महासचिव पवन कुमार मैठानी के कुशल संचालन में गूंजा गढ़वाल भवन
Amar sandesh दिल्ली।दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड की सौ साल पुरानी सामाजिक संस्था गढ़वाल हितैषिणी सभा (रजि.) पंचकुइया रोड, नई दिल्ली ने गढ़वाल भवन के भागीरथी सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया।
सभागार खचाखच भरा हुआ था, जहां दिल्ली एनसीआर में रह रहे गढ़वाली मूल के दसवीं और बारहवीं कक्षा के 124 मेधावी छात्र-छात्राओं को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेधावी छात्र सम्मान से सम्मानित किया गया। दसवीं में अध्ययन नेगी ने 99.4 प्रतिशत और बारहवीं में अनन्या खंतवाल ने 99 प्रतिशत अंक लाकर सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
इस बार सभा ने शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वाले युवाओं को भी सम्मानित किया। चार्टर्ड अकाउंटेंसी, नीट, जेईई, आईआईटी, कंपनी सेकेट्री, चिकित्सा विज्ञान, खेल, नृत्य और नर्सिंग जैसे क्षेत्रों में सफल रहे विद्यार्थियों को मंच पर बुलाकर मैमेंटो, प्रशस्ति पत्र और एक हजार रुपये की राशि देकर प्रोत्साहित किया गया। दिल्ली पुलिस के निरीक्षक राकेश राणा को राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने पर विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलिजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की निदेशक प्रोफेसर गीता भट्ट रही। उन्होंने ठेठ गढ़वाली भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ही हमारी प्रगति का सबसे बड़ा माध्यम है। उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और जनरल चौहान जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए छात्रों से जीवन में ऊंचाइयां छूने का आह्वान किया।
इस अवसर पर समाज के कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें आईआरएस अधिकारी राजकुमार बड़थ्वाल, वित्त मंत्रालय में निदेशक प्रदीप पुरोहित, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ज्वाइंट रजिस्ट्रार अनूप कुकसाल, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुरेश बंदूनी, डॉ. भगवती प्रसाद ध्यानी, निगम पार्षद बीर सिंह पवार और यशपाल कैंतुरा, पूर्व पार्षद गीता रावत, समाजसेवी जोत सिंह बिष्ट और आदित्य घिल्डियाल सहित अन्य कई प्रमुख लोग शामिल रहे।
समारोह का शुभारंभ मांगल गीत और गणेश वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। वैदिक मंत्रोच्चारण सभा सचिव देवेश नौटियाल ने किया। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष सूरत सिंह रावत ने सभा की गतिविधियों की जानकारी दी और आपदा राहत कोष में सहयोग का आग्रह किया। पूरे गढ़वाल भवन में पारंपरिक ढोल-दमाऊं और मुस्कबाज की धुनों पर लोग थिरकते रहे।
समारोह का कुशल संचालन महासचिव पवन कुमार मैठानी ने किया और उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह नेगी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ यह आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों ने स्वादिष्ट गढ़वाली भोजन का आनंद लिया, जिसमें विशेष रूप से झंगोरे की खीर सबके आकर्षण का केंद्र रही।
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