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आगरा में धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश: मांस, खून और झूठे वादों से कराते थे धर्म परिवर्तन

Amar sandesh दिल्ली/ आगरा पुलिस ने धर्मांतरण गैंग का खुलासा करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण गैंग हर सभा में कलावा काटने और तिलक मिटाने की बात कहता था। धर्म परिवर्तन करने वाले घर में मूर्ति नहीं रखते थे।

आगरा में शाहगंज पुलिस ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी और तीन महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रार्थनासभा में लोगों को बहाने से बुलाते थे। ईसाई धर्म अपनाने पर बीमारी और गरीबी दूर करने का झांसा देते थे। घर से देवी-देवताओं की मूर्तियां हटाने का दबाव डालते थे। हाथों से कलावे कटवा देते थे। तिलक लगाने से रोक देते थे। मुख्य आरोपी भी चार साल पहले हिंदू से ईसाई बना था। इसके बाद अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन कराने लगा। उसके संपर्क में कई और लोग हैं। उनके बारे में पुलिस पड़ताल में लगी है।

दो से तीन बार अपने घर बुलाया

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस मामले में केदार नगर निवासी घनश्याम हेमलानी ने पुलिस से शिकायत की थी। बताया कि उसे राजकुमार ने दो से तीन बार अपने घर बुलाया। इस दाैरान हाथ में बंधा कलावा खुलवा दिया। तिलक हटवा दिया। घर से मूर्ति हटाने के लिए कहा। इस पर उन्हें शक हो गया। घनश्याम की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई की।

गिरफ्तार आरोपी राजकुमार लालवानी चार साल पहले उल्लहास नगर, महाराष्ट्र गया था। यहां पर हिंदू से ईसाई बन गया। अपने घर आने के बाद धर्म परिवर्तन कराने लगा। लोगों को विश्वास में लेकर बीमारी ठीक करने के नाम पर यीशु का स्मरण कराता था। इसके बाद बाइबल पढ़ने को कहता था। इसी के नाम पर पैसा भी लेता था। बच्चों की अच्छी पढ़ाई व किसी क्रिश्चियन मिशनरी में नौकरी दिलाने की बात करता था। इससे लोग झांसे में आ जाते थे।

पुलिस के मुताबिक, हिंदू से ईसाई बनने वालों को कभी भी कलावा नहीं पहनने दिया जाता था। तिलक भी नहीं लगाने देते थे। हर सभा में कलावा काटने और तिलक मिटाने की बात कहते थे। धर्म परिवर्तन करने वाले घर में मूर्ति नहीं रखते थे। इसके लिए मना कर दिया जाता था। जो लोग कीर्तन सभा में मांस खाकर खून पीते हैं, वह ईसाई बन जाते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। कई बार लोगों के कष्ट दूर करने के नाम पर रकम भी ली जाती थी। इससे जो फायदा होता था, उसे आरोपी आपस में बांट लिया करते थे।

गूगल मीट पर सभाधर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार आरोपी राजकुमार यूं ही धर्मांतरण नहीं करा रहा था। कई लोग रुपयों के लिए उसका साथ दे रहे थे। यह सभी अन्य लोगों को सभा में आने के लिए तैयार करते थे। गूगल मीट के माध्यम प्रार्थनासभा में जोड़ते थे। यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड करके ईसाई धर्म का प्रचार किया करते थे। सभा में कई शहरों के साथ ही स्पेन और दुबई के लोग भी जुड़ जाते थे। पुलिस ने आरोपी राजकुमार के पास से डायरी और रजिस्टर बरामद किए हैं। इनमें कई लोगों के नाम और नंबर की जानकारी मिली है। उसकी पड़ताल की जा रही है।

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