदान की। इस सम्मान समारोह में गढ़वाली कवि सम्मलेन का भी आयोजन किया गया थाकवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों को भावबिभोर कर दिया। मंच सञ्चालन राकेश मोहन ध्यानी ने किया।