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पर्यावरण के मद्देनजर पत्रकारों का राष्ट्रपति को ज्ञापन

वरिष्ठ संवाददाता
नई दिल्ली। देश के जनमानस की ओर से देश के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों के एक प्रतिनिधि ने मंडल महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी के नाम प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए एक ज्ञापन राष्ट्रपति सचिवालय को दिया है। ज्ञापन में राष्ट्रीय राजधानी के लगभग 100 पत्रकारों ने हस्ताक्षर करके इस ज्ञापन का समर्थन किया है। प्रतिनिधि मंडल में शामिल वरिष्ठ पत्रकार संवाद सिंधी के एडिटर इन चीफ श्रीकांत भाटिया, दौर-ए-जदीद के एडिटर इन चीफ तारिक़ रजा, रिलेशन ऑफ़ इंडिया के मेट्रो एडिटर अशोक निर्भय, वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक भास्कर के राजनीतिक संपादक के पी मलिक ने राष्ट्रपति भवन जाकर ज्ञापन दिया। जाहिर है इस ज्ञापन में सर्वकालिक महानतम वैज्ञानिक श्याम सुंदर राठी के महाविज्ञान को धरातल पर उतारकर देशवासियों को एक साल में 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली, तीन वर्षों में सबके लिए विशुद्ध पीने का पानी, पाँच वर्षों में 100 प्रतिशत जल, सिंचित कृषि भूमि, पांच वर्षों में देश को बाढ़ व सुखाड़ से मुक्ति, प्रदूषण, पर्यावरण एवं ग्लोबल वार्मिग मुक्त देश की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।

इस ज्ञापन में देश वासियों के लिए इन सभी सुविधाओं मांग कि केंद्र सरकार से की गईं है। देश पाँच हजार साल पुरानी जल भंडारण, विधुत उत्पादन, व जल सींचन व्यवस्था का आधुनिकीकरण करें। नदी पर बांध की योजना के कारण अरबो-खरबों पेड़-पौधों के साथ लाखों घरों को होने वाली तबाही से देश वासियों को मुक्त करें। वर्षा ऋतु में नदी नालों में आवश्यकता से अधिक पानी होता है। इसलिए देश के अधिकतर हिस्से बाढ़ में डूबता रहता है। कई राज्य में तो भयंकर तबाही होती है। क्योंकि बाढ़ के उस पानी को रखने के लिए हमारे पास साधन नहीं है। क्योंकि हमारी जल भण्डारण व्यवस्था लगभग पांच हज़ार साल पुरानी है।केंद्र सरकार को सार्वजनिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण करते हुए, उपरोक्त सुविधाएं देश वासियों को प्रदान करनी चाहिए।

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