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उत्तराखंड के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देना मेरे जीवन का मूल मकसद—–दिनेश ऐलावादी

कविता कोटद्वार। उत्तराखंड से पलायन रोजगार के लिए समय समय पर होता रहा है, और सरकारों ने पलायन को रोकने के लिए कई योजनाएं भी बनाई हुई है।

लेकिन उच्च शिक्षा रोजगार के लिए पहाड़ों से पलायन आज भी जारी है। कई जगह तो स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल नगण्य है, उत्तराखंड में ऐसे भी शख्सियत है जो उत्तराखंड में आकर अपना रोजगार उत्पन्न किया, साथ ही पलायन को रोकने के लिए भी उनके द्वारा काम किया जा रहा है कोटद्वार के सुप्रसिद्ध टूरिस्ट होटल के एमडी एवं समाज के हितेषी उत्तराखंड के प्रति चिंतनशील दिनेश ऐलावादी ने उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार देकर पलायन रोकने की एक मुहिम चलाई है।

उन्होंने कहा की उनका होटल पीक्स एंड पाइन्स रिसोर्ट लैंसडाउन क्षेत्र में है जिसमें उसी क्षेत्र के 40 कर्मचारी काम कर रहे हैं उन्होंने कहा की मैं बाहर से भी कारीगर एवं कर्मचारी बुला सकता था, लेकिन उत्तराखंड से पलायन रुके उसके लिए उन्होंने क्षेत्र के युवाओं को ही अपने इस होटल में विशेष तौर पर नियुक्त किया है। दिनेश ऐलावादी का बेटा रचित ऐलावादी ब्रिटेन से होटल मैनेजमेंट पढ़ाई कर अपनी जन्मभूमि और क्षेत्र उत्तराखंड में स्वरोजगार करने के विचार को लेकर अपने देश और अपने प्रदेश उत्तराखंड में लैंसडौन क्षेत्र में पीक्स एंड पाइन्स रिसोर्ट का संचालन कर रहे हैं। रचित ऐलावादी अपने साथ प्रदेश के युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। ओर लैंसडौन क्षेत्र के होटल एसोसिएशन में पिछले दिनों व सचिव के पद पर भी चुने गए ,ऐसे युवाओं से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए, जिससे की प्रदेश में स्वरोजगार उत्पन्न हो और प्रदेश का पलायन कम से कम हो। दिनेश ऐलावादी आगे अमर संदेश को बताया की इस समय उनके अन्य व्यवसाय में भी लगभग 200 कर्मचारी है जिसमें से अधिकतम उत्तराखंड के ही युवाओं को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने कहा की उत्तराखंड मे जो बाहर से भी आया है वह बिजनेस यहां करता है तो उसको क्षेत्र के लोगों को रोजगार देकर उत्तराखंड के पलायन पर रोक लगाने की पहल सरकार के साथ कदम से कदम मिलना चाहिए। दिनेश ऐलावादी बताते हैं उन्होंने अपनी एसोसिएशन के माध्यम से सभी होटल व्यवसाय से भी अनुरोध किया है, की अधिक से अधिक उत्तराखंड मूल के युवाओं को रोजगार देकर पलायन पर हर संभव रोक लगाने का प्रयास करें। जिससे की उत्तराखंड की जवानी और उत्तराखंड का जल जमीन उत्तराखंड के लोगों के काम आ सके।

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