30वां उमेश डोभाल स्मृति समारोह 2022 का भव्य आयोजन पौडी गढ़वाल मे सम्पन्न
सी एम पपनैं
पौडी गढ़वाल (उत्तराखंड)। आयोजन समिति पौडी गढ़वाल तथा उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट द्वारा, 14 व 15 मई को, 30वां उमेश डोभाल स्मृति समारोह का भव्य आयोजन, नगर पालिका बारात घर मे, आयोजित किया गया।
14 मई को आयोजक ट्रस्ट द्वारा, सांय पौडी बाजार में, सांस्कृतिक जुलूस के साथ, आयोजन का श्रीगणेश किया गया। ‘बेला थियेटर कारवां’ दिल्ली के नाटय कलाकारों द्वारा, नगर पालिका बारात घर मे, नाटक का मंचन किया गया।
15 मई को स्मृति समारोह का आयोजन, मुख्य अतिथि गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी, मुख्य वक्ता, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद नवीन जुयाल तथा उत्तराखंड व दिल्ली से आए पत्रकारो, समाज के विभिन्न सरोकारों से जुड़े प्रबुद्ध जनो तथा महिला मंगल दल के सदस्यों की बडी संख्या मे, उपस्थिति के मध्य सम्पन्न हुआ।
आयोजन शुभारंभ, उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट अध्यक्ष, गोबिंद पंत राजू द्वारा, सभागार में उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनो व स्व.उमेश डोभाल के गांव से बडी संख्या मे आयोजन मे पहुची, महिला मंगल दल सदस्यों के स्वागत संबोधन के साथ किया गया। सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। अवगत कराया गया, अगर पौडी की महिलाऐ आगे बढ़ कर पहल नहीं करती तो, जघन्य हत्या का राज दबा ही रह जाता।
1988 मे, शराब माफियाओं द्वारा, प्रखर पत्रकार उमेश डोभाल की हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य हत्याकांड पर अनेको राज्यो के पत्रकारो के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गो द्वारा, बडे आंदोलन व रैलियां निकाल, जघन्य हत्या की निंदा की गई थी।
उक्त याद को बनाऐ व चलायमान रखने के लिए, उमेश डोभाल ट्रस्ट का गठन किया गया था। जो विगत 30 वर्षो से पत्रकारिता, जनसरोकारों, साहित्य कला आदि विषयों से जुडे लोगों के सहयोग से, समसामयिक और अन्य मुद्दों पर, उत्तराखंड के विभिन्न नगरों व कस्बो मे, विचार-विमर्श व परिचर्चा आयोजन करता रहा है।
विभिन्न क्षेत्रों में जनसरोकारो से सबद्ध, कार्य करने वालों को ट्रस्ट द्वारा प्रतिवर्ष सम्मानित व पुरष्कृत किया जाता रहा है। ट्रस्ट अध्यक्ष द्वारा अवगत कराया गया, विगत वर्षो मे करोना संक्रमण की दहशत के कारण, आयोजन नहीं किया जा सका था। इस बार 30वां आयोजन किया जा रहा है। सुखद है, उमेश डोभाल वाले तेवर व जोश रखने वाले पत्रकार अभी उत्तराखंड मे जिंदा हैं।
आयोजन के इस अवसर पर मुख्य वक्ता, नवीन जुयाल, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद द्वारा व्यक्त किया गया, हिमालय एक जीवंत पहाड़ है। समय-समय पर घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाऐ, एक स्वभाविक प्रकृति है। हमने प्रकृति के साथ कैसा व्यवहार किया, यह सब प्रकृति के स्वभाव से दृष्टिगोचर होता है। प्रकृति के स्वभाविक स्वभाव को, हिमालय प्रभावित करता है। लोगों ने प्रकृति के स्वभाव के अनुरूप ही अपने को ढाला है। हिमालयी ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत लोगों को पता होता है, कैसे रहा व जिया जाय। व्यक्त किया गया, नीतिकार हिमालय के स्वभाव व उसके महत्व को नहीं जानते। यह सब उत्तराखंड में विकास के नाम पर बनाई जा रही योजनाओ से, पता चलता है। ऋषिगंगा व केदारनाथ आपदा, आलवेदर सड़क निर्माण से हो रहा प्रकृति का विनाश व समय-समय पर हो रहा भूस्खलन, जंगलो का विनाश, अनियोजित तरीके से बनाए जा रहे बडे डैम, ये सब उदाहरण स्वरूप हैं। ये सब कार्य कुशल व गूढ वैज्ञानिको की मनाही के बाद किए गए हैं। छोटी व अहम बातों को जब शोधकर्ताओ द्वारा, नीतिकारों के सम्मुख रखा जाता है, बाते सुनी नहीं जाती हैं। योजनाकार सही तथ्यों पर टिके नहीं रहते हैं। शोध कार्यो व वैज्ञानिको के अनुभव को प्रकाशित होने से रोका जाता रहा है।
वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद नवीन जुयाल द्वारा व्यक्त किया गया, उच्च हिमालयी क्षेत्रों को छेडा नहीं जाऐ। सभी नदियों को बचाना होगा। एक नीति बनानी होगी। पर्यावरण संरचना को समझना होगा। आज देश का वैज्ञानिक नाकाबिल व नीतिआयोग ज्ञानी हो चुका है। त्रासदी पर, झोलाछाप वैज्ञानिको के ज्ञान का अवलोकन कर, संवेदनशील होकर, हिमालयी भू-भाग को बचाना होगा।
उमेश डोभाल ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2022 का उमेश डोभाल स्मृति सम्मान, त्रेपन सिंह नेगी (मरणोपरांत) को प्रदान किया गया। उक्त सम्मान कमलेश मिश्रा द्वारा प्राप्त किया गया। राजेन्द्र रावत ‘राजू’ जनसरोकार सम्मान, अनिल स्वामी को। गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ जनकवि संस्कृति सम्मान, सतीश धौलाखंडी को। उमेश डोभाल पत्रकारिता, प्रिंट मीडिया पुरस्कार, गंगा असनोडा थपलियाल को इलैक्ट्रॉनिक मीडिया पुरस्कार, टीम बारामासा तथा सोशल मीडिया पुरस्कार शीशपाल गुसाई को मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंह नेगी व ट्रस्ट अध्यक्ष गोबिंद पंत राजू के कर कमलो प्रदान किया गया। सभी सम्मानितो को अंगवस्त्र ओढा कर, सम्मान स्वरूप स्मृतिचिन्ह व 11-11 हजार रुपया प्रदान किया गया।
सभी सम्मानितो द्वारा सभागार में बैठै लोगों को संबोधित किया गया। पहले सत्र के समापन से पूर्व मुख्य अतिथि लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा उमेश डोभाल ट्रस्ट की कार्य योजनाओ व ट्रस्ट से उनके अमिट संबंधों के बावत अवगत कराया तथा ट्रस्ट के साथ सदेव जुडे रहने के संकल्प को दोहराया। आयोजकों द्वारा, मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंह नेगी व भू-वैज्ञानिक नवीन जुयाल का शाल ओढा कर व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
आयोजन का दूसरा विचार सत्र, नैनीताल समाचार संपादक, राजीव लोचन साह की अध्यक्षता व अन्य मंचासीन वरिष्ठ पत्रकारो, पी सी तिवारी, पलास विश्वास, चंद्रमोहन पपनैं तथा महिपाल नेगी के सानिध्य मे आयोजित किया गया। इस अवसर पर मंचासीनो के साथ-साथ, अन्य वक्ताओ स्निगधा तिवारी, देवेंद्र कड़ाकोटी, रुपेश, अनुसूइया प्रसाद, प्रो.डी आर पुरोहित, प्रभात ध्यानी, इत्यादि द्वारा पत्रकारिता व उत्तराखंड के विभिन्न ज्वलंत विषयों पर, बेबाक विचार रखे गए। प्रबुद्धन जनो द्वारा व्यक्त किये गए विचारो व सुझाओ का, विचार सत्र की अध्यक्षता कर रहे राजीव लोचन सांह द्वारा, सराहना की गई, समर्थन किया गया। उक्त व्यक्त विचारों के आधार पर, उमेश डोभाल ट्रस्ट द्वारा, सर्वसम्मति से उत्तराखंड के मूलभूत विकास के परिपेक्ष मे, कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए।
स्मृति समारोह आयोजन के प्रथम सत्र का मंच संचालन, गणेश खुगशाल ‘गणी’ व दूसरे सत्र का
संचालन, डाॅ योगेश धस्माना द्वारा बखूबी, प्रभावशाली अंदाज में किया गया।
आयोजन समारोह के अंतिम सांयकाल सत्र मे, मानव कौल रचित व अमर शाह निर्देशित नाटक, ‘बली और शंभु’ का प्रभावशाली व यादगार मंचन किया गया। नाटक मंचन की समाप्ति पर, ट्रस्ट अध्यक्ष गोबिंद पंत राजू व महासचिव आशीष नेगी द्वारा, आयोजन को सफल बनाने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया गया। आयोजन समाप्ति की घोषणा की गई।