पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है जिसका देश और दिल्ली प्रदेश के निर्माण में अद्वितीय योगदान है—चौधरी सुरेंद्र सोलंकी
दिल्ली उत्तर भारत की सबसे बड़ी खाप पंचायत पालम-360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम फिर से पालम एयरपोर्ट किए जाने की मांग को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में उन्होंने साफ कहा है कि पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है, जिसका देश और दिल्ली प्रदेश के निर्माण में अद्वितीय योगदान है। इसलिए इसके मान सम्मान और नाम निशान के साथ किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ पूरे गांव देहात और ग्रामीण समाज को बर्दाश्त नहीं है। यही जनभावना हमने केंद्र सरकार तक पहुंचाई है।
इस बारे में चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि- आप सब जानते हैं कि जब से दिल्ली एयरपोर्ट बना है, डोमेस्टिक एयरपोर्ट का नाम पालम गांव के नाम से ही था क्योंकि ये पालम गांव की जमीन पर ही बसा है। पालम गांव एक ऐतिहासिक गांव है जिसने लाल किले की नींव रखी है और ना सिर्फ दिल्ली देहात का बल्कि उत्तर भारत के प्रतिनिधित्व को पालम 360 खाप के नाम से ही सब जानते हैं और इस गांव की बड़ी पुरानी ऐतिहासिक परंपराएं रही हैं। इसलिए इस बारे में हमारी मांग है कि टर्मिनल-3 इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो कि हमारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से है और हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन डोमेस्टिक एयरपोर्ट को पालम एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है इसलिए इसको दोबारा से पालम एयरपोर्ट का नाम ही दिया जाए।
हमारे सभी ग्राम वासियों और प्रतिनिधियों की ओर से सरकार से पुरजोर मांग है कि इसे दुबारा से पालम गांव के नाम से ही नामकरण किया जाय। ये न सिर्फ़ पालम गांव की बल्कि दिल्ली देहात के सभी गांवों की मांग है। गांव से ही देश की तरक्की का रास्ता निकलता है, गांव से ही देश के विकास का रास्ता निकलता है। इसलिए पालम गांव का नाम निशान, देश के गौरवशाली इतिहास में दर्ज है और इसे ससम्मान बरकरार रखा जाए। इस दौरान ओमप्रकाश, धर्मवीर ठोलेदार,पवन मास्टर, ब्रह्म प्रकाश सोलंकी, हरिसिंह सोलंकी, सुरेन्द्र और दीपक वशिष्ठ , परवीन ,जगदीश सोलंकी सहित कई गणमान्य जन मौजूद रहे।