दिल्लीराष्ट्रीय

सितंबर में आयोजित होगा जनसरोकारो को समर्पित ‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ का नौवां वार्षिक सम्मेलन

सी एम पपनैं

नई दिल्ली। राष्ट्र निर्माण मे पाजिटिव, इंस्पायर्ड और इम्पावर्ड के नारों को प्रधानता के साथ आगे बढ़ा रहा, वर्ष 2011 मे स्थापित ख्याति प्राप्त जनसरोकारो को समर्पित ‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ का नौवां वार्षिक सम्मेलन-2023 इस वर्ष माह सितंबर में ‘प्रयास एक और कदम’ शीर्षक के साथ समाज के विभिन्न वर्गो के प्रबुद्ध जनो, देश के विभिन्न संस्थानों के शीर्ष अधिकारियों, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो के प्रतिभावान छात्र-छात्राओ व श्रमिको की गरिमामयी उपस्थिति मे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली मे आयोजित किया जायेगा। आयोजन के इस अवसर पर देश के विभिन्न ज्वलंत सामाजिक विषयों पर पैनल चर्चा तथा ‘प्लस एप्रोच फाउंडेशन’ द्वारा गठित जूरी सदस्यों द्वारा चयनित जीवन के विभिन्न क्षेत्रों मे अचीवर्स जो सकारात्मक्ता के पथ प्रदर्शक रहे हैं, को सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह व नकद राशि प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।

 

‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ मुख्य प्रतिपालक डाॅ आशुतोष कर्नाटक, फाउंडेशन चेयरमैन आर पी गुप्ता तथा ट्रस्टियों मे क्रमश: विदुषी कर्नाटक, हेम पंत, विनोद तिवारी तथा बोर्ड सदस्यो मे क्रमश: ए के श्रीवास्तवा, राहुल चन्देलिया, वी एस वेद, अमरेन्द्र कुमार तथा शमशेर बहादुर के सानिध्य में विगत आठ वर्षों में उक्त फाउंडेशन द्वारा अपने उद्देश्यो के तहत जनसरोकारो हेतु कृत संकल्प होकर, खास कर उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के परिपेक्ष मे किए गए प्रयत्नो व कार्यो मे प्रमुख रूप से सर्वशिक्षा, सर्व सकारात्मक ऊर्जा, सर्व सकारात्मक सोच, समाज के वंचित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करना, ग्रामीणों के स्वास्थ जांच, महिलाओ को स्वरोजगार हेतु सिलाई-कढाई प्रशिक्षण, दिव्यांगो को कई प्रकार की मदद, पुस्तकालयों को पुस्तकों की खरीद हेतु डोनेशन, प्रतिभावान छात्रों व गरीब युवाओ को बेहतर रोजगार हेतु उच्च तकनीकी प्रशिक्षण व अभावग्रस्त परिवार की बेटियों के शादी-विवाह मे आर्थिक मदद, जिनकी परिकल्पना समाज के गरीब वर्ग के सतत विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव लाने के लिए फाउंडेशन द्वारा विगत वर्षों मे की गई है।

 

उक्त फाउंडेशन द्वारा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों मे अचीवर्स जो सकारात्मक्ता के पथ प्रदर्षक रहे हैं, उक्त प्रतिभावानो को विगत वर्षो मे विभिन्न पुरूष्कारों से सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया है। परियोजनाओ के बारे मे सेमिनार और कार्यशालाओ का आयोजन कर जिस लक्ष्य प्राप्ति का बीड़ा उठा कर फाउंडेशन द्वारा सफलता हासिल की गई, सकारात्मक सोच और व्यक्तियों और विशेष रूप से युवाओ के बीच सकारात्मक्ता का प्रसार तथा संसाधनों व उर्जा और पर्यावरण को बचाना तथा गांवो के सर्वांगीण विकास जैसी फाउंडेशन की सोच व नीतियों को जो सराहना बडे स्तर पर विगत वर्षो में मिली है, नायाब व प्रभावशाली रही है। यह सब राष्ट्र निर्माण मे फाउंडेशन के योगदान को परोपकारी नीति-नियोजन के तहत आंका जा सकता है।

 

‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ मुख्य प्रतिपालक व गेल इंडिया लिमिटेड के पूर्व सीईओ रहे डाॅ आशुतोष कर्नाटक का मानना रहा है, योग्यता के साथ-साथ दृढ़ इच्छा शक्ति, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच की बडी भूमिका होती है। समाज में लोगों को सकारात्मक सोच के प्रति जागरुक करने हेतु ही ‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ वर्ष 2011 से निरंतर जनमानस के हितार्थ कार्य कर रहा है। उद्देश्य पूर्ति हेतु उत्तराखंड के अल्मोडा के नजदीकी मटेला गांव को गोद लेकर अभाव ग्रस्त लोगों के टूटे मकानो का नवनिर्माण किया गया। हल्द्वानी मे ‘स्कसेस अकादमी’ तथा ‘वक्ता’ नाम से चल रहे कार्यक्रम मे बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाता है। महिलाओ के लिए सिलाई-कढाई सेंटर बनाया गया है। ‘पीक’ (प्रयास एक और कदम) के तहत बच्चों को ‘ओम नम: शिवाय’ की तर्ज पर सुबह व सांय ‘यस आई कैन’, ‘यू कैन’, ‘वी कैन’ का जाप करवाया जा रहा है, ताकि बच्चे जीवन में सफल नागरिक बन सके। भविष्य मे एक सकारात्मक सोच वाले खुशहाल समाज का निर्माण हो सके। ‘हां हम कर सकते हैं’ (यस आई कैन) वाली सकारात्मक सोच के कोर्स स्कूलों मे लगवाने हेतु फाउंडेशन निरंतर प्रयासरत है। इस सोच को गुरु मंत्र बना लेना चाहिए, फाउंडेशन की चाहत रही है।

 

‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ मुख्य प्रतिपालक डाॅ आशुतोष कर्नाटक द्वारा रचित अधिकतर पुस्तके जो लोगों की सफलता की राह को आगे बढ़ाने के लिए लिखी गई हैं, उक्त पुस्तकों का शीर्षक भी ‘यस यू कैन’ तथा ‘वर्डस आफ पावर’ है। उक्त पुस्तकों का पठन-पाठन कर, इच्छा शक्ति प्रबल है तो आप कोई भी काम कर सकते हैं तथा आप जो भी शब्द बोलते हैं उसमे बहुत शक्ति होती है, जैसी सकारात्मक सोच का वृहद ज्ञान प्राप्त होता है।

 

उत्तराखंड के विकास के बावत डाॅ आशुतोष कर्नाटक का मानना रहा है, उत्तराखंड मे सुनियोजित विकास के लिए स्थापित सरकारो को जनता की मूलभूत जरूरतों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। किसी भी क्षेत्र की समस्याओं को उसकी परिस्थितियों के हिसाब से देखना चाहिए और समस्याओं पर एक-एक कर फोकस करना चाहिए। क्योकि समस्याओं के समाधान का बीड़ा एक साथ उठायैगे तो कुछ नहीं हो पायेगा।

 

डाॅ आशुतोष कर्नाटक का मानना रहा है, उत्तराखंड मे शिक्षा की व्यवस्था बदलनी होगी। शिक्षा मंत्र होना चाहिए, डिसएवल से एवल और एवल से विनेवल। यानी अयोग्य से योग्य और योग्य से योग्यतम बनाना। शिक्षा को रोजगारपरक बनाना। इस सकारात्मक सोच के सुझाव को

डाॅ आशुतोष कर्नाटक स्कूलों व विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमो मे यह समझ कर प्राथमिकता देना चाहते हैं, जब तक सकारात्मक सोच और स्वस्थ मस्तिष्क नहीं होगा तब तक किसी हुनर के होने का भी कोई अर्थ नहीं है। डाॅ आशुतोष कर्नाटक का मानना रहा है, डिजायर टू डू की भावना पोजिटिव् थिंकिंग से ही आयेगी। मन मे दृढ़ विश्वास होना चाहिए कि कोई भी बाधा होगी उसे पार करना ही करना है।

 

‘प्लस अप्रोच फाउंडेशन’ मुख्य प्रतिपालक डाॅ आशुतोष कर्नाटक का मानना रहा है, उत्तराखंड मे साफ्टवेयर इंडस्ट्री बहुत अच्छी चल सकती है। युवाओ को रोजगार के खूब मौके मिल सकते हैं, लेकिन स्थापित सरकारे गम्भीर नहीं रही हैं।

—————

Share This Post:-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *