उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा और संगीत को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड का मकसद
Amar chand दिल्ली।दिल्ली का श्रीफोर्ट ऑडिटोरियम शनिवार की रात उत्तराखंड की कला, संस्कृति और सिनेमा के रंगों से सराबोर हो उठा। मौका था उत्तराखंड फिल्म जगत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह यंग उत्तराखंड सिने अवॉर्ड्स (YUCA) 2025 का। उत्तराखंड की धरती से निकले कलाकारों और फिल्मकारों की मेहनत व हुनर को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने वाले इस समारोह का आयोजन यंग उत्तराखंड संस्था ने 13वीं बार सफलता के साथ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत वीर शहीद सैनिकों को सलामी देने और हाल ही में उत्तरकाशी आपदा में दिवंगत हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। साथ ही उत्तराखंड के वरिष्ठ कलाकार स्व. घनानंद (घना भाई) और स्व. जगदीश बकरोला को भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। लगभग दो हजार दर्शकों की मौजूदगी ने जब विजेताओं के नाम घोषित हुए तो सभागार तालियों से गूंज उठा।9
इस बार अवॉर्ड्स में फिल्म “जौनाः” ने सबसे ज्यादा चमक बिखेरी। अरुण चंद्रा को इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का खिताब शिवानी भंडारी को उनकी फिल्म “कारा एक प्रथा” के लिए दिया गया। “जौना” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म और उसके निर्देशक निशे को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला। वहीं “कारा एक प्रथा” से रमेश रावत ने सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार जीता।
संगीत जगत में भी उत्तराखंड की सुरमयी धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। नरेंद्र सिंह नेगी को गीतकार, विवेक नौटियाल और ममता आर्य को सर्वश्रेष्ठ गायक-गायिका के खिताब से नवाजा गया। साथ ही संगीत निर्देशक नितेश बिष्ट को फिल्म “सुवा प्रतापा” के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने भी दर्शकों को रोमांचित कर दिया। मंच पर रंग-बिरंगे पारंपरिक नृत्यों और गीतों ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मंजू बहुगुणा को “यंग उत्तराखंड लाइफ टाइम सिने अवार्ड” और गायक गंभीर धामी को “गोपाल बाबू गोस्वामी लीजेंड्री सिंगर अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
यंग उत्तराखंड संस्था के महासचिव अनुप डोबरियाल ने कहा कि संस्था का उद्देश्य उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा और संगीत को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “यंग उत्तराखंड सिने अवॉर्ड्स (YUCA) 2025 का। उत्तराखंड की धरती से निकले कलाकारों को सम्मान देने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करता है।”विशेष बात यह रही कि दर्शकों का प्रवेश इस कार्यक्रम में नि:शुल्क था, लेकिन सीट आरक्षित करने की व्यवस्था पहले से होती है। यही कारण है कि हर साल प्रवासी उत्तराखंडी समाज और कला प्रेमियों का यह समारोह एक बड़े उत्सव का रूप ले लेता है।
इस बार “जौनाः” और “कारा एक प्रथा” जैसी फिल्मों ने साबित कर दिया कि उत्तराखंड का सिनेमा न सिर्फ अपनी जड़ों से जुड़ा है बल्कि राष्ट्रीय मंच पर भी जोरदार पहचान बनाने को तैयार है। इस खबर की पूरी जानकारी अमर संदेश को एच.बी .टी म्यूजिक वॉइस ऑफ़ उत्तराखंड कंपनी के निर्माता निर्देशक एवं समाजसेवी मोहन सिंह रावत द्वारा की गई। उन्होंने सभी सम्मानित कलाकारों को शुभकामनाएं दी।