उत्तराखण्ड-यूएई के बीच निवेश और सहयोग के नए द्वार खुले
Amar sandesh नई दिल्ली, मंगलवार – उत्तराखण्ड राज्य के लिए वैश्विक निवेश के नए अवसरों को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल के तहत यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन श्री माजिद अलनेखैलावी ने उत्तराखण्ड के स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा से उत्तराखण्ड निवास, नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड और यूएई के बीच निवेश एवं परस्पर सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करना था।
बैठक के दौरान स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा ने श्री माजिद अलनेखैलावी को अवगत कराया कि हाल ही में संपन्न उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ने राज्य को एक “नए निवेश गंतव्य” के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड की बेहतर कानून व्यवस्था, मजबूत आधारभूत संरचना, सुगम सड़क संपर्क और उद्योग अनुकूल नीतियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास प्राप्त किया है।
वैकल्पिक ऊर्जा, नॉलेज सिटी और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश के लिए खुला न्योता
श्री मिश्रा ने यूएई प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखण्ड में मौजूद वैकल्पिक ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy), नॉलेज सिटी, पर्यटन, वेलनेस, फूड प्रोसेसिंग, बायोटेक्नोलॉजी, महिला उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में निवेश की असीम संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने राज्य में विकसित की जा रही कॉरिडोर परियोजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनमें विदेशी निवेश के लिए अपार अवसर उपलब्ध हैं।
स्थानीय उत्पादों की लघु फिल्म से यूएई प्रतिनिधिमंडल हुआ प्रभावित
इस अवसर पर उत्तराखण्ड की महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा तैयार स्थानीय उत्पादों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। फिल्म के माध्यम से उत्तराखण्ड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, महिलाओं की सशक्त भागीदारी और पारंपरिक उत्पादों के वैश्विक बाजार में संभावनाओं को रेखांकित किया गया, जिसे डिप्टी चीफ ऑफ मिशन श्री माजिद अलनेखैलावी ने सराहा।
भविष्य में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा पर सहमति
बैठक में यह भी सहमति बनी कि यूएई से एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल उत्तराखण्ड का भ्रमण करेगा, ताकि निवेश के क्षेत्रों को प्रत्यक्ष रूप से देखा और समझा जा सके। दोनों पक्षों ने आपसी समन्वय बनाए रखते हुए आगामी महीनों में ठोस प्रस्तावों पर कार्य करने की इच्छा जताई।यह बैठक न केवल उत्तराखण्ड की वैश्विक निवेश रणनीति को मजबूती देने की दिशा में एक ठोस कदम रही, बल्कि भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों में राज्य-स्तरीय सहभागिता के एक नए अध्याय की शुरुआत भी कही जा सकती है। आने वाले समय में इस पहल से राज्य में रोजगार, निवेश और तकनीकी सहयोग के नए रास्ते खुलने की पूरी संभावना