नई दिल्ली। 4 अगस्त, रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में लखेरा होम्योपैथी सेंटर द्वारका द्वारा टेलीमेडिसन सेवा लॉन्च के अवसर पर प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक प्रेस वार्ता का आयोजन देश की मीडिया से जुड़े पत्रकारों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
आयोजित प्रेस वार्ता को भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से एक वैज्ञानिक के नाते जुड़े तथा देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय व ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ निर्देशक होम्योपैथी उत्तराखंड, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च होम्योपैथी के प्रकाशित शोध कार्यों व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर होम्योपैथी के कार्यक्रमों से जुड़े रहे तथा एच ओ डी सफदरजंग अस्पताल व लेडी हार्डिंग कॉलेज तथा अक्टूबर 2024 को उक्त पद से सेवानिवृत तथा वर्तमान में सिक्कम के राज्यपाल के मानद फिजिशियन पद पर पदासीन देश के मशहूर होम्योपैथी डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा संबोधित किया गया।
आयोजित प्रेस वार्ता में डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा अवगत कराया गया, होमियोपैथी चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी पहली पोस्टिंग उत्तरप्रदेश वर्तमान उत्तराखंड के जनजातीय क्षेत्र थारू में की गई थी। तदोपरांत झारखंड, नॉर्थ ईस्ट राज्यों से जुड़े सिक्कम तथा उड़ीसा के जनजातीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टिंग की गई। उक्त राज्यों के आदिवासियो की चिकित्सा के अभाव व बदहाली का प्रत्यक्ष अवलोकन करने का अवसर प्राप्त हुआ। उक्त आदिवासी क्षेत्रों के जन के चिकित्सा अभावों ने दिल की गहराइयों को छुआ। देश के अनेकों शहरों व महानगरों में भी रहा जहां चिकित्सा सुविधाएं आदिवासी क्षेत्रों से बेहतर देखी।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा बड़ी संख्या में उपस्थित पत्रकारों को अवगत कराया गया, चिकित्सा के क्षेत्र में परेशानियां बहुत हैं। कोरोना कालखंड में उन्हें एक ऑनलाइन साइट दी गई थी ‘संजीवनी’, उसी से प्रेरणा मिली क्यों न सेवानिवृति के बाद घर बैठे सबको चिकित्सा की सुविधाएं मुहैया कराई जाए। अवगत कराया गया, उक्त सोच के तहत ही उन्होंने द्वारका में लखेरा होम्योपैथी सेंटर की स्थापना की, आज उक्त सोच को आगे बढ़ाते हुए आम जन के लिए होम्योपैथी टेलीमेडिसिन सेवा आपके द्वार पर देश के पत्रकारों की उपस्थिति में लॉन्च कर रहा हूं।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा कहा गया, वर्तमान में आम जन अपने काम की आपाधापी में इतना व्यस्थ है, उसके समक्ष समय का अभाव है। आमजन के समय के अभाव को देख कर तथा दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के जन की चिकित्सा संबंधी अभावों को देख कर ही उन्होंने टेलीमेडिसन सेवा के द्वारा आम जन तक पहुंचने का बीड़ा उठाया है, जिस माध्यम आमजन को घर बैठे होम्योपैथी की प्राइमरी सुविधा दी जा सके। अवगत कराया गया, उक्त माध्यम से दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी उपचार की सुविधा देने का विचार है, इस माध्यम से लोगों के अमूल्य समय की बचत होगी, घर बैठे उन्हें उपचार मिलेगा तो जन को राहत मिलेगी। चिकित्सा प्राप्ति हेतु आने जाने के खर्च में भी बचत होगी। घर बैठे दवाई व उपचार की सुविधा मिलेगी। उक्त उपचार हेतु इंश्योरेंस की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा अवगत कराया गया, होम्योपैथी में कोई टैस्ट आदि नहीं कराया जाता। बीमारी का लक्षण देख उपचार किया जाता है। दवाई देना आसान होता है, जिसे कोई भी दे सकता है। कहा गया, कई ऐसी समस्याएं होती हैं जिन्हें बताने में व्यक्ति संकोच करता है टेलीमेडिसन इसमें काम करता है। डॉक्टर से संपर्क कर समस्या बता, घर बैठे इलाज व दवाई मिल जाया करती है।
अवगत कराया गया, होम्योपैथी में इतनी पावर है, एक डोज से ही काम चल जाता है। मर्ज मुताबिक कभी ज्यादा समय भी लग जाता है। शरीर को इन आर्डर लाना होता है। होम्योपैथी दवा का असर बीमारी की प्रकृति और व्यक्ति की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है। आमतौर पर कुछ साधारण रोगों में दवाएं जल्दी असर करती हैं, जबकि असाध्य रोगों में अधिक समय लगता है। कुछ रोगों में कुछ दिनों या हफ़्तों में असर दिख जाता है। कुछ मामलों में महीनों या उससे भी अधिक समय लग जाता है। होम्योपैथी पद्धति से इलाज हानिरहित है। पुराने रोगों के इलाज के लिए होम्योपैथी अति फायदेमंद है।
अवगत कराया गया, होम्योपैथी के इलाज में कुछ मरीजों को दवा का असर पता नहीं चल पाता और वे दवा लेना बंद कर देते हैं या समय पर नहीं लेते। इससे कुछ समय तक जितना असर दवा से होता है वह स्थायी बन जाता है और धीरे-धीरे स्थिति कुछ समय बाद पहले जैसी होने लगती है। इस चिकित्सा पद्धति की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह व्यक्ति विशेष की संरचना, लक्षण और मानसिक स्थिति के आधार पर इलाज करती है। होम्योपैथी में हर व्यक्ति के लिए अलग दवा और खुराक डॉक्टर निर्धारित करता है।
अवगत कराया गया, टेलीमेडिशन सेवा के अंतर्गत डॉक्टर समय से मरीज के मर्ज को ट्रैक कर सकते हैं, उपचार कर सकते हैं। दवाइयां लिख सकते हैं, पनपे रोग के प्रति सावधान कर सकते हैं। डॉक्टर लखेरा द्वारा अवगत कराया गया, विगत दो माह में चौदह सौ मरीज उनके द्वारा किए गए होम्योपैथी के इलाज से ठीक हुए हैं। इनमें तेरह सौ ऐसे मरीज थे जो हार मान चुके थे। होम्योपैथी का उपयुक्त इलाज मिलने से वे ठीक हुए। एम्स में पांच वर्षों तक निरंतर इलाज कराए मरीज जब उनके उपचार सेंटर में आए तो अल्प समय में स्वस्थ होकर लौटे हैं।
अवगत कराया गया, आज दवाओं में कोई परहेज नहीं है, डॉक्टर जो बता रहा है उसी मुताबिक खानपान का परहेज कर उचित मात्रा में दवाई लेनी होती है। होम्योपैथी एक धीमी प्रक्रिया जरूर है लेकिन इसका उद्देश्य रोग को जड़ से खत्म करना है, न कि केवल लक्षणों को दबाना। होम्योपैथी से लाभ मिलता जरूर है। कहा गया, कॉफी का सेवन होमियोपैथी में सबसे ज्यादा घातक है।
अवगत कराया गया, उनके द्वारका स्थित होम्योपैथी सेंटर में अनुभवी डॉक्टरों द्वारा एलर्जी, अस्थमा, एक्जिमा, चिंता, तनाव, अवसाद, माइग्रेन, क्रोनिक थकान सिंड्रोम, फाइब्रोमायल्जिया, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन रोग, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, हाइपोथायरायडिज्म, रजोनिवृत्ति, पीएमएस, मल्टीपल स्केलेरोसिस, अनिद्रा इत्यादि इत्यादि मर्ज के मरीजों का इलाज किया जाता है। वर्तमान में आठ डॉक्टर सेवारत हैं। कहा गया, बीमारी के अलग-अलग लक्षण होते हैं उसी मुताबिक होम्योपैथी पद्धति से उपचार किया जाता है। एक बार मरीज आर्डर में आ जाए तो ठीक होना शुरू हो जाता है। कहा गया, होमियोपैथी की रेंज बहुत बड़ी है।
अवगत कराया गया, होम्योपैथी में दवा का चुनाव व्यक्ति की समग्र स्थिति और विशिष्ट लक्षणों पर आधारित होती है। हर व्यक्ति के लिए उपचार की अवधि अलग-अलग हो सकती यदि रोग शुरू ही हुआ है और व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है ऐसी स्थिति में होम्योपैथिक दवाएं जल्दी असर करती हैं। यदि रोग पुराना है, व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो ठीक होने में अधिक समय लग जाता है। दवा का सही चयन रोग को ठीक करने में अधिक प्रभावी होता है। जीवनशैली और आहार भी उपचार की अवधि को कम करने में अति प्रभावी होता है।
डॉक्टर लखेरा द्वारा कहा गया, यदि आप होम्योपैथी उपचार करवा रहे हैं तो धैर्य रखें और अपने चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें। अवगत कराया गया, होम्योपैथी दवा का असर व्यक्ति की स्थिति, बीमारी के प्रकार और जीवनशैली पर निर्भर करता है। कहा गया, एलोपैथी में बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं और कभी-कभी सर्जरी का उपयोग किया जाता है। होम्योपैथी में उपचार हेतु दी गई दवा पतले रूप में न्यूनतम खुराक का उपयोग करके रोग के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने पर केंद्रित होती है। होम्योपैथी मरीज के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने वाली दवाएं प्रदान करती है जो प्रभावी और सुरक्षित होती हैं, क्योंकि इनमें प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता है।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा से वार्तालाप कर ज्ञात हुआ, वे खाली पेट व्यक्ति की नाड़ी देख उक्त व्यक्ति के शरीर में पनप रहे मर्ज को बता कर उसका उपचार करने की क्षमता रखते हैं। किसी भी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए वे शरीर का तापमान, रक्तचाप, नाड़ी और श्वास दर का वृहद ज्ञान रखते हैं। अवगत हुआ, उक्त ज्ञान की प्रेरणा उन्हें नाड़ी वैद्य के रूप में अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में विख्यात उनके दादा जी से मिली थी।
डॉक्टर लखेरा द्वारा अवगत कराया गया, पेट में खाना पचना जरूरी है, नहीं पचेगा तो वह लीकेज करेगा, उससे बैक्टेरिया खून में और शरीर को कमजोर करने लगेगा। पेट दुरुस्त रखने से शरीर के सारे सिस्टम ठीक रहेंगे। पेट दुरुस्त रखने के लिए लाइफ स्टाइल ठीक रखने की जरूरत होती है। डॉक्टर लखेरा द्वारा बताया गया, अपने भीतर के डॉक्टर को ठीक करना जरूरी है। बाहरी खानपान को अपनी पसंद न बनाए। अवगत कराया गया, मोबाइल से रेडिएशन फैलता है, बीमारी फैलती है, उससे जितना हो सके दूरी बना कर रखे, उसका उपयोग कम से कम करे। उक्त सावधानी बरत बीमारियों से बच कर रहा जा सकता है। चल रही दवाइयों से छुटकारा पाया जा सकता है। बताया गया, प्रातः चार बजे उठ कर घूमे, खूब पसीना बहाए, स्वस्थ रहें। कहा गया, भीतर के डॉक्टर की जरूरत है, बाहर के डॉक्टर की नहीं। इंफेक्शन से बचने के लिए भीड़ से बचे।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा अवगत कराया गया, उनके चिकित्सा सेंटर से वेबसाइट www.lakherahomoeopathy.com से संपर्क किया जा सकता है। अवगत कराया गया, जनसुविधा के लिए एक सप्ताह में उनके सेंटर का हेल्प लाइन नंबर भी आ जाएगा। सोमवार को उनका उपचार सेंटर बंद रहता है। अवगत कराया गया, टेलीमेडिसिन सेवाओ में होम्योपैथी भी शामिल है। उनके सेंटर की पंद्रह दिन की होम्योपैथी दवाई में सात सौ पचास रुपयों का खर्च आता है। उक्त दवाई उक्त खर्च पर ही उक्त मरीज के घर डाक, कोरियर या अन्य माध्यमों से भेजी जाती है। उक्त खर्च भविष्य में कम हो जाने की बात भी डॉक्टर लखेरा द्वारा कही गई।
अवगत कराया गया टेलीकम्युनिकेशन विगत तीन माह से उनके चिकित्सा सेंटर द्वारा किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन उन लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान कर रहा है जो व्यक्तिगत रूप से उनके सेंटर में आने में असमर्थ हैं। ऐसे में उक्त मरीज घर बैठे उनके चिकित्सा सेंटर के डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं। बाहरी संक्रमण के खतरे से बच सकते हैं। यह सुविधा दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी उपयोगी है। मरीज आनलाइन बेवसाइट के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
डॉक्टर विपिन चंद्र लखेरा द्वारा कहा गया, एलोपैथी को फार्मा कंपनिया बढ़ा रही हैं, आयुर्वेद और होम्योपैथ को बढ़ाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। होम्योपैथी पद्धति में इलाज बहुत सस्ता और हानि रहित है। जन जागरुकता जरूरी है।