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भारत की ऊर्जा शक्ति: पीएसयू कंपनियाँ बनीं विकास यात्रा की आधारशिला

ऊर्जा पीएसयू की विराट शक्ति और योगदान – केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

Amar chandनई दिल्ली,।भारत की विकास गाथा आज पूरी दुनिया में गूंज रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इस यात्रा में भारत का ऊर्जा क्षेत्र, विशेष रूप से सार्वजनिक उपक्रम (PSU) कंपनियाँ, एक मज़बूत स्तंभ के रूप में योगदान दे रही हैं।

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने  आधिकारिक अकाउंट पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि देश के प्रमुख व्यवसायिक प्रकाशनों के संपादकों के साथ हुए संवाद में कई मिथक और भ्रांत धारणाओं को दूर करने का प्रयास किया गया, जिनकी वजह से इन कंपनियों का शेयर मूल्यांकन वास्तविक क्षमता से कम आँका जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि तेल विपणन कंपनियाँ (OMCs) अपने 70 से अधिक वर्षों की गौरवशाली यात्रा में संचालन के पैमाने और परिमाण में अनुपम हैं।

भारत की ऊर्जा पीएसयू कंपनियाँ केवल ऊर्जा आपूर्ति की धुरी ही नहीं हैं, बल्कि प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार, उद्यमिता और छोटे उद्यमों के विकास का सशक्त साधन भी हैं। लगभग 18 लाख करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों के साथ ये कंपनियाँ देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 8% प्रतिनिधित्व करती हैं।

लगभग 170 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की परिशोधन क्षमता, 90,000 से अधिक खुदरा आउटलेट्स के माध्यम से प्रतिदिन 8 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुँच और 75 लाख से अधिक एलपीजी डिलीवरी—इन सबके साथ ये कंपनियाँ ऊर्जा आपूर्ति का विराट तंत्र संचालित कर रही हैं। इसके अलावा, 49,000 किलोमीटर लंबा पाइपलाइन नेटवर्क इनके विशाल और संगठित संचालन का प्रमाण है।

भारत की पीएसयू तेल एवं गैस कंपनियाँ न केवल देश के विकास की रीढ़ हैं, बल्कि वे बड़े उपभोक्ता आधार, मज़बूत ब्रांड पहचान और प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति के साथ निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। उच्च प्रशिक्षित एवं प्रतिबद्ध पेशेवरों की टीम द्वारा संचालित ये कंपनियाँ शेयरधारकों को निरंतर बेहतर प्रतिफल देती रही हैं और मज़बूत वित्तीय स्थिति के साथ अपनी सफलता के रिकॉर्ड को लगातार सुदृढ़ कर रही हैं।

भारत की ऊर्जा पीएसयू न केवल वर्तमान की ज़रूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी अपने संकल्प के साथ आगे बढ़ रही हैं।

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