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जीएसटी ने भारत को सही अर्थों में एक साझा बाजार बना दिया है :अनुराग ठाकुर

वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों के लिए एक ‘गेम चेंजर’ साबित हुआ है। श्री ठाकुर ने कहा कि संवैधानिक योजना में जीएसटी से पहले वस्तुओं पर केंद्र सरकार द्वारा टैक्स लगाने का अधिकार विनिर्माण एवं उत्पादन के चरणों तक सीमित था, जबकि वस्तुओं की खरीद-फरोख्त पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को प्राप्त था। मंत्री ने कहा कि वहीं, दूसरी ओर सेवाओं पर टैक्स लगाने का विशिष्ट अधिकार केंद्र को प्राप्त था। उन्होंने कहा कि टैक्स लगाने के अधिकार में इस तरह का अन्तर होने के कारण भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी जिससे कानूनी विवाद बढ़ जाते थे क्योंकि केन्द्र, राज्य और स्थानीय क्षेत्र के शुल्कों में तालमेल बैठाने की दृष्टि से यह तय करना कठिन होता जा रहा था कि आखिरकार कौन-सी चीज एक वस्तु है अथवा सेवा है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत आपूर्ति (सप्लाई) पर टैक्स लगाने का मार्ग प्रशस्त किया गया और कुछ इस तरह से व्यवस्था बनाने की कोशिश की गई कि जीएसटी का बोझ कारोबारियों पर न पड़े, बल्कि अंतिम उपभोग पर पड़े। जीएसटी में 20 से भी अधिक अप्रत्यक्ष करों का विलय कर देने से अप्रत्यक्ष कर की सुसंगत प्रणाली का रास्ता साफ हुआ है। इससे भारत को एक आर्थिक संघ बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है जिसने अपेक्षाकृत ज्यादा दक्षता और प्रतिस्पर्धी क्षमता सुनिश्चित करने में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। जीएसटी की दूसरी सालगिरह पर नई दिल्ली में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) द्वारा आयोजित किए गए ‘जीएसटी दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुये श्री ठाकुर ने  कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने जीएसटी को ‘अच्छा और सरल कर’ बताया है जो बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने भारत को सही अर्थों में एक साझा बाजार बना दिया है, जो इसका एक शानदार उदाहरण है।

दरअसल, जीएसटी की बदौलत देश भर में वस्तुओं की ढुलाई में लगने वाले समय के साथ-साथ ढुलाई लागत भी काफी कम हो गई है। श्री ठाकुर ने कहा कि जीएसटी से जुड़ी कई सकारात्मक बातें हैं जिन्हें बार-बार दोहराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में सभी निर्णय आम सहमति के आधार पर लिए गए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से भारत में लागू जीएसटी को पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाने को कहा। श्री ठाकुर ने कहा कि सीबीआईसी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर के लिए बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने बताया कि नासिन ने जीएसटी प्रैक्टिशनरों को आवश्यक सहयोग देने के अलावा सभी अधिकारियों के लिए जीएसटी प्रशिक्षण का आयोजन भी किया है। उन्होंने जीएसटी से संबंधित फर्जी इन्वॉयस बनाने के खिलाफ आगाह किया है और इसके साथ ही उद्योग जगत की हस्तियों से इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया है। फर्जी इन्वॉयस से जुड़ी समस्या पर अपनी चिंता जताते हुए मंत्री ने कहा ‘ईमानदार करदाताओं से बैर नहीं, फर्जी इन्वॉयस वालों की खैर नहीं।’ उन्होंने कहा कि सर्वोत्तम कर ‘जीएसटी’ से जुड़े सभी हितधारकों के लिए जीएसटी लाभदायक साबित होगा। राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय, सीबीआईसी के अध्यक्ष  पी.के.दास और सीबीआईसी के सदस्य  जॉन जोसेफ भी इस अवसर पर उपस्थित थे। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, सीबीआईसी के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी और सभी प्रमुख व्यापार एवं उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद थे। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री ठाकुर ने जीएसटी के संचालन में बहुमूल्य योगदान देने के लिए देश भर की विभिन्न संरचनाओं से जुड़े 30 सीबीआईसी अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्‍होंने इस अवसर पर ‘एमएसएमई के लिए जीएसटी’ पर एक पुस्तक का विमोचन भी किया जो सीबीआईसी के सौजन्‍य से थी। इससे पहले सीबीआईसी के अध्यक्ष  पी.के.दास ने गणमान्य व्यक्तियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि जीएसटी को लागू किया जाना न केवल व्यापार एवं उद्योग जगत, बल्कि सीबीआईसी के सभी अधिकारियों के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि दोहरे (केन्द्र एवं राज्य) संचालन के जरिए जीएसटी ने ‘एक राष्ट्र, एक बाजार और एक कर’ का लक्ष्य प्राप्त करने का खाका (रोडमैप) पेश किया है, ताकि पूरी तन्मयता के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले के मुकाबले और ज्यादा मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआईसी विभिन्न संबंधित प्रावधानों जैसे कि टीडीएस, मुनाफाखोरी रोधी व्यवस्था इत्यादि से संबंधित एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) और एफएक्यू (प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न) जारी करता रहा है और आवश्यकता पड़ने पर इस तरह के कदम आगे भी उठाए जाते रहेंगे। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि जीएसटी संघीय सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ऐसे 1.2 करोड़ करदाता हैं जिन्होंने जीएसटीएन पर अपना पंजीकरण करा लिया है। उन्होंने बताया कि लगभग 70 लाख करदाता नियमित रूप से रिटर्न भरते हैं और 1 लाख करोड़ रुपये का टैक्स ऑनलाइन अदा किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया, रिफंड मंजूरी प्रक्रिया और एकाधिक खाता बही (मल्टीपल लेजर) इत्यादि को सुव्यवस्थित कर दिया गया है। ई-इन्वॉयस को जारी करने का प्रस्ताव है जिससे रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाएगी। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि जीएसटी दिवस पर हमें यह याद रखना चाहिए कि व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए इस दिशा में आगे और क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।समारोह के समापन पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सीबीआईसी के सदस्य (कर नीति)  जॉन जोसेफ ने सभी वक्ताओं को इस बात का आश्वासन दिया कि सीबीआईसी समय की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कर प्रशासन को बेहतर बनाने की इच्छा रखता है। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि चुनौतियों से पार पाने के लिए जो भी अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है, हम उस दिशा में सतत प्रयासरत रहेंगे, ताकि चुनौतियों का सामना करने के लिए कर प्रशासन में सुधार किया जा सके।

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