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पश्चिम बंगाल में माँ दुर्गा का अपमान असहनीय: डॉ. सुधांशु त्रिवेदी

Amar sandesh दिल्ली।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल में माँ दुर्गा का अपमान किए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण देश इस समय नवरात्र का पावन पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। सभी लोग शक्ति की आराधना में लीन हैं, लेकिन जब पूरा देश भक्ति और आस्था में डूबा है, तभी इंडी गठबंधन के नेताओं की ओर से दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ और बयानों की झलक सामने आ रही है। मार्च 2024 में राहुल गांधी द्वारा हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ने की बात कही गई थी और प्रतीत होता है कि शक्ति की आराधना के इस पर्व पर उसी सोच को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि हाल ही में कर्नाटक के मैसूर दशहरे के उद्घाटन पर देवी मंदिर में ‘बानू मुस्तफा’ से पूजा-अर्चना कराई गई, वहीं पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में एक दुर्गा पंडाल में गीत गाया गया – “जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना।” यह प्रश्न उठता है कि जब देश शक्ति की उपासना में जुटा है, तब दुर्गा पंडाल में इस प्रकार के गीत क्यों गाए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री स्वयं इसमें सम्मिलित होकर तालियाँ क्यों बजा रही हैं? क्या यह हिंदू धर्म की शक्ति के प्रति दुर्भावना और उस पर आघात का संकेत नहीं है?

उन्होंने कहा कि यदि किसी के दिल में काबा और नजर में मदीना है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं, लेकिन समस्या तब है जब इसे दुर्गा पंडाल में, नवरात्र के पर्व पर, मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रस्तुत किया जाता है। यह कट्टरपंथी वोटों को साधने की खतरनाक राजनीति का हिस्सा प्रतीत होता है। नवदुर्गा का पर्व भारत ही नहीं बल्कि विशेषकर पश्चिम बंगाल की संस्कृति और परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसे समय में यह कदम बंगाल की अस्मिता और आस्था पर भी आघात है।

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इंडी गठबंधन को इस पर जवाब देना चाहिए। यही लोग राम मंदिर के निमंत्रण पर नहीं गए, लेकिन बिना निमंत्रण दुर्गा पंडाल में पहुँचकर इस प्रकार की अकीदत जताना उनकी दोहरी नीति को उजागर करता है। ममता बनर्जी और राहुल गांधी को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी पार्टी का असली मंतव्य क्या है।

उन्होंने यह भी बताया कि कल केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान जिस दुर्गा पंडाल में उन्हें जाना था, वहाँ अपमानजनक ढंग से उनके पोस्टर हटा कर ममता बनर्जी के पोस्टर लगा दिए गए। इससे स्पष्ट है कि चुनावी हार की आशंका से ममता बनर्जी की छटपटाहट और बेचैनी बढ़ गई है। इतना ही नहीं, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की थीम पर बने एक पंडाल को भी जबरन बंद करा दिया गया और सरकार द्वारा दिया जाने वाला प्रतीकात्मक अनुदान भी वापस ले लिया गया।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि यह सब पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रति तिरस्कार और अपमानजनक सोच को उजागर करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पश्चिम बंगाल की जनता इस तुष्टिकरण और अवमानना की राजनीति का माकूल जवाब देगी।

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