Amar sandesh नई दिल्ली, जून 2025। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयुष मंत्रालय ने एक ऐतिहासिक पहल की है। इस वर्ष योग दिवस न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर उत्सव का रूप लेने जा रहा है। अब तक लाखों लोगों ने पंजीकरण कर इस दशकगांठ को विशेष बनाने की दिशा में योगदान दिया है।
इस दशकीय समारोह को विशेष बनाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा 100 दिनों की अवधि में 10 विशिष्ट कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जो समाज के सभी वर्गों को शामिल करते हुए योग के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को रेखांकित करेंगे। ये कार्यक्रम भारत और विदेशों में योग के व्यापक परिदृश्य का प्रदर्शन करेंगे।
योग संगम – राष्ट्रीय कार्यक्रम के साथ 1,00,000 से अधिक स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन।
योग बंधन – अंतरराष्ट्रीय सहयोग और योग प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान को बढ़ावा।
हरित योग – पर्यावरणीय कार्यों जैसे वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान के साथ योग का समावेश।
योग पार्क – सार्वजनिक पार्कों को योग-अनुकूल स्थलों में रूपांतरण।
योग समावेश – वंचित और विशेष समूहों के लिए अनुकूलित योग कार्यक्रम।
योग प्रभाव – योग दिवस के सामाजिक प्रभावों पर आधारित एक दशक की व्यापक रिपोर्ट।
. योग कनेक्ट – 14 जून को वैश्विक ऑनलाइन योग शिखर सम्मेलन का आयोजन।
योग अनप्लग्ड – युवाओं के लिए तकनीक और पारंपरिक योग का मिलन
. योग महाकुंभ – योग के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयामों को समर्पित भव्य आयोजन।
सम्यग – आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के साथ योग आधारित अनुसंधान और प्रमाणिकता का समन्वय।
इन सभी कार्यक्रमों का संचालन भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों और विदेशों में भारतीय मिशनों के सहयोग से किया जा रहा है। इसके अंतर्गत योग शिविर, विशेष अभियान, प्रतियोगिताएँ और जन-जागरूकता गतिविधियाँ जारी हैं।
विश्वभर में भारतीय दूतावासों और सांस्कृतिक केंद्रों के सहयोग से चल रहे कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व को और अधिक मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
पिछले दस वर्षों में योग ने न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में एक स्वस्थ, सामंजस्यपूर्ण और टिकाऊ जीवनशैली को अपनाने की प्रेरणा दी है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 इस दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
संदेश स्पष्ट है – योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का विज्ञान है जो सभी के लिए कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है।