भारत के सतत भविष्य को ऊर्जा प्रदान करने हेतु पंप स्टोरेज परियोजनाओं पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन
Amar chand दिल्ली। नई दिल्ली के स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आज “पंप स्टोरेज परियोजनाएं: भारत के नवीकरणीय भविष्य को सशक्त बनाना” विषय पर एक उच्च-स्तरीय विचार-मंथन सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एवं केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा एनटीपीसी, सीबीआईपी और आईएनसीओएलडी के सहयोग से किया गया।
इस पूरे दिन चले विचार-विमर्श सत्र में देशभर से आए 300 से अधिक प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें शीर्ष सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, डेवलपर्स, पर्यावरण विशेषज्ञ, नियामक और सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे। सत्र का मुख्य उद्देश्य भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) की भूमिका और 2070 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में उनके योगदान पर केंद्रित था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री पंकज अग्रवाल (आईएएस) और विशिष्ट अतिथि के रूप में अतिरिक्त सचिव (हाइड्रो) श्री आकाश त्रिपाठी (आईएएस) उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त प्रमुख वक्ताओं में सीईए के सदस्य (हाइड्रो) श्री एमजी गोखले, एनटीपीसी के सीएमडी श्री गुरदीप सिंह, टीएचडीसी के सीएमडी श्री आर.के. विश्नोई, संयुक्त सचिव (हाइड्रो) श्री मोहम्मद अफजल, टीएचडीसी के निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेंद्र गुप्ता और सीबीआईपी के सचिव श्री ए.के. दिनकर शामिल थे।
सत्र के दौरान चार केंद्रित पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं, जिनमें निम्न विषयों पर गहन चर्चा हुई:
. पीएसपी के लिए नीति, योजना और विनियामक ढांचा
. पीएसपी विकास में भूवैज्ञानिक, नागरिक और भौतिक विचार
पर्यावरण और वन मंजूरी ढांचा – चुनौतियां और सुव्यवस्थापन
पीएसपी के कार्यान्वयन की चुनौतियां और आगे का मार्ग
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अतिरिक्त सचिव श्री आकाश त्रिपाठी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर पीएसपी विकास को गति देना है।
सीईए के श्री एमजी गोखले ने बताया कि 2025-26 तक लगभग 3 गीगावाट पीएसपी क्षमता जोड़ने की योजना है, जिसमें टिहरी पीएसपी की 1000 मेगावाट की परियोजना भी शामिल है।
एनटीपीसी के सीएमडी श्री गुरदीप सिंह ने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन की सफलता के लिए मजबूत भंडारण आवश्यक है और पीएसपी इसके लिए एक प्रमुख समाधान है।
टीएचडीसी के सीएमडी श्री आर.के. विश्नोई ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य बाधाओं की पहचान कर परियोजनाओं के कुशल निष्पादन की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एनएचपीसी, आरईसी, एसजेवीएन, अडानी ग्रुप, टाटा पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन, आईआईटी रुड़की जैसे प्रमुख संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन सीईए द्वारा प्रस्तुत एक समेकित सारांश और टीएचडीसी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उल्लेखनीय है कि टीएचडीसी उत्तराखंड के टिहरी में देश का पहला वैरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (1000 मेगावाट) चालू करने की अंतिम चरण में है, जिससे भारत की ऊर्जा भंडारण क्षमता को एक नई ऊंचाई मिलेगी।