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मेड मेकिंग ए डिफरेंस संस्था इस विकट परिस्थिति में लोगों की मदद के लिए आगे आई

दिल्ली।मेड मेकिंग ए डिफरेंस भारत देश के आईआईटीएन लोगों द्वारा स्थापित की हुई एक संस्थान है हमारे देश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए उस से बचाव करने को लेकर काफी छोटे स्तर से इसकी शुरुआत की गई थी। लगभग 4 से 5 लोगों के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी जिसमें लोग जुड़ते जुड़ते काफी संख्या में जुड़ चुके हैं अब इस संस्थान में 100 लोग जुड़ चुके हैं। इस स्थान में सभी आईआईटियन ही शामिल है यह सभी आईआईटियन दुनिया के कोने कोने से इस स्थान में जुड़े हुए है जिस कारण से यह संस्थान दुनिया की सबसे बड़ी संस्थान आईआईटियन की होने जा रही है यह लोग अपनी संस्थान के द्वारा दुनिया के कोने कोने से फंड इकट्ठा कर रहे हैं और कंप्लायंस एनजीओ देश के विभिन्न राज्य सरकार और भारत सरकार को भी फाउंड ऑक्सीजन सिलेंडर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को भी सस्ते दाम में उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं हाल ही में इन लोगों ने कर्नाटक सरकार को कुछ स्वास्थ यंत्रों और सामानों को मंगवाने में मदद की है इस रविवार को 112 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी भारत पहुंच रही है इनके द्वारा जो कि उनके परिवार दोस्तों तक पहुंचाई जाएगी दान के रुप में और अगले सप्ताह कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर एवं कंसंट्रेटेड भी आने वाली है जो कि आगे भी लगातार भेजी जाएगी इस संस्थान के लोगों का कहना है कि आज वह जो भी है और आज जो भी सीखा है वह अपने देश के बदौलत है आज इस कदम के माध्यम से देश की क्षति को कम करना चाहते हैं दुनिया की विभिन्न निजी कंपनियां भी इस कदम में साथ दे रही है जैसे कि फ्लिपकार्ट फार्मेसी लाइव स्पेस फंडामेंटम और इसके अलावा और भी बड़ी-बड़ी कंपनियां भी आगे आई हैं मदद करने के लिए दिन रात एक कर के संस्था कार्य कर रही है ताकि किसी भी तरह की जान माल की हानि से जितनी जल्दी हो सके भारत को बचाया जा सके दुनिया के कोने कोने से भी लोग मदद करने के लिए इच्छुक हो रहे हैं इस संस्थान के माध्यम से , यहां तक की पहली कंसाइनमेंट देश के गांव-गांव तक भी पहुंचेगी, इनका कहना है कि स्वास्थ्य कार्यों में इनकी महारत हासिल नहीं है फिर भी आगे चलकर यह लोग अच्छी तरह से महारत हासिल कर लेंगे ताकि आगे बड़े लेवल पर इस कार्य को पूरा करने में सक्षम हो, मिस्टर संदीप सुमन आईआईटी कानपुर , अटलांटा इस संस्थान को लीड कर रहे हैं और इनके साथ इनके टीम में कपिल शुक्ला, आईआईटी कानपुर, संतोष आनंद ,वेद प्रकाश पांडे , संदीप सुमन आईआईटी रुड़की (आईएसबीई) , और इनके अलावा और भी आईआईटीएम जुड़े हुए हैं जो कि प्रतिदिन इस कार्य को करने में अपनी जी जान लगाए हुए हैं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेल्टा एयरवेज और कुछ मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भी अपने लागत दामों को कम करके इस संस्थान को मदद करने में तत्पर दिख रही है इस संस्थान के आगे की रणनीति ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने की भी है करो ना को लेकर कुछ शोध कार्यों में भी यह लोग लगे हुए हैं ताकि आगे देश के लोगों की क्षति को कम किया जा सके इनका कहना है कि देश की सर्वाधिक जनसंख्या एवं विभिन्न भौगोलिक दशा के कारण भी बीमारी की रोकथाम करने में सरकार को दिक्कतें आ रही हैं इन लोगों ने यह भी शपथ लिया है कि अपने शोध और तैयारी से इस तरह के बीमारियों और आपदाओं से अपने देश भारत में होने वाली क्षति को कम करने की कोशिश करेंगे।

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