काला पानी जेल में मनाई गई शहीद महावीर सिंह राठौर की 119वीं जयंती
पोर्ट ब्लेयर संवाददाता। 16 सितम्बर पोर्ट ब्लेयर जिसका नाम अभी श्री विजय पुरम किया गया है में काले पानी जेल पर शहीद महावीर सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनकी जयंती बनाई गई। जिन्होंने इसी जेल में गुलामी के वक्त अंग्रेजी सरकार की अन्याय और अत्याचार की व्यवस्थाओं का विरोध करने के लिए आंदोलन में भाग लिया था, और जिन्हें सेलुलर जेल में भेजा गया था। उन्होंने जेल की व्यवस्थाओं के खिलाफ सेल्यूलर जेल में ही अनशन किया था और अनशन खत्म करवाने के लिए उनको यातनाएं दी गई थी। लेकिन शहीद महावीर सिंह ने अपना अनशन समाप्त नहीं किया, और हंसते हंसते अपने प्राणों की आहुति दे दी। यहाँ आपको यह बताना भी जरुरी है कि, सेल्युलर जेल में प्रवेश और लाइट एंड साउंड शो के शुल्क को शहीद सम्मान अभियान दिल्ली के संयोजक डॉ हरपाल सिंह जटराणा समाप्त करवाने का प्रयास लम्बे समय से कर रहे है। इस अवसर पर उनके द्वारा रोजाना 18 से 24 सितंबर तक सेलुलर जेल शहीद पार्क में तीन सौ के टिकट शुल्क को कम करवाने के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। जिसमें सरकार से मांग की जाएगी की जिस प्रकार से केंद्र और राज्य सरकारें नागरिकों की धार्मिक स्थलों पर निशुल्क यात्रा कराती है, उसी प्रकार से सेलुलर जेल की भी निशुल्क यात्रा करवाई जाए। सेलुलर जेल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए और सेल्युलर जेल के इतिहास को पाठ्यक्रम में जोड़ा जाए। इस अवसर पर पोर्ट ब्लेयर के निगम पार्षद अजीजु रहमान ने कहा, स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक गवाह सेलुलर जेल में पहले 30 और 50 रूपये का टिकट शुल्क लिया जाता था। जिसे बढ़कर 300 रूपये कर दिया गया है, जो बेहद अधिक है। इसके लिए उपराज्यपाल से मुलाकात का प्रयास कर बात रखेंगे। तो इस अवसर पर उपस्थित भाजपा नेत्री प्रीति अनिल ने कहा कि सेलुलर जेल में शहीदों का अपमान हो रहा है। वीर सावरकर, होतीलाल वर्मा आदि सैकड़ों क्रांतिकारीयो के त्याग, तपस्या बलिदान की गाथा को (लाइट एंड साउंड शो के नाम पर) सुनाने पर टिकट लगाना, स्वतंत्रता सैनानियों की कुर्बानी का अपमान है। तो मौजूद आर पी यादव ने बताया सेल्यूलर जेल उन स्वतंत्रता सैनानियों को भेजा जाता था जिन्हे अंग्रेज रोकने में असफल रहते थे। शहीदों के भारत में उनकी दांस्ता देशवासियों तक पहुंचना सरकारों का काम है, और उसके लिए महंगा शुल्क वसूलना उनका अपमान है। इस अवसर पर कई व्यक्तियों ने भी पहुंच कर अपना समर्थन दिया।