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भारत-जापान ऊर्जा साझेदारी नई ऊँचाइयों पर: टोक्यो में केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी की बड़ी पहल

Amar sandesh दिल्ली।पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने टोक्यो में प्रमुख जापानी उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में भारत और जापान के बीच सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श करना था।सम्मेलन में भारत और जापान के बीच सुरक्षित, टिकाऊ और भविष्य-उन्मुख ऊर्जा प्रणालियों के निर्माण हेतु साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग और अवसंरचना का विस्तार, जापान की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर क्षेत्रीय ऊर्जा स्थिरता के लिए एक स्वाभाविक साझेदारी प्रस्तुत करता है।उन्होंने बताया कि इस वर्ष अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अगले दशक के लिए भारत-जापान संयुक्त दृष्टिकोण को अपनाया था। जापान द्वारा भारत में सार्वजनिक और निजी निवेश के लिए निर्धारित 5 ट्रिलियन जापानी येन (2022-2026) के लक्ष्य में हुई प्रगति के आधार पर, दोनों देशों ने अब निकट भविष्य के लिए 10 ट्रिलियन जापानी येन (लगभग 68 अरब अमेरिकी डॉलर) के नए निवेश लक्ष्य पर सहमति व्यक्त की है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अन्वेषण एवं उत्पादन, एलएनजी, शहर गैस वितरण, हाइड्रोजन, नौवहन और नए ईंधनों के क्षेत्र में 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का युवा कार्यबल, सुधार-आधारित कारोबारी माहौल और “मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड” की नीति जापानी निवेशकों के लिए उपयुक्त अवसर उपलब्ध कराती है।

उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, पारदर्शी बोली प्रक्रिया और वर्षभर चलने वाले अन्वेषण लाइसेंसिंग के कारण भारत में निवेश-अनुकूल वातावरण बना है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत के छह प्रमुख तेल और गैस सार्वजनिक उपक्रमों ने वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 315 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त किया, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग आठ प्रतिशत है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग में भारत की लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक गैस अवसंरचना में लगभग 72 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जा रहा है, जो भविष्य की ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, विशेषकर हाइड्रोजन, में जापान के साथ सहयोग के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मारुति-सुज़ुकी साझेदारी का उल्लेख करते हुए भारत-जापान के दीर्घकालिक विश्वास को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में विश्व स्तरीय क्षमताओं का निर्माण, आपूर्ति श्रृंखलाओं का सुदृढ़ीकरण और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

अंत में, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जापानी उद्योग जगत को भारत के ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्ध निवेश अवसरों का लाभ उठाने का आमंत्रण दिया और आश्वस्त किया कि भारत सरकार ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी। इस मौके पर उनके साथ ओएनजीसी के सीएमडी अरूण कुमार सिंह,ईआईएल की सीएमडी सुश्री वर्तिका शुक्ला, सीएमडी इंडियन ऑयल अरविंदर सिंह साहनी, अन्य कंपनियों के सीएमडी ओर उच्च अधिकारी मौजूद रहे।

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