पिछड़ा वर्ग की मजबूत आवाज बनकर उभर रहे—- अजय यादव
दिल्ली। कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन कैप्टन अजय यादव पार्टी को मजबूत करने के लिए राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ में कर भी चुके हैं राज्य स्तरीय ओबीसी सम्मेलन I
गत 25 फरवरी को राष्टीय चेयरमैन का पद संभालने के तुरंत बाद से देशव्यापी दौरे कर रहे हैं। अब तक राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ में राज्यस्तरीय ओबीसी सम्मेलन कर चुके हैं। ओबीसी समाज की समस्याओं व आवश्यकताओं को कांग्रेस ओबीसी विभाग के माध्यम से जनता के सामने रख रहे हैं। उनका कहना है कि जिन राज्यों का अब तक दौरा किया हैं वहां के पार्टी प्रदेशाध्यक्षों व नेता प्रतिपक्ष से मिलकर ये मांग मजबूती से उठाई कि पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग को प्रदेश संगठन में राज्य स्तर से लेकर जिला व ब्लाक स्तर पर समाहित किया जाए व जहां सरकार है वहां इन वर्ग के लोगों को उचित सम्मान दिया जाए जिससे की पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को लगे कि उन्हें कांग्रेस पार्टी में उचित मान सम्मान मिल रहा है, व ये वर्ग मजबूती से पार्टी के साथ जुड़े रहें। जिन 13 राज्यों में 2023 तक विधानसभा चुनाव होने हैं जिसमें 2022 में 2 राज्य व 2023 में 11 राज्य हैं वहां का दौरा किया जाएगा, उन्होंने कार्यकर्ताओं को हिदायत दी है कि बूथ स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करें। ओर ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ें। कांग्रेस संगठन में राष्टीय स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर 50 प्रतिशत पद एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग को मिले ताकि देश की बहुसंख्यक आबादी कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़ी हो। कांग्रेस ओबीसी विभाग में राज्य स्तर पर 2 जिलों पर एक प्रभारी की नियुक्ति की है जिससे कि ब्लाक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक ओबीसी विभाग की मजबूत उपस्थिति दर्ज हो।
पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग को प्रदेश संगठन में राज्य स्तर से लेकर जिला व ब्लाक स्तर पर समाहित किया जाए व जहां सरकार है वहां इन वर्ग के लोगों को उचित सम्मान दिया जाए जिससे की पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को लगे कि उन्हें कांग्रेस पार्टी में उचित मान सम्मान मिल रहा है व ये वर्ग मजबूती से पार्टी के साथ जुड़े रहें।
8 लाख रुपये की सालाना आय वाले आर्थिक रुप से पिछड़े स्वर्णों को आरक्षण है व कोई क्रीमी लेयर नहीं है लेकिन ओबीसी क्रीमी लेयर का दायरा घटाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया व अब खेती से होने वाली आय को भी इसमें जोड़ दिया जा रहा है, जिससे की तृतीय या चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी भी क्रीमी लेयर में आ जाएंगे जिससे आबीसी वर्ग को नौकरियों व उच्च शिक्षा में ओबीसी आरक्षण से वंचित होना पड़ेगा। हमारी मांग है खेती से होने वाली आय को कुल आय से बाहर किया जाए व क्रीमी लेयर की आयकर सीमा बढ़ाई जाए।
समाज कल्याण मंत्रालय ओबीसी वर्ग के बच्चों को छात्रवृति प्रदान की जाए व इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए व पिछड़ा आयोग का गठन किया जाए।
उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति कोलेजियम सिस्टम से ना की जाए, इसके लिए न्यायिक आयोंग की स्थापना की जाए व जजों की नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से हो जिससे कि सभी वर्गों के मेधावी बच्चों को मौका मिले। वहीं जातीय आधार पर जनगणना हो ताकि सभी को उनके हक का आरक्षण मिल सके।