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विश्व जल शिखर सम्मेलन में भारतीय जल संरक्षण प्रयासों को मिली सराहना: —-गजेंद्र सिंह शेखावत 

जल प्रहरी सम्मान समारोह 2023 में जल शक्ति मंत्री ने किया जल रक्षकों सम्मानित

नई दिल्ली, 30 मार्च। अमेरिका में संपन्न हुई वाटर कांफ्रेंस में भारत के पर्यावरण, जल संरक्षण प्रयासों पर दियाा गया भाषण सबसे लंबा भाषण रहा और दुनिया भर ने भारतीय प्रयासों की सराहना की है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन, जल के प्रति जन-जन की भागीदारी से ही संभव हो सका है। जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यह उद्गार सरकारीटेल द्वारा जल शक्ति मंत्रालय और जल जीवन मिशन के संयुक्त सहयोग से राजधानी के महाराष्ट्र सदन में आयोजित जल प्रहरी सम्मान समारोह 2023 में व्यक्त किए।

समारोह में जलवायु परिवर्तन और पेयजल संकट प्रबंधन व दुनिया भर की नवीन तकनीकों, भारतीय तकनीक पर चर्चा भी की गई। जल संरक्षण के लिए देश भर के 51 से अधिक लोगों को जल प्रहरी सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम में बतौर जल प्रहरी किसान, वैज्ञानिक, आईएएस, आईआरएस जिला स्तरीय अधिकारी, कई स्कूलों के बच्चों व प्रिंसिपल ने अभिनव उपयोगों, उपकरणों, प्रयोगों, अद्वितीय पारंपरिक तरीकों से अपने क्षेत्रों में लाखों लीटर पानी बचाने के कार्यों का ब्यौरा भी रखा।

सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शिखावत ने 22 राज्यों के 51 महानुभावों को सम्मानित करते हुए कहा, जल संरक्षण के क्षेत्र में भारत का योगदान असाधारण है। संयुक्त राष्ट्र में हुए विश्व जल शिखर सम्मेलन और विश्व जल मंच में भागीदारी ने भारत को जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने काम को प्रदर्शित करने का मौका दिया, जिसे संयुक्त राष्ट्र के अध्यक्ष और अन्य विदेशी प्रतिनिधियों ने सराहा। पर्यावरण और जल संरक्षण में भारत की पहल ने बहुत ही कम समय में दुनिया के लिए एक मिसाल कायम की है। भारत ने आम जनता से लेकर सरकार तक के सभी संसाधनों को मोड़ दिया है। पानी की समस्या की आवश्यकता और चिंता की ओर, जो भारत की जनसंख्या में वृद्धि के साथ तीन गुना बढ़ गई है। हमें जिम्मेदार भारतीय नागरिक के रूप में अपनी भावी पीढ़ी के लिए पानी बचाने और पानी की बर्बादी से बचने के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए। पृथ्वी का भविष्य पानी में निहित है इसलिए हमारी मातृभूमि के भविष्य के लिए पानी को बचाने की जरूरत है, जितनी जल्दी हम समझेंगे उतना ही बेहतर होगा कि हम भविष्य की पीढ़ी के लिए भूजल स्तर और जलवायु परिवर्तन को बचा सकें।

राष्ट्रीय जल मिशन की निदेशक अर्चना वर्मा (आईएएस) ने कहा कि, हम पानी के मूल्य को तब तक नहीं जान सकते जब तक कि कुआं सूख न जाए। आंकड़ों के अनुसार, पानी की कमी के बारे में चिंता गंभीर है और जिसे दूर करने की आवश्यकता है जल संकट प्रबंधन से निपटने के लिए उन्होने जल्द से जल्द संरक्षण पर बल दिया। जल प्रहरी समारोह में देश भर के 22 राज्यों के जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया। दिल्ली, बिहार, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, झारखंड, पंजाब, त्रिपुरा, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना आदि राज्यों से एक-एक जल रक्षक और हरियाणा, कर्नाटक, उत्तराखंड से दो-दो जल रक्षक सम्मानित किए गए।

 

मध्य प्रदेश से छत्तरपुर की बविता राजपूत, ग्वालियर के दीपक हरि रानाडे व मनीष राजपूत, भोपाल के गजेंद्र सिंह व छत्तीसगढ़ के रायपुर से विपिन दुबे को जल प्रहरी सम्मान दिया गया। वहीं कार्यक्रम में विशिष्ट आमंत्रित अतिथियों में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड, श्री गोपाल शेट्टी, श्री उन्मेश पाटिल, श्री गोपाल आर्य, बीके आशा दीदी व नीदरलैंड, फिनलैंड, माल्टा, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान समेत कई देशों के राजदूत प्रमुख थे। समारोह के संयोजक अनिल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जल मिशन, सीईईडब्ल्यु नोलेज पार्टनर हैं और कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, जिला अधिकारी, गैर सरकारी संगठन और शामिल हुए हैं। सरकारी टेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमेय साठे ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के 11 जल संरक्षणवादियों, राजस्थान और मध्य प्रदेश के 8 और महाराष्ट्र के 10 जल संरक्षणवादियों को जल संरक्षण गतिविधियों में उनके असाधारण प्रयासों के लिए सम्मानित करने का सौभाग्य मिला।

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