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हिमाचल में 2592 करोड़ की लागत से बन रहे नेशनल हाईवे, 2027 तक पूर्ण होंगे: जे.पी. नड्डा

Amar sandesh दिल्ली/हिमाचल।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज बिलासपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में हिमाचल प्रदेश को लेकर अनेक महत्त्वपूर्ण विकास कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय कुल 25 राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्माण कार्य जारी है, जिनकी कुल लंबाई 2592 किलोमीटर है। इनमें से 785 किलोमीटर का निर्माण कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा, 1238 किलोमीटर सड़कें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा तथा 569 किलोमीटर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) द्वारा किए जा रहे हैं।

नड्डा ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में हिमाचल में सड़क अधोसंरचना में व्यापक विस्तार हो रहा है, और यह समस्त कार्य 2026 से 2028 के बीच पूर्ण कर लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चार बड़ी परियोजनाएं वर्तमान में प्रगति पर हैं जिनमें कीरतपुर-मनाली कॉरिडोर, शिमला-मटौर राजमार्ग, पठानकोट-मंडी मार्ग प्रमुख हैं। अकेले कीरतपुर-मनाली प्रोजेक्ट पर कुल 9452 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें 28 टनल का निर्माण प्रस्तावित है, जिनकी कुल लंबाई 41 किलोमीटर होगी। शिमला-मटौर प्रोजेक्ट पर 10208 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें 15 सुरंगें बनाई जा रही हैं। पठानकोट-मंडी मार्ग पर 13 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री को दो अहम विषयों पर पत्र लिखकर वार्ता भी करेंगे। पहला मुद्दा यह है कि NHAI द्वारा किए जा रहे कार्यों को औद्योगिक श्रेणी से बाहर किया जाए ताकि इन्हें हर वर्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनिवार्य NOC लेने की बाध्यता से मुक्ति मिल सके। अस्थायी क्रेशर, हॉट मिक्स प्लांट एवं तारकोल पिघलाने वाले उपकरणों को हर वर्ष अनुमति लेने की आवश्यकता न पड़े जिससे कार्य की गति बाधित होती है। दूसरा विषय व्यास नदी के इर्द-गिर्द ड्रेजिंग कार्य से संबंधित है, जिस पर नड्डा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकार को शीघ्र निर्णय लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सुमदो-काजा सड़क की स्वीकृति की जानकारी दी, जिसे 2024 में स्वीकृति मिल गई थी, परंतु राज्य सरकार द्वारा अभी तक वन मंजूरी नहीं दी गई है, जिसके कारण BRO इस कार्य को प्रारंभ नहीं कर पा रहा है।

बिलासपुर जिले के लिए उन्होंने विशेष तौर पर एक महत्त्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि घुमारवीं-शाहतलाई सड़क के उन्नयन के लिए 35 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह कार्य केंद्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (CIF) के माध्यम से संपन्न होगा और 2026 तक यह सड़क आधुनिक रूप में तैयार कर दी जाएगी।

प्रेस वार्ता के दौरान कानून व्यवस्था पर बोलते हुए नड्डा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो जनता क्या अपेक्षा रखे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और यहां पर इस प्रकार की घटनाएं, जहां कानून व्यवस्था चरमराए और सरकारी एजेंसियों में टकराव हो, चिंताजनक हैं। यह पहली बार है जब राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर इस तरह की अराजक स्थिति देखी जा रही है।

उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार यह दुष्प्रचार करने का प्रयास कर रही है कि केंद्र सरकार हिमाचल की उपेक्षा कर रही है, जबकि सच्चाई इसके उलट है। उन्होंने आंकड़ों के साथ बताया कि केंद्र द्वारा भेजी गई अनेक योजनाओं की धनराशि प्रदेश सरकार खर्च ही नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि 2021 से 2025 के बीच केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत 360 करोड़ रुपये प्रदान किए, जिनमें से राज्य सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई। इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लॉक-स्तरीय पब्लिक हेल्थ यूनिट्स बननी थीं, जिनमें से केवल 6 ही बन पाई हैं और केवल 14 के टेंडर हुए हैं। आठ क्रिटिकल केयर यूनिट्स में से अधिकांश अब भी निर्माणाधीन हैं।

इसके अतिरिक्त 15वें वित्त आयोग से मिले 521 करोड़ रुपये में से राज्य सरकार केवल 128 करोड़ ही खर्च कर सकी है। मुख्यमंत्री द्वारा जाइका से सहायता मांगी गई थी, जिस पर केंद्र ने 30 जून को 1138 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। इसमें से 1024 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में दिए गए हैं, जबकि शेष राशि सस्ते ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्राकृतिक आपदा राहत के लिए SDRF के अंतर्गत 1736 करोड़, NDRF से 1071 करोड़ और स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड से 339 करोड़ रुपये राज्य को दिए गए हैं।

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