भारत की ऊर्जा क्रांति: गैस वितरण से लेकर शोधन क्षमता तक नई ऊँचाइयों की ओर
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आईजीएल के नए कार्यालय का उद्घाटन किया, स्मार्ट गैस मीटर संयंत्र से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
Amar chandनई दिल्ली। भारत की ऊर्जा यात्रा ने बीते 11 वर्षों में परिवर्तनकारी गति पकड़ी है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2014 से पहले जहाँ देश में एलपीजी कनेक्शन की संख्या 14 करोड़ थी, वहीं आज यह 33 करोड़ से अधिक हो चुकी है। प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क भी 14,000 किलोमीटर से बढ़कर 22,500 किलोमीटर से अधिक हो गया है और भारत अब विश्व के सबसे तेज़ी से विकसित होते शोधन केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित हो चुका है।
केंद्रीय पेट्रोलियम पर प्रकृति गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली के नौरोजी नगर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के नए कार्यालय का उद्घाटन किया और जेनेसिस गैस सॉल्यूशंस के साथ साझेदारी में आईजीएल द्वारा स्थापित नए स्मार्ट गैस मीटर निर्माण संयंत्र का भी शुभारंभ किया। यह संयंत्र प्रतिवर्ष लगभग दस लाख गैस मीटर का उत्पादन करेगा, जिनमें स्मार्ट और प्रीपेड मीटर शामिल होंगे। अक्टूबर 2025 से इस संयंत्र में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, जो भारत को गैस मीटर निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के साथ उपभोक्ताओं को आधुनिक और किफायती सेवाएँ प्रदान करेगा।
आईजीएल की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कंपनी ने दिल्ली के 250 गाँवों में पीएनजी कनेक्शन पहुँचाए हैं, जिससे एक लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ रसोई ईंधन मिला है। उन्होंने इसे केवल बुनियादी ढाँचे का विस्तार न मानकर जीवन को बदलने, वायु गुणवत्ता सुधारने और ग्रामीण-शहरी अंतर पाटने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक विकास के बीच गहराई से जुड़ी इस यात्रा में पुरी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नवरात्र के पहले दिन 25 लाख नए एलपीजी कनेक्शनों की घोषणा की गई, जिससे इस योजना के तहत कुल कनेक्शन की संख्या लगभग 10.60 करोड़ तक पहुँच जाएगी।
श्री पुरी ने आईजीएल को देश के शहरी गैस वितरण क्षेत्र में अग्रणी बताते हुए कहा कि कंपनी आज 956 सीएनजी स्टेशनों का संचालन करती है, जो भारत के कुल का लगभग 12% है। आईजीएल ने अब तक 30.7 लाख घरों, 5,300 उद्योगों और 7,100 वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ा है। कंपनी प्रतिदिन 22 लाख सीएनजी वाहनों को ईंधन उपलब्ध करा रही है और 9.3 एमएमएससीएमडी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करती है।
हरदीप सिंह पुरी ने भारत की बढ़ती शोधन क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश पहले से ही दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शोधन केंद्र है और आने वाले समय में यह तीसरा सबसे बड़ा और फिर वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में है। यह न केवल ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त करेगा बल्कि रोजगार सृजन, एमएसएमई को समर्थन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी गति देगा।
उन्होंने आईजीएल द्वारा अपनाई गई अत्याधुनिक तकनीकों जैसे एसएपी-ईआरपी, जीआईएस, बिज़नेस इंटेलिजेंस डैशबोर्ड, ई-बिलिंग, स्वचालित मीटर रीडिंग और ईवी चार्जिंग सुविधाओं की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ये नवाचार ग्राहक सेवाओं को नई ऊँचाई देते हैं और शहरी गैस वितरण क्षेत्र में नए मानक स्थापित करते हैं।
भविष्य की दिशा पर बोलते हुए श्री पुरी ने कहा कि भारत का हरित ऊर्जा संक्रमण बायोगैस, एलएनजी, हाइड्रोजन-समृद्ध सीएनजी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के साथ ऊर्जा मिश्रण को और सुदृढ़ करेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि आईजीएल पहले ही 40 स्टेशनों पर ईवी चार्जिंग सुविधाएँ स्थापित कर चुका है और इसके विस्तार की योजना पर काम कर रहा है।
आईजीएल को नए कार्यालय के लिए शुभकामनाएँ देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री पुरी ने कहा कि कंपनी की यात्रा नवाचार, विकास और सामाजिक प्रभाव की रही है। नया कार्यालय केवल कार्यस्थल नहीं है, बल्कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस अवसर पर पंकज जैन, सचिव, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय,संदीप कुमार गुप्ता, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD), गैस ऑथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (GAIL),राज कुमार दुबे, अध्यक्ष, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL)कमल किशोर चाटिवाल, प्रबंध निदेशक, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL),मोहित भाटिया, निदेशक (वाणिज्य), इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL),साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।