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गांधीनगर से राष्ट्रव्यापी अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” का शुभारंभ किया-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने

वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने बताया, 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की दावा रहित जमाराशियां अब नागरिकों के अधिकार में लौटेंगी

Amar sandesh दिल्ली/गांधीनगर। देश के प्रत्येक नागरिक को उसकी मेहनत की कमाई और बचत तक सहज पहुँच दिलाने के उद्देश्य से केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” का शुभारंभ किया। यह अभियान वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा आरंभ किया गया है, जिसका उद्देश्य दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों को rightful claimants तक पहुँचाना है।

इस अवसर पर गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, डीएफएस के सचिव एम. नागराजू, भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक, आईआरडीएआई, सेबी, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रमुख वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य स्पष्ट और भावनात्मक दोनों है “हर नागरिक की बचत, उसी का अधिकार।” उन्होंने कहा कि दावा रहित जमा, बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल संख्याएँ नहीं हैं, बल्कि ये आम नागरिकों की जीवनभर की मेहनत, उनके सपनों और सुरक्षा की पूंजी का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि “हर रुपया जो किसी नागरिक ने बचाया है, वह उसी तक पहुँचना चाहिए यही इस अभियान का सार है।”

वित्त मंत्री ने अभियान के तीन प्रमुख स्तंभों “3ए  जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई” पर बल देते हुए कहा कि जागरूकता से नागरिकों को अपनी लावारिस वित्तीय संपत्तियों के बारे में जानकारी मिलेगी, पहुंच उन्हें डिजिटल साधनों और स्थानीय सहायता से अपनी संपत्ति तक जोड़ेगी, जबकि कार्रवाई यह सुनिश्चित करेगी कि दावे पारदर्शी और समयबद्ध रूप से पूरे हों।

श्रीमती सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक सहित विभिन्न वित्तीय संस्थानों की प्रशंसा की, जिन्होंने केवाईसी और पुनः-केवाईसी अभियानों के माध्यम से नागरिकों और वित्तीय प्रणाली के बीच विश्वास का सेतु बनाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान भारत के वित्तीय समावेशन की दिशा में एक और बड़ा कदम है, जो हर घर तक आर्थिक सशक्तिकरण की भावना को ले जाएगा।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने उन लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जिन्होंने विभिन्न संस्थानों से अपनी दावा रहित जमा राशि सफलतापूर्वक प्राप्त की।

कार्यक्रम में गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि गुजरात से इस राष्ट्रव्यापी पहल का शुभारंभ राज्य के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि दावा न की गई राशि शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के माध्यम से नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं गांधीनगर के सांसद अमित शाह का शुभकामना संदेश भी प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि यह पहल सिर्फ वित्तीय संपत्तियों की वापसी नहीं, बल्कि नागरिकों के “विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण” का प्रतीक है।

वित्तीय सेवा सचिव एम. नागराजू ने बताया कि अगस्त 2025 तक लगभग 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की दावा रहित जमाराशियां आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में स्थानांतरित की जा चुकी हैं। इसके अलावा 13,800 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि, 3,000 करोड़ रुपये की म्यूचुअल फंड शेष राशि, और 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैतनिक लाभांश नागरिकों की पुनः प्राप्ति के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को उनका वैध धन बिना किसी जटिलता और विलंब के प्राप्त हो, जिससे वे आत्मविश्वास और सुरक्षा के साथ आगे बढ़ सकें।

उन्होंने यह भी बताया कि अब तक लगभग 172 करोड़ शेयर निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPFA) में हस्तांतरित किए जा चुके हैं। यह अभियान वित्तीय समावेशन की भारत की व्यापक उपलब्धियों जन धन योजना, यूपीआई और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT)  पर आधारित है, और यह सुनिश्चित करता है कि नागरिकों को न केवल वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिले, बल्कि उन्हें “वह भी मिले जो उनका अधिकार है।”

गुजरात से शुरू हुए इस राष्ट्रव्यापी अभियान को अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विस्तार दिया जाएगा। इस अवधि में डिजिटल प्रदर्शनियों, हेल्पडेस्क और जागरूकता शिविरों के माध्यम से नागरिकों को अपनी लावारिस संपत्तियों की पहचान और दावा करने में सहायता दी जाएगी।

इस अभियान के समन्वयन में वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग (DFS) अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) तथा निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) सहित प्रमुख बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और पेंशन संस्थानों की सक्रिय भागीदारी है।

यह अभियान भारत सरकार की उस प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है, जिसके अंतर्गत हर नागरिक को वित्तीय रूप से सशक्त, आत्मनिर्भर और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना लक्ष्य है।

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