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वरिष्ठ कवि सुमित्रानंदन पंत की कुछ पंक्तियों लिखकर पुष्कर सिंह धामी ने बसंत ऋतु आगमन का स्वागत किया

दिल्ली।उत्तराखंड के युवा दूरदर्शी सोच वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने फेसबुक पेज पर बड़ी खूबसूरती श्री देव भूमि उत्तराखंड की बसंत आगमन का स्वागत सत्कार प्रसिद्ध कवि स्व सुमित्रानंदन पंत की लिखी कुमाऊनी कविता के माध्यम से कि जो कि लोगों को अपनी और मंत्रमुग्ध कर रही है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने लेख मैं बुराश के फूल कि लाल गुलाबी रंग रंग का विवरण बड़ी ही खूबसूरती से किया ,उनका यह एक बहुत ही सराहनीय कदम है, यदि इस तरह से प्रदेश का हर जनप्रतिनिधि अपने प्रदेश की खूबसूरती व पर्यटन की जानकारियां अपने फेसबुक पेज व अन्य माध्यमों से जन जन तक पहुंचाए तो संभव है कि प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में स्वरोजगार के कई अवसर युवाओं को मिलेंगे जिस तरह से युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने पेज से नित्य नई जानकारियां प्रदेश के बारे में डालते हैं उससे आने वाले समय में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का एक सराहनीय कदम भी हो सकता है। कुछ पंक्तियां इसमें मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज से ली गई है

सार जंगल में त्वि ज क्वे न्हां रे क्वे न्हां,
फुलन छै के बुरूंश! जंगल जस जलि जां.

“अर्थात कि बुरांश तुझ सा सारे जंगल में कोई नहीं है। जब तू फूलता है, सारा जंगल मानो जल उठता है।”

प्रसिद्ध कवि स्व.सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा कुमाऊंनी में लिखी यह पंक्तियां वास्तव में बुरांश की खूबसूरती को सार्थकता प्रदान करती है। बुरांश हमारे प्रदेश का राज्य वृक्ष है। वसन्त ऋतु के आगमन से ही देवभूमि की वादियां लाल-गुलाबी रंग के बुरांश के सुंदर फूलों से आच्छादित हो जाती हैं। प्रदेश की खूबसूरती और पर्यटन से जिस तरह मुख्यमंत्री लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं आने वाले समय में उससे पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक आर्थिक मदद मिल सकती है।

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