उत्तराखंड प्रवासी परिषद उपाध्यक्ष पूरन चंद्र नैलवाल का दिल्ली में भव्य नागरिक अभिनन्दन
सी एम पपनै
नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कई दशकों से निरंतर पार्टी के प्रति समर्पित, निष्ठावान व जनसमाज के सेवक रहे पूर्व प्रवासी आयोग उपाध्यक्ष तथा महाराष्ट्र व गोवा के राज्यपाल के ओ एस डी रहे पूरन चंद्र नैलवाल को उत्तराखंड प्रवासी परिषद का उपाध्यक्ष नियुक्त करने पर दिल्ली एनसीआर में गठित दर्जनों जानीमानी सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनो से जुड़े प्रबुद्ध जनों द्वारा भव्य नागरिक अभिनन्दन चाणक्य पुरी स्थित उत्तराखंड सदन में 18 अप्रैल की सायं किया गया। आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह की अध्यक्षता ख्याति प्राप्त साहित्यकार व सेवानिवृत सचिव हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार डॉ. हरिसुमन बिष्ट द्वारा विश्व ब्राह्मण सभा अध्यक्ष के सी पांडे, वरिष्ठ पत्रकार क्रमशः गोबिंद सिंह व सी एम पपनै तथा भाजपा उत्तराखंड प्रवासी प्रकोष्ठ से जुड़े नरेंद्र मनराल मंचासीनों के सानिध्य में की गई।
भव्य नागरिक अभिनन्दन समारोह का आयोजन हिमालयन रिसोर्सेज एन्हासमेंट सोसाइटी से जुड़े नीरज बवाड़ी तथा अमर संदेश व जन जन की आवाज मीडिया ग्रुप मुख्य संपादक अमरचंद के सौजन्य से आयोजित किया गया था।
आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में सभी मंचासीन प्रबुद्ध जनों द्वारा पूरन चंद्र नैलवाल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पहली बार नियोजित किए गए उत्तराखंड प्रवासी परिषद उपाध्यक्ष का प्रभावशाली दायित्व सौंपने पर बधाई दी गई
पुष्प गुच्छ भेंट किए गए व शाल ओढ़ा कर स्वागत अभिनन्दन किया गया।
आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में दिल्ली एनसीआर में गठित उत्तराखंड की दर्जनों प्रवासी संस्था पदाधिकारियों व प्रबुद्ध जनों द्वारा लंबी कतार लगा कर दायित्व प्राप्त पूरन चंद्र नैलवाल को पुष्पगुच्छ व शाल ओढ़ा कर अभिनन्दन किया गया, बधाइयां दी गई।
खचाखच भरे उत्तराखंड सदन सभागार में उपस्थित संस्था पदाधिकारियों में प्रमुख हेमपंत, पी सी नैनवाल, डॉ. विनोद बछेती, पवन कुमार मैठाणी, डॉ. के सी पांडे, डॉ. वीरेंद्र कुमार आर्या, खुशहाल सिंह रावत, यशोदा घिल्डियाल, रेखा चौहान, मनोज चंदोला, अमरचंद,पी सी नैनवाल उघमी, मोहन सिंह बिष्ट, गोपाल उप्रेती, महेश चन्द्रा, राजेंद्र चौहान, महेश रावत, लक्ष्मी रावत, लक्ष्मी, अजय बिष्ट, श्रीमती यशोदा घिल्डियाल, श्रीमती लक्ष्मी नौडियाल, डॉ. बिहारी लाल जलंधरी, रमेश चंद्र कांडपाल, मदन मोहन सती, कुंदन कुमार सिंह, मथुरा प्रसाद, नंदन सिंह रावत, प्रेम नैथानी, हरेंद्र डोलियां, मोहन सिंह रावत, संगीता सुयाल इत्यादि इत्यादि द्वारा अपना स्वयं व अपनी संस्था का परिचय देकर
उत्तराखंड प्रवासी परिषद उपाध्यक्ष पूरन चंद्र नैलवाल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाल कर पूर्व में उनके द्वारा जनहितार्थ किए गए कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। निस्वार्थ भाव किए गए जटिल कार्यों हेतु आभार भी व्यक्त किया गया। मिले महत्वपूर्ण दायित्व पर बधाई दी गई। अंचल के सतत विकास में साथ देने का वायदा भी किया गया।
आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में उपस्थित संस्था पदाधिकारियों द्वारा हर्ष व्यक्त कर कहा गया, पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा गठित प्रवासी परिषद का नेतृत्व बतौर उपाध्यक्ष हमारे बीच के अग्रज पूरन चंद्र नैलवाल करेंगे, वे गठित प्रवासी परिषद अध्यक्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व दूसरे उपाध्यक्ष मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार का मार्गदर्शन भी करेंगे।
संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा कहा गया, अनुभव प्राप्त पूरन चंद्र नैलवाल को पद विलंब से दिया गया। जो दायित्व दिया गया है, उसे निश्चय ही गति मिलेगी, क्योंकि दायित्व सुयोग्य व्यक्ति को दिया गया है, जो सदा सरकार और पार्टी के करीब रहे हैं। नैलवाल जी को दायित्व मिलने से प्रवासियों की उम्मीदों को बल मिलेगा। उनके द्वारा अंचल में किए जा रहे कार्यों को मजबूती मिलेगी, लोगों को सही राह मिलेगी।
प्रबुद्ध जनों द्वारा कहा गया, पूरन चंद्र नैलवाल को दायित्व मिलने से उक्त पद सुशोभित हुआ है। दायित्व मिलने से प्रवासियों की कड़ी जुड़ेगी। कहा गया, नैलवाल जी के व्यक्तित्व व पूर्व में निभाए गए कार्यों के समक्ष दिया गया पद बहुत छोटा है। उनके अंदर सदा समाई रही पॉजिटिव एनर्जी के बल पार्टी व सरकार उन्हें बड़ा दायित्व देकर अंचल व जनमानस द्वारा किए जा रहे कार्यों में भागीदारी सुनिश्चित कर सकती थी।
संस्थाओं से जुड़े प्रबुद्ध जनों द्वारा कहा गया, प्रवास में सैंकड़ों बिखरी हुई प्रवासी संस्थाओं को एक माला में पिरोने का कार्य सरल स्वभाव के व अंचल की बोली-भाषा में बात करने वाले पूरन चंद्र नैलवाल बखूबी कर सकते हैं, ऐसा होने पर उत्तराखंड के लाखों प्रवासी जन गौरवान्वित होंगे।
प्रबुद्ध जनों द्वारा कहा गया, दिल्ली में कोई भी सरकार रही हो उत्तराखंड के प्रवासियों का संबंध उनके साथ नहीं रहा है। दिल्ली में सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी पूरन चंद्र नैलवाल जी का बोल बाला रहा है। उक्त दायित्व मिलने से अब तालमेल होगा। चिंता रहेगी प्रवासी जन क्या करना चाहते हैं, उक्त बाते नैलवाल जी के माध्यम से सरकार को अवगत कराई जा सकेंगी।
मंचासीन प्रबुद्ध जनों द्वारा पूरन चंद्र नैलवाल को सरल व्यक्तित्व और समाज के लोगों से स्नेह पूर्वक मिलने वाले सर्वगुण स्वभाव का विनम्र व्यक्ति कहा गया। कहा गया, भविष्य में उत्तराखंड में जो परिसीमन होना है उस हेतु प्रवास में रह रहे प्रवासी बंधुओं को गांव वापसी करवाने हेतु अनेकों प्रकार की चुनौतियों का सामना करना होगा, जिस चुनौती को पूरन चंद्र नैलवाल के नेतृत्व में कड़ी मेहनत कर दिशा दी जा सकती है।
मंचासीन प्रबुद्ध जनों द्वारा कहा गया, पूरन चंद्र नैलवाल बहुत लोकप्रिय हैं, लोग आसानी से उनसे मिल सकते हैं। दायित्व मिलने से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। कहा गया, जो लोग कही भी प्रवास में निवासरत हैं अपने-अपने गांवों से जुड़ाव रखे, वे अपने को प्रवासी न समझे। जो भी उत्तराखंड से बाहर हैं उनमें से अधिकतर साधन सम्पन्न हैं। उत्तराखंड से बाहर प्रवास में रह रहे करीब एक करोड़ प्रवासियों को सरकार संज्ञान में ले तो बहुत कुछ हो सकता है, यह जिम्मेदारी नैलवाल जी के पास है। जो भी सहयोग होगा सब लोग करेंगे।
अपने संबोधन में पूरन चंद्र नैलवाल ने सभी प्रबुद्ध जनों का हार्दिक अभिनन्दन कर व्यक्त किया, यह पद मेरा नहीं आप सबका है, मैं निमित्त मात्र हूं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जिस किसी भी काम की सोच बनी हो अवगत कराए, वे वहां तक उक्त बात को पहुंचायेंगे। पूरन चंद्र नैलवाल द्वारा बताया गया, धामी जी चाहते हैं परिषद एक बोर्ड बने। कहा गया, समीकरणों को ध्यान में रख कर ही परिषद की घोषड़ा हुई है।
दायित्व प्राप्त पूरन चंद्र नैलवाल द्वारा कहा गया, महिलाओं के लिए तीस फीसद का आरक्षण के साथ-साथ राज्य आंदोलनकारियों के लिए भी बहुत कुछ हुआ है। मुख्यमंत्री स्वयं आंदोलनकारी रहे हैं। आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण होता रहा है, आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। सशक्त भू-कानून व यूसीसी जैसे महत्वपूर्ण कानून सरकार ने बनाए हैं जो बड़ी उपलब्धियां रही हैं।
कहा गया, राज्य में कार्य बड़े स्तर पर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री राज्य के विकास में विशेष रुचि ले रहे हैं, सहयोग कर रहे हैं। सिल्क्यारा व जोशीमठ आपदाओं में प्रधान मंत्री व मुख्यमंत्री की चिंता रही है। कहा गया, पुष्कर सिंह धामी वर्ष 2027 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
दायित्व प्राप्त पूरन चंद्र नैलवाल द्वारा कहा गया, अपने गांव के प्रति कैसे सहयोग करें सभी प्रवासी जनों की सोच होनी चाहिए। टिहरी के प्रवासी अपने गांवों के लिए बढ़ चढ़ कर कार्य कर रहे हैं। हर जिले में प्रवासी सैल बनाने की योजना है। प्रवासी जनों का एक बृहद सम्मेलन अंचल में करने की योजना है।
कहा गया, कुछ प्रवासी जन अपने गांवों को गोद ले रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में मदद कर रहे हैं। छोटे मोटे उद्योग खोलने की जुगत में हैं। प्रवासी जन बहुत कुछ अपने अंचल के गांवों के लिए करना चाहते हैं। पूरन चंद्र नैलवाल ने कहा, मेरी डिक्शनरी में ‘नहीं’ शब्द आता ही नहीं है। मेरा पहला लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कार्य करना प्राथमिकता होगी। कहा गया, राजनैतिक क्षेत्र में स्वयं अपने व अपने परिवार को नहीं समाज को देखा जाना चाहिए। उत्तराखंड के लोग जहां भी कार्यरत रहे हैं अपने साहस के बल उन्होंने कार्य किए व निभाए हैं तथा सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के प्रति पूरा समर्पण रहेगा। सभी से आग्रह है वे भी समर्पित रहे। सभी अंचलवासी कहीं भी रहे अपने को उत्तराखंडी कहें। एक सूत्र में बंध कर रहे। उत्तराखंड को मान सम्मान मिले उनकी चाहत है।
आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. हरिसुमन बिष्ट ने कहा, पूरन चंद्र नैलवाल जी को मिला दायित्व दिल्ली एनसीआर तक ही नहीं देश के सभी प्रवासियों से जुड़ा हुआ है। नैलवाल जी ने अपने जीवन में जो भी कार्य किए हैं जनसमाज के लिए निः स्वार्थ भाव से किए हैं। अब जो दायित्व मिला है प्रवासी समाज के उत्थान के लिए, और भी अधिक बढ़ चढ़ कर करने होंगे। कहा गया, मुख्यमंत्री धामी जी की दृष्टि को प्रणाम करता हूं, उन्होंने सुयोग्य व्यक्ति को दायित्व दिया गया है। कहा गया, प्रवासी जन अपने को नैलवाल जी के करीब पाता है, नैलवाल जी की मजबूती हमारी सबकी मजबूती है। पहाड़ की समस्याओं को नैलवाल जी बेहतरी से समझते हैं। प्रवासी जनमानस की उम्मीद नैलवाल जी से बढ़ गई है। करीब तीन घंटे तक चले नागरिक अभिनन्दन समारोह का मंच संचालन नीरज बवाड़ी ने बखूबी किया।
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