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पांच विकल्पों पर हो रहा काम


1. सिलक्यारा की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने आॅगर मशीन के जरिये ड्रिलिंग शुरू कर दी है। मशीन के जरिये 22 मीटर की पाइप टनल बन चुकी है। इसमें 40 मीटर और आगे बढ़ना है।
2. सतुलज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएन) टनल के उपर से बाहर निकलने की पाइप टनल बनायेगा। पहाड़ के उपर मशीनें और उपकरण पहुंचाने के लिये सड़क बनाई गई, मशीनें पहुंच गईं हैं, उन्हें स्थापित किया जा रहा है। मशीनें गुजरात और ओड़ीशा से मंगाई गईं।
3. ओएनजीसी टनल के उपर बरकोट छोर की तरफ एक अन्य स्थान से ड्रिलिंग कर भीतर फंसे लोगों तक पहुंचने का रास्ता तैयार करेगी। अमेरिका, मुंबई और गाजियाबाद से मशीनरी पहुंच रहीं हैं।


4. सुरंग के दूसरे छोर बड़कोट की तरफ बचाव सुरंग बनाने का काम टिहरी जलविद्युत विकास निगम लिमिटेड (टीएचडीसीएल) को दिया गया है। इसमें दो विस्फोट किये जा चुके हैं जिसमें 6.4 मीटर ड्रिफ्ट हुआ है। रोजाना तीन ब्लास्ट करने की योजना है।
5. रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) भी श्रमिकों को बचाने के लिये सुरंग में माइक्रो-टनलिंग के लिये मशीनरी आदि पहुंचा रहा है। अतिरिक्त बैकअप मशीनों को ओडीशा से मंगाया जा रहा है।
इसके अलावा टीएचडीसीएल, सेना, कोल इंडिया और एनएचआईडीसीएल की संयुक्त टीम द्वारा मैन्युअल-सेमि मैकनाइज्ड तरीके से ड्रिफ्ट टनल का काम किया जा रहा है। वहीं सीमा संड़क संगठन सड़क बनाने और दूसरी मदद वाले काम कर रहा है।

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