Sunday, November 23, 2025
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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला उत्तराखण्ड की संस्कृति, हस्तशिल्प और विरासत का वैश्विक मंच: मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखण्ड दिवस पर की सहभागिता

Amar sandesh दिल्ली।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के अंतर्गत उत्तराखण्ड दिवस समारोह एवं सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस दौरान उत्तराखण्ड पवेलियन में विविध लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस वर्ष मेले की थीम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” रखी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला उत्तराखण्ड की संस्कृति, लोककला, हस्तशिल्प और समृद्ध परंपराओं को वैश्विक मंच प्रदान करने का महत्वपूर्ण अवसर है। सांस्कृतिक संध्या के माध्यम से हमारे लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक कलाओं की जीवंत झलक देश-दुनिया को देखने को मिलती है।

उन्होंने राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल” के आह्वान से उत्तराखण्ड के पारंपरिक मेलों और उत्सवों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा स्थानीय उत्पादों और पर्यटन को नया विस्तार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लक्ष्य के साथ निरंतर कार्य कर रही है। ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों से विकसित उत्तराखण्ड के लक्ष्य की ओर तीव्र गति से कदम बढ़ रहे हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि केदारखंड एवं मानसखंड के मंदिरों के सौंदर्यीकरण, हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार, हरिद्वार,ऋषिकेश कॉरिडोर एवं शारदा कॉरिडोर के निर्माण जैसे कार्य तेजी से प्रगति पर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखण्डी जहाँ भी रहते हैं, वे अपनी संस्कृति, लोकआस्था और परंपराओं को जीवंत रखते हैं, जो पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रजत जयंती वर्ष के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखण्ड पवेलियन के स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों पर लगने वाला शुल्क माफ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हथकरघा बुनकरों एवं उत्पाद धारकों ने अब तक 1 करोड़ का व्यवसाय किया है तथा 2.50 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला, पर्वतमाला, अमृत योजना, ऑल वेदर रोड और उड़ान योजना जैसी परियोजनाएँ प्रदेश के विकास को नई दिशा दे रही हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट–2023 के तहत प्राप्त 3.56 लाख करोड़ के समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं।

राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’, हाउस ऑफ हिमालयाज, स्टेट मिलेट मिशन, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होमस्टे, वेड इन उत्तराखण्ड और सौर स्वरोजगार जैसी योजनाओं से स्थानीय आजीविका को मजबूती मिली है। पिछले साढ़े चार वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की गई हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य सूचकांक (2023-24) में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में ‘अचीवर्स’ और स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर्स’ श्रेणी में स्थान मिला है।

उन्होंने कहा कि राज्य में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानून लागू किए गए हैं। ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के माध्यम से अनैतिक गतिविधियों पर प्रभावी कार्रवाई की गई है तथा 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। नकल विरोधी सख्त कानून लागू होने के परिणामस्वरूप 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” की नीति के तहत 200 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया है।

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान करते हुए कहा कि इससे कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के “विकल्प रहित संकल्प” को साकार करने हेतु निरंतर कार्यरत है और निवेशकों व प्रवासी उत्तराखण्डियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

कार्यक्रम में लोकसभा सांसद श्रीमती राजलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे। इस मौके पर उत्तराखंड के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों गीतों के माध्यम से लगों खूब झूमे और उत्तराखंड के लोक संस्कृति और लोक कलाकारोंक द्वारा की गई प्रस्तुतियों को लोगों ने खूब सराहा।

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