भाजपा के भविष्य स्टार प्रचारक होंगे पुष्कर सिंह धामी
पिछले दिनों दो राज्यों तथा एक नगर निगम निकाय में संपन्न ताजा चुनाव के परिणामों से भारतीय जनता पार्टी को देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने के संकेत दे दिए हैं। विशाल गुजरात तथा लघु एवं पहाड़ी राज्य हिमाचल के विधानसभा चुनाव परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा के सम्मुख विपक्ष लगभग घुटने टेक चुका है और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का कांग्रेस पार्टी को कोई राजनीतिक लाभ मिलता भी नहीं दिख रहा है। इधर राजधानी दिल्ली के नगर निगम निकाय चुनावो के परिणामों से यह संदेश गया है कि भाजपा 15साल राज करने के बाद भी अपने को सही जगह और सही सीटों पर विजय प्राप्त करने में कामयाब दिखी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कद को भी एमसीडी चुनावों के दोराना बढ़ाया। नगर निगम के निकाय चुनावों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रचार -प्रसार की कमान सौंपी गई थी उनमें से 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों को विजय हासिल हुई। हालांकि भाजपा एमसीडी चुनाव में आशानुरूप सीटें जीतने में नाकामयाब रही हो लेकिन उत्तराखंडियों ने भाजपा उम्मीदवारों को ही एकमुश्त मतदान किया ऐसा दिख रहा है।
इन चुनाव परिणामों से स्पष्ट हो गया है जहां पर्वतीय मूल के 6 उम्मीदवारों भाजपा के टिकट पर नगर निगम में जीते हैं वही सीएम धामी के प्रचार वाली सीटों पर भाजपा को सराहनीय मत प्राप्त हुए है।
उधर हिमाचल विधानसभा चुनावों में भाजपा भले ही “एंटी इन्कमबैंसी फैक्टर”के मिथक को तोड़ने में नाकामयाब रही हो लेकिन कांग्रेस तथा भाजपा के बीच जीत -हार का मतो का अंतर मात्र एक प्रतिशत तक सिमट गया है। भाजपा का वोट प्रतिशत केवल 1% गिरने का कारण यही परंपरा कही जा सकती है कि इस लघु राज्य में सरकारें बदलने का चलन कायम रहा है। हिमाचल में जिन- जिन क्षेत्रों में सीएम धामी ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था, उन क्षेत्रों में भाजपा को सराहनीय मत मिले हैं और उनके कई उम्मीदवार जीते हैं। पुष्कर धामी भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने सरकार बदलने के चलन को उत्तराखंड में तोड़ने में कामयाबी पायी औ अब प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में भी भाजपा की प्रचंड बहुमत के साथ वापसी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के कद और विजन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री धामी की तर्ज पर गुजरात में भी समान नागरिक संहिता कानून बनाने की बात जोर-शोर से चल रही है। गौरतलब है कि सीएम धामी देश के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिकं संहिता कानून बनाने की पहल की है।गुजरात में भी चुनाव प्रचार के दौरान समान नागरिक संहिता कानून बनाने का चुनावी वादा किया गया है। दिल्ली एमसीडी चुनाव का परिणाम भले ही भाजपा के पक्ष में ना रहा हो परंतु सीएम धामी के राजनीतिक कद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखंड में सत्ता में भाजपा की 20220मे हुई वापसी केवल एक संयोग नहीं था अब यह साबित हो गया है, हिमाचल तथा उत्तराखंड की भौगोलिक स्थितियां जनांकिकीय परिस्थितियां लगभग एक समान है। परंतु जहां हिमाचल में जयराम ठाकुर भाजपा को सत्ता में वापस नहीं ला सके वही पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा की सत्ता में वापसी करायी। वे हालांकि भितरघात के चलते स्वयं सीट बचाने में असफल रहे परंतु केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर अपना विश्वास कायम रखा और उन्हें पुनः प्रदेश की कमान सौंपी।
ओर वे चंपावत से प्रचंड बहुमत से जीतकर विधानसभा पहुंचे उत्तराखंड सहित समूचे भाजपा को इस बात की खुशी हो रही होगी कि उन्हें एक और स्टार प्रचारक मिल गया है।
भाजपा गुजरात चुनाव में हालांकि सीएम पुष्कर सिंह धामी का पूरा उपयोग नहीं कर सकी हो क्योंकि उस दौरान दिल्ली एमसीडी चुनाव में पुष्कर सिंह धामी काफी व्यस्त हो
गये थे। लेकिन भविष्य में पुष्कर सिंह धामी भाजपा के स्टार प्रचारक होने जा रहे हैं यह निश्चित है। खासकर हिमाचल राज्यों में आगामी चुनाव प्रचारों के दौरान पुष्कर सिंह धामी का भाजपा हाईकमान पूरा उपयोग करेगा यह तय है। पुष्कर धामी के रूप में भाजपा को एक और पोस्टर ब्वॉय मिल गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी उम्र और ऊर्जा के लिहाज से भी स्टार प्रचारक की भूमिका में सटीक हैं। वह ओजस्वी वक्ता होने के साथ-साथ लंबे समय तक संगठन में जमीनी स्तर पर काम करने का अनुभव भी रखते हैं। यही अनुभव उन्हें व्यावहारिक राजनीति में वर्तमान में उनको काफी चर्चा व लाभ दिला रहा है ।उनके बढ़ते हुये राजनीतिक कद में उनके द्वारा प्रदेश हित में ले गये फैसलों कि भी अहम भूमिका हैं।