सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया संस्थाओं को सट्टेबाजी के विज्ञापनों की अनुमति न देने की सलाह दी
नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज मीडिया संस्थाओं, ऑनलाइन विज्ञापन बिचौलियों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों सहित सभी हितधारकों को किसी भी रूप में सट्टेबाजी/जुए पर विज्ञापन/प्रचार सामग्री दिखाने से तुरंत रोक लगाने करने की सलाह दी है। इसमें कहा गया है कि इस सलाह का पालन करने में विफल रहने पर विभिन्न कानूनों के तहत भारत सरकार द्वारा उचित कार्रवाई की जा सकती है।मंत्रालय ने एजेंटों के एक नेटवर्क के विरुद्ध हाल ही में केंद्र सरकार की कार्रवाई का हवाला दिया है, जिन्होंने गैम्बलिंग ऐप्स के उपयोगकर्ताओं, जिन्होंने बाद में धन को भारत से बाहर भेज दिया, से पर्याप्त धन एकत्र किया था, जिससे कि यह रेखांकित किया जा सके कि जुआ/सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन उपभोक्ताओं, विशेषकर युवाओं और बच्चों के लिए, अत्यधिक वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि इस तंत्र का मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से संबंध है, जिससे देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा है। मंत्रालय ने एडवाइज़री में कहा है कि इन अवैध गतिविधियों के साथ-साथ इस बात की भी बहुत अधिक आशंका है कि ऐसे विज्ञापनों के भुगतान के लिए काले धन का इस्तेमाल किया जाता है। इस संबंध में मंत्रालय ने नोट किया है कि विज्ञापन बिचौलियों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों सहित कुछ मीडिया संस्थाएं, क्रिकेट टूर्नामेंट सहित प्रमुख खेल आयोजनों के दौरान सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापनों की अनुमति दे रही हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय ने पाया है कि किसी प्रमुख खेल आयोजन, विशेषकर क्रिकेट के दौरान ऐसे सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति होती है, और ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम अब से कुछ दिनों में शुरू होने वाला है। मंत्रालय ने सट्टेबाजी/जुए के प्रचार-प्रसार के विरुद्ध मीडिया प्लेटफार्मों को चेतावनी देने के लिए एडवाइज़री जारी की है। ऑनलाइन विज्ञापन बिचौलियों को भी सलाह दी गई है कि वे ऐसे विज्ञापनों को भारतीय दर्शकों की दिशा में लक्षित न करें। मंत्रालय द्वारा 13.06.2022, 03.10.2022 और 06.04.2023 को जारी की गई एडवाइज़री इस उद्देश्य के लिए की गई थी। इन एडवाइज़री में कहा गया है कि सट्टेबाजी और जुआ एक गैरकानूनी गतिविधि है और इसलिए किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों का विज्ञापन/प्रचार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, प्रेस काउंसिल अधिनियम 1978 आदि सहित विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के हाल ही में संशोधित नियम 3 (1) (बी) में प्रावधान है कि मध्यवर्ती स्वयं उचित प्रयास करेंगे और अपने कंप्यूटर रिसोर्स के उपयोगकर्ताओं को ऐसी किसी भी जानकारी को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, स्टोर करने, अपडेट करने या साझा करने जो “एक ऑनलाइन गेम की प्रकृति में है जो एक अनुमेय ऑनलाइन गेम के रूप में सत्यापित नहीं है; (x) किसी ऐसे ऑनलाइन गेम के विज्ञापन या सरोगेट विज्ञापन या प्रचार की प्रकृति में है जो एक अनुमेय ऑनलाइन गेम नहीं है, या किसी ऑनलाइन गेमिंग मध्यवर्ती द्वारा ऐसे ऑनलाइन गेम की पेशकश की जा रही है,” को ऐसा करने से रोकेंगे।