दिल्लीराज्यराष्ट्रीय

लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे अरविंद केजरीवाल

अमर संदेश, दिल्ली। प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली विधानसभा चुनावों में विजय दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी के संयोजक तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। दिल्ली में लगातार तीसरी बार विजय दर्ज कर इतिहास रचने वाली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का इरादा पहले, पिछले बार की तरह 14 फरवरी को वेलंटाइन डे के दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने का था। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल पहली बार दिसंबर 2013 में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने 14 फरवरी 2014 को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि वह जनलोकपाल विधेयक को विधानसभा में पास कराने में असफल हो गये थे। परंतु इस बार पुलवामा हमले की बरसी के सम्मान में उन्होंने अपनी पसंदीदा तारीख को त्याग कर 16 फरवरी की तारीख शपथ ग्रहण के लिए तय की है।
शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा। आप पार्टी अपनी इस ऐतिहासिक विजय के बाद अब एकलै चलो की नीति अपनाने पर बल दे रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आप पार्टी का इरादा शपथ ग्रहण समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधियों का मंच बनाने का नहीं है। वह पड़ोसी राज्यों के या अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को अपने शपथ ग्रहण समारोह में नहीं बुलाना चाहते हैं। आम आदमी के नेता और कार्यकत्र्ता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के लोगों से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की अपील की है और इस ऐतिहासिक घड़ी का गवाह बनने की अपेक्षा की है।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने अपने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चुनौतियों से निपटने की चुनौती भी होगी। अरविंद केजरीवाल अपने पिछले मंत्रिमंडल के साथियों को हटाना नहीं चाहते हैं। राघव चड्ढा, आतिशी और दिलीप पॉडेय के जीतने से उनके सामने मंत्रिमंडल के विस्तार की चुनौती भी है। पिछले मंत्रिमंडल में सहयोगी रहे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सत्येंद्र कुमार जैन के अलावा महिला प्रतिनिधित्व के लिए आतिशी और राखी बिड़लान की मंत्रिमंडल में शामिल होने क प्रबल संभावनाएं हैं। राखी बिड़लान पार्टी में पिछड़े वर्ग का भी प्रतिनिधित्व भी करती हैं। राघव चड्ढा पेशे से सीए हैं वहीं आतिशी शिक्षाविद् हैं और दिलिप पॉडेय का पूर्वांचलियों में अच्छा प्रभाव है। दिलीप पॉडेय पार्टी के गठन से ही पार्टी के साथ रहे हैं। वह दिल्ली के पार्टी संयोजक भी रह चुके हैं। राघव चड्ढा पार्टी के अच्छे प्रवक्ता हैं। जिन कामों के नाम पर आप को ऐतिहासिक विजय मिली है उनमें दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सुधार भी शामिल हैं। शिक्षा सुधारों की परिकल्पना आतिशी की ही है।
अब देखना यह होगा कि आगामी 16 फरवरी को दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने का सौभाग्य किसे मिलता है। और कैसे अरविंद केजरीवाल अपने सिपहसालारों को साधने में सफल होते हैं।

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *