नई दिल्ली। देश की शीर्ष मीडिया कन्फडरेशन ‘नेशनल कन्फडरेशन आफ न्यूज पेपर्स एंड न्यूज एजैंसीज इंप्लाईज आर्गेनाईजेशन’ तथा इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के संयुक्त तत्वाधान में 12 जुलाई को कंस्टीट्यूशन क्लब सभागार में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के दिवंगत अध्यक्ष के विक्रम राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में देश के विभिन्न राज्यों आंध्रा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, राजस्थान, केरल, उत्तराखंड, हरियाणा इत्यादि इत्यादि राज्य इकाइयों से जुड़े फेडरेशन व कन्फडरेशन से जुड़े शीर्ष पदाधिकारियों व देश के अनेकों वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा श्रद्धांजलि सभा में आकर दिवंगत के विक्रम राव के द्वारा संगठन व पत्रकारों के हित में किए गए अनगिनत कार्यों को याद किया गया। विगत 12 मई को लखनऊ में हुए दिवंगत के विक्रम राव के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रख भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कन्फडरेशन व आई एफ डब्ल्यू जे से जुड़े शीर्ष पदाधिकारियों तथा देश के वरिष्ठ पत्रकारों में प्रमुख आईएफडब्लूजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष क्रमशः गोपाल मिश्र व उपेंद्र राठौर, राष्ट्रीय महासचिव विपिन धूलिया, नेशनल कन्फडरेशन आफ न्यूज पेपर्स एंड न्यूज एजैंसीज इंप्लाईज आर्गेनाईजेशन अध्यक्ष डॉ इंदुकांत दीक्षित, फैडरेशन आफ पीटीआई इंप्लाईज यूनियन महासचिव बलराम सिंह दहिया, नेशनल फैडरेशन ऑफ न्यूज पेपर इम्प्लाइज राष्ट्रीय महासचिव सी एम पपनैं, उपाध्यक्ष नेशनल कन्फडरेशन आफ न्यूज पेपर इंप्लाईज, मनोज मिश्र, आई एफ डब्ल्यू जे बिहार इकाई महासचिव सुधीर मधुकर तथा उत्तराखंड इकाई से जुड़े प्रदीप फुटेला, अध्यक्ष यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट हसीब सिद्दीकी व शिव शरण सिंह, आंध्रा प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट अध्यक्ष परमेश्वर राव, आईएफडब्ल्यूजे कार्यकारिणी सदस्य पी आनंदम, पांड्या, पी परमेश्रवर व शांता कुमारी, एनयूजे पदाधिकारी चतुर्वेदी, दिल्ली फेडरेशन ऑफ न्यूज पेपर इम्प्लाइज तथा टाइम्स ऑफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन अध्यक्ष हवलदार सिंह तथा उक्त फेडरेशन से जुड़े उमा शंकर कुकरेती, जे एम जुनेजा, राजेंद्र पांडे, हरी, सुरेश डोबरियाल, वरिष्ठ पत्रकार क्रमशः प्रदीप माथुर, शिवाजी सरकार, अयोध्या प्रसाद वशिष्ठ, के सी माथुर, छोटे लाल गुप्ता, सरोज धूलिया, प्रमोद दत्त इत्यादि इत्यादि की उपस्थिति मुख्य रही।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न राज्यों से आए विभिन्न मीडिया संगठन पदाधिकारियों का कन्फडरेशन अध्यक्ष इंदुकांत दीक्षित तथा आई एफ डब्ल्यू जे उपाध्यक्ष गोपाल मिश्र द्वारा परिचय कराया गया, दिवंगत आई एफ डब्ल्यू जे अध्यक्ष के विक्रम राव के कृतित्व व व्यक्तित्व पर सारगर्भित प्रकाश डाला गया।
दिवंगत आई एफ डब्ल्यू जे अध्यक्ष के विक्रम राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं द्वारा चिंता व्यक्त कर कहा गया, मीडिया घरानों द्वारा मीडिया में ठेकेदारी प्रथा से श्रमिक संगठन व उनके क्रियाकलाप कमजोर हो रहे हैं, समाप्त हो रहे हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक पथ है। व्यक्त किया गया, बिना मीडिया के लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते। जब पत्रकारों की बात की जाती है, तो आज का मीडिया जिसे कारपोरेट चला रहा है, उसे स्थान नहीं देता है। टीआरपी का खेल चल रहा है। पत्रकार आज खुद कहानी बन गया है। देश के बड़े उद्योगपति मीडिया चला रहे हैं। पत्रकारों के न्यूनतम वेतन की बात भी नही होती है, काम सारे कराए जा रहे हैं।
वक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया, मीडिया संगठित हो, चुनौती बढ़ गई है। लोकतंत्र को मजबूत करने मे मीडिया की बडी भूमिका है। यह तभी सम्भव हो पायेगा, जब मीडिया स्वतंत्र होगा। व्यक्त किया गया, चार दशक पूर्व जो पत्रकारों का महत्व होता था, जो रुतवा होता था, आज क्षरण की ओर बढ़ रहा है। व्यक्त किया गया, आज भी निडर पत्रकार हैं, अहम भूमिका निभा रहे हैं। लोकतंत्र में सजग, स्वतंत्र व निर्भीक पत्रकार की जरूरत है।
व्यक्त संबोधनो मे वक्ताओ द्वारा पत्रकारों के सरोकारों के लिये लड़ाई लड़ने का संकल्प दुहराया गया, दिवंगत के विक्रम राव के पथ पर चलने का संकल्प लिया गया। साथ ही विभिन्न राज्य ईकाइयो के पदाधिकारियों को देश के समस्त पत्रकारों के सरोकारों से जुडे दायित्वों का मजबूती से निर्वहन करने का आहवान किया गया। व्यक्त किया गया, आज पत्रकारों को जनमानस को जागरूक करना होगा, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा। कहा गया, पार्लियामैंट्री डेमोक्रेसी को ठीक करने की जरूरत है।
श्रद्धांजलि सभा आयोजन के इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा चिंता व्यक्त कर कहा गया, आज की नई पीढ़ी के पत्रकार शोषण का शिकार होने के बावजूद एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, शोषण के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे हैं, न हीं मीडिया ट्रेड यूनियनों की ओर मुखातिब हो रहे हैं। मीडिया ट्रेड यूनियन संगठनों की शक्ति पर राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर प्रभाव पड़ रहा है। लोकतांत्रिक व्यवस्था स्वतंत्र व निष्पक्ष मीडिया के अभाव में चरमरा रही है।
इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट तथा कंफेडरेशन की गतिविधियों को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने हेतु विचार व्यक्त करते हुए देश की विभिन्न इकाइयों से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा कहा गया, फेडरेशन से जुड़े देश की प्रत्येक राज्य यूनिट आपसी सहमति से एक राय बना पत्रकारों तथा मीडिया से जुड़े अन्य कर्मचारियों के भावी हित में निष्ठा पूर्वक कार्य करेगी, दिवंगत के विक्रम राव के कार्यों को मजबूती से आगे बढ़ाएगी। पूर्व में भी फेडरेशन के विक्रम राव की अध्यक्षता में निरन्तर पत्रकारों के हित में एकजुट हो बिना बिखराव कार्यों को अंजाम तक पहुंचाती रही है, आगे भी एकमत से एकजुट हो पत्रकारों व अन्य मीडिया कर्मियों के हित में कार्य करती रहेगी।
वक्ताओं द्वारा कहा गया, पूर्व में कई सदस्य टूट नए संगठनों से जुड़े, वे भी टूट कई संगठनों में परिवर्तित हुए। कहा गया, टूटना असहमति है, जुड़ना मुश्किल है। संगठन अपनी शक्ति कायम रखे, संगठन चुनाव समय पर हों। कहा गया, वर्तमान में ट्रेड यूनियनों की भूमिका सामाजिक दायित्व निभाने में लग गई है, हम उनके सपोर्ट हेतु खड़े जरूर होंगे, लेकिन हमें समझना होगा, हम ट्रेड यूनियन हैं। ट्रेड यूनियन को संघर्ष करना पड़ता है।
देश के प्रत्येक राज्य में प्लांट यूनियनों के हास पर व क्षमता पर भी वक्ताओं द्वारा चिंता व्यक्त की गई। कहा गया, फेडरेशन की भावी रणनीति क्या होगी, मिलजुल कर सभी तय करेंगे। कहा गया, दिवंगत के विक्रम राव एक सफल पत्रकार व सफल ट्रेड यूनियन नेता थे, अंतिम समय तक अपनी कलम चलाते रहे। वे कहा करते थे, हम बुद्धिजीवी नहीं श्रम जीवी हैं। कहा गया, हमें दिवंगत राव साहब के इस तथ्य को प्रेरणास्वरूप याद रखना चाहिए।
वक्ताओं द्वारा कहा गया, के विक्रम राव के सानिध्य व नेतृत्व में वर्ष 2007 में नेशनल हैरल्ड अखबार समूह के सैकड़ों कर्मचारियों को लड़ाई लड़ पच्चीस करोड़ रुपए रिलीज करवाए गए थे। देश के अनेकों पत्रकारों व संगठन से जुड़े लोगों की लड़ाई लड़ उन्हें उनका हक दिलवाने में राव साहब की बड़ी भूमिका रही थी।
वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा कहा गया, मीडिया घरानों में पुराना सिस्टम और सोच लगभग समाप्त हो चुकी है, नई सोच उभर रही है जो पत्रकारिता के हित में ठीक नहीं कही जा सकती। कहा गया, कुछ नया सोचना पड़ेगा। नई तकनीक ने मौका दिया है। कम मेहनत से ज्यादा करने को मिल रहा है। नए सिस्टम ने अखबार की लागत कम कर दी है। नई संचार व्यवस्था लागू करनी होगी। संगठन में नए लोगों को भी तरजीह देनी होगी।
वर्तमान में की जा रही पत्रकारिता की दशा व दिशा पर वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा श्रद्धांजलि सभा में अति महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा गया, व्यवस्था में दोष के खिलाफ के विक्रम राव ने सदा लड़ाई लड़ी। उन्होंने बेखौफ होकर अपनी कलम चलाई, खूब लिखा, मृत्यु के ठीक पहले तक लिखते रहे, संघर्ष किया, सबके लिए लड़ाई लड़ी। वर्तमान में लिखने वालों की अहमियत को कमजोर किया जा रहा है। रील पत्रकारिता बढ़ रही है, दो मिनट में खबर का सार रखा जा रहा है, ऐसी पत्रकारिता हो चली है। दिवंगत के विक्रम राव की लेखनी सदा जिंदा रहेगी, उनके कार्य सदा दिलों में याद किए जाते रहेंगे, उनके विचार लेखों में लिखे जाते रहेंगे, विचारों में व्यक्त किए जाते रहेंगे। उनके किए कार्यों को प्रेरणा स्वरूप याद किया जाता रहेगा।
सभी वक्ताओं द्वारा संगठन व पत्रकारों के हित में एक जुट रहने का आह्वान किया गया। कहा गया, व्यक्ति से बड़ा संगठन होता है। संगठन को मजबूत बनाने के लिए ही के विक्रम राव ने अपना कर्तव्य निर्वाह बखूबी निभाया था। एकजुटता ही दिवंगत के विक्रम राव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा का मंच संचालन कन्फडरेशन अध्यक्ष डाॅ इंदूकांत दीक्षित तथा आईएफडब्ल्यूजे से जुड़े पत्रकार विश्व देव राव द्वारा किया गया।