एनएचपीसी,व एनटीपीसी भारत की सबसे बड़ी एकीकृत कंपनी ने संयुक्त रूप से मनाया अपना 50वां स्थापना दिवस
दिल्ली।एनएचपीसी, भारत की प्रमुख जलविद्युत कंपनी और एनटीपीसी, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उपयोगिता ने 9 नवंबर 2024 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में एक भव्य संयुक्त समारोह के साथ अपना 50वां स्थापना दिवस मनाया और स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश किया। दोनों उपयोगिताओं को 7 नवंबर 1975 को शामिल किया गया था।
केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर भारत सरकार के सचिव (विद्युत) श्री पंकज अग्रवाल विशेष अतिथि थे। श्री आर.के. चौधरी, सीएमडी, एनएचपीसी और श्री गुरदीप सिंह, सीएमडी, एनटीपीसी के साथ इस अवसर पर एनएचपीसी से श्री आर. पी. गोयल, निदेशक (वित्त), श्री उत्तम लाल, निदेशक (कार्मिक), श्री संजय कुमार सिंह, निदेशक (परियोजना एवं तकनीकी) और श्री संतोष कुमार, सीवीओ और एनटीपीसी से श्री जयकुमार श्रीनिवासन, निदेशक (वित्त), श्री शिवम श्रीवास्तव, निदेशक (ईंधन), श्री के. एस. सुंदरम, निदेशक (परियोजनाएं), श्री रवींद्र कुमार, निदेशक (संचालन) और श्री ए. के. जदली, निदेशक (एचआर) मौजूद थे।
अपने संबोधन में केंद्रीय बिजली, आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने दोनों संगठनों को हार्दिक बधाई दी और इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनने पर अपनी प्रसन्नता जताई। माननीय मंत्री ने कहा कि बीते पांच दशक में भारत के विद्युत क्षेत्र में एनएचपीसी और एनटीपीसी की ओर से किया गया अद्वितीय योगदान हमारे लिए गर्व का विषय है और देश के संपोषित विकास के लिए स्थिर और निरंतर विद्युत की आपूर्ति प्रदान करने का उनका समर्पण और प्रतिबद्धता महत्वपूर्ण है।
अपने संबोधन में श्री पंकज अग्रवाल, सचिव (विद्युत), भारत सरकार ने एनएचपीसी और एनटीपीसी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बीते 50 वर्षों में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाने में एनटीपीसी और एनएचपीसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे जोड़ा कि दोनों संगठनों ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास को जोड़ा है और यह स्वीकार किया कि दोनों संगठन स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का प्रचार कर रहे हैं।
इस अवसर पर संबोधन के दौरान, एनएचपीसी के सीएमडी श्री आर. के. चौधरी ने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश के लिए एनएचपीसी और एनटीपीसी दोनों कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। श्री चौधरी ने बिजली 1975 में अपनी स्थापना के समय से उत्पादन और लाभप्रदता के संदर्भ में एनएचपीसी की विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी दी। एनएचपीसी के सीएमडी ने कहा कि एनएचपीसी की सफलताएं अनगिनत हैं और हमने न केवल विचार से लेकर इस्तेमाल में लाए जाने तक जलविद्युत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता हासिल की है, बल्कि संपोषित विकास के सिद्धांतों को भी अपनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएचपीसी का 50वां स्थापना दिवस इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि एनएचपीसी ने इस साल 30 अगस्त को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल किया है जो हमारी कड़ी मेहनत, समर्पण और उच्च मानकों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनएचपीसी के सीएमडी ने बताया कि वर्तमान में एनएचपीसी की कुल स्थापित क्षमता 7000 मेगावाट से अधिक है और एनएचपीसी लगातार हरित ऊर्जा उत्पादन की ओर बढ़ रही है और नई ऊंचाइयों को छूने का प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर बोलते हुए, एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने इस ऐतिहासिक अवसर पर एनटीपीसी और एनएचपीसी के प्रत्येक कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों को बधाई दी। सीएमडी ने कहा कि इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने में हमारे कर्मचारियों का समर्पण और लचीलापन महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा, इस साल, जैसा कि हम अपनी विरासत का सम्मान करते हैं, हम नवाचार को अपनाने और प्रदर्शन, सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन के नए मानक स्थापित करने का भी संकल्प लेते हैं। एनटीपीसी ने राष्ट्र को विश्वसनीय, किफायती और संपोषित विद्युत प्रदान करने के लिए हमेशा ही अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमने सालों तक देश की प्रगति के लिए एक विकास के इंजन के तौर पर काम किया, लगातार विकसित हुए और राष्ट्र की विकास गाथा पर गहरा प्रभाव डाला। आज, जब लोग देश में बिजली के बारे में विचार करते हैं, तो वो तुरंत एनटीपीसी के बारे में सोचते हैं, जो हमें गर्व की अनुभूति कराता है और हम पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डालता है, उन्होंने जोड़ा।
कार्यक्रम के दौरान, माननीय केंद्रीय विद्युत, आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने एनएचपीसी की कॉमिक बुक, “जल से ज्योति” और एनटीपीसी की कॉफी टेबल बुक, “समथ्वम” नामक दो विशेष प्रकाशनों का विमोचन किया। एनएचपीसी की कॉमिक बुक, “जल से ज्योति” का उद्देश्य कहानी को आकर्षक तरीके से कहने और जीवंत चित्रण के माध्यम से बच्चों को जल विद्युत उत्पादन के महत्व और प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करना है। एनटीपीसी की कॉफी टेबल बुक, “समथ्वम”, शानदार चित्रों और प्रेरक कहानियों के जरिए एनटीपीसी के समृद्ध इतिहास को क्रमवार तरीके से बताती है। “समथ्वम”, एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है समता और संतुलन, जो बीते 50 वर्षों में एनटीपीसी के दर्शन को समाहित करता है। यह पुस्तक एक एकल थर्मल पावर प्लांट से शुरू होकर भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली इकाई होने तक एनटीपीसी की यात्रा पर प्रकाश डालती है, जो ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरणीय संपोषण, नवाचार, सामुदायिक सशक्तिकरण और जैव विविधता में इसके योगदान को रेखांकित करती है।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण प्रसिद्ध गायक श्री अभिजीत भट्टाचार्य का संगीतमय प्रदर्शन था, जिनकी मनमोहक धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और उत्सव में एक अद्भुत रंग जोड़ दिया।