वीरांगना तीलू रौतेली की 364वीं जयंती पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा आयोजित सम्मान समारोह संपन्न
सी एम पपनैं
नई दिल्ली। उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा 10 अगस्त की सायं गढ़वाल भवन में वीरांगना तीलू रौतेली की 364वीं जयंती के उपलक्ष्य में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। वर्ष 2023 तथा 2024 का तीलू रौतेली सम्मान विगत पांच दशकों से आंचलिक फिल्मों व रंगमंच की सुप्रसिद्ध अदाकारा कुसुम बिष्ट व कोटद्वार की समाज सेविका इंदु नौटियाल को उनके द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा पौड़ी विधानसभा विधायक किशोर उपाध्याय के कर कमलों प्रदान किया गया।
उत्तराखंड के प्रबुद्ध साहित्यकारों, पत्रकारों, संस्कृति कर्मियों, समाजसेवियों तथा विभिन्न प्रवासी सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े प्रबुद्ध जनों व राजनीतिज्ञयों की उपस्थिति में उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान के कलाकारों द्वारा कृपाल सिंह रावत के संगीत निर्देशन तथा गीता गुसाई नेगी के नृत्य निर्देशन में गीत-संगीत व नृत्यों के मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
आयोजित सम्मान समारोह का श्रीगणेश मुख्य व विशिष्ट अतिथियों में प्रमुख उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, पूर्व राज्यमंत्री पूरन नैलवाल, उत्तराखंड मुख्यमंत्री मीडिया सलाहकार मदन मोहन सती, निगम पार्षद खोड़ा संजय जोशी, रमेश चंद्र घिल्डियाल, सुशीला रावत, खुशाल सिंह बिष्ट, हरिपाल रावत, अजय सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह रावत, आर पी घिल्डियाल, हेमा उनियाल, राखी बिष्ट इत्यादि इत्यादि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर तथा उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान की गायन मंडली द्वारा कर्ण प्रिय सरस्वती वंदना-
दैणा हो जाए मां सरस्वती…..।
से किया गया।
आयोजित सम्मान समारोह में नाट्य संस्थान पदाधिकारियों द्वारा सभी मुख्य व विशिष्ट अतिथियों को सम्मान स्वरूप पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह व शॉल भेट किया गया।
आयोजक नाट्य संस्थान सचिव सुमित्रा किशोर तथा अध्यक्षा संयोगिता पंत ध्यानी द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ खचाखच भरे सभागार में उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों का स्वागत अभिनन्दन कर अवगत कराया गया, उनका संस्थान वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान समारोह विगत वर्षो 2017 से आयोजित करता रहा है। अभी तक विगत वर्षो में अंचल की पांच महिलाओं को उनके द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान पर तीलू रौतेली सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। अवगत कराया गया, उक्त सम्मान के तहत पुष्प गुच्छ, शाल, स्मृति चिन्ह व इक्कीस हजार रूपए की धनराशि सम्मान स्वरूप प्रदान की जाती है। अवगत कराया गया, उक्त धनराशि पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा अपनी दिवंगत अर्धांगिनी की याद में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने के एवज में ज्यूरी द्वारा चयनित उत्तराखंड की किसी एक जुझारू महिला को प्रदान करने हेतु दिया जाता रहा है।
गढ़वाल हितैषिणी सभा अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट द्वारा वीरबाला तीलू रौतेली द्वारा छोटी उम्र में दिखाए गए साहस, वीरता, त्याग व बलिदान को नमन कर, सम्मानित होने जा रही प्रेरणा दाई मातृ शक्ति को बधाई देकर व्यक्त किया गया, वर्तमान में कार्यक्रम चाहे वह छोटा-बड़ा जो भी हो, आयोजित करना मुश्किल है। हमारी बहनों ने बहुत संघर्ष किया है, अभावग्रस्त व संघर्षशील जीवन जी कर, त्याग कर, जन समाज की प्रेरणाश्रोत बन कर मुकाम हासिल किया है, निश्चय ही ऐसी महिलाऐ सम्मान की हकदार हैं।
सम्मान समारोह के इस अवसर पर कृपाल सिंह रावत के संगीत निर्देशन में संस्थान के गायक कलाकारों द्वारा वीरांगना तीलू रौतैली की सम्पूर्ण अमर गाथा को गायन शैली में प्रस्तुत कर श्रोताओं को प्रभावित किया गया।
स्मानित हुई कुसुम बिष्ट व इंदु नौटियाल द्वारा अपने भावपूर्ण संबोधन में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो के बावत अवगत कराया गया। महिला सशक्तिकरण व जन जागरूकता के कार्यो में आजीवन वीरांगना बने रहने की शपथ ली गई। कहा गया, वीरांगना तीलू रौतैली का सम्मान तभी आगे बढ़ेगा जब समाज हमारे बलिदानियों के द्वारा दिए गए बलिदान से प्रेरणा लेकर एकजुट होकर समाज के मध्य जनसरोकारों के हित में अपने जन हितैषी कार्यो से उच्च आयाम प्रस्तुत कर समाज को उज्जवल राह दिखाने का काम करेगा। मिले सम्मान की खुशी में कुसुम बिष्ट द्वारा एक कर्ण प्रिय गीत गाकर सभी श्रोताओं को अपनी गायन विधा की ओर आकर्षित कर प्रभावित किया।
सम्मान समारोह मुख्य अतिथि हरीश रावत तथा टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय द्वारा आयोजको को भव्य आयोजन हेतु बधाई दी गई। सम्मानित हुई कुसुम बिष्ट व इंदु नौटियाल द्वारा किए जा रहे कार्यो की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। कहा गया मन अच्छा, तो सब अच्छा। कहा गया, तीलू रौतैली ने 15 वर्ष की उम्र में उच्च संस्कारो की मर्यादा को कायम व ज़िंदा रखने के लिए ही संघर्ष किया था। देखा जाय तो तीलू रौतैली लक्ष्मीबाई से कहीं आगे थी। छोटी उम्र में संघर्ष क्षमता, सात बार युद्ध मे विजयी होना बहुत बड़ी बात थी। तीलू रौतैली का धोखे से मारा जाना तत्कालीन समाज का दुर्भाग्य था। तब धर्मयुद्ध लड़ा जाता था, लेकिन तीलू रौतैली के साथ ऐसा नही हुआ। बलशाली इस वीरांगना की ताकत को देखते हुए उसे पीछे से मारा गया।
कहा गया, तीलू रौतेली और जिया रानी महान नायिकाए थी, जिनकी गाथाए उत्तराखंड ही नहीं बाहर के लोगों को भी प्रेरित करती है।कहा गया, कांडा और वीरोखाल के इलाके में प्रतिवर्ष तीलू रौतेली की स्मृति में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। पारंपरिक वाद्यों की गूंज में जुलूस निकाल कर वीरांगना की मूर्ति पूजा की जाती है। दिल्ली में तीलू रौतैली की याद में सम्मान समारोह आयोजित करने पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को साधुवाद देने के साथ उक्त मुख्य व विशिष्ठ अतिथियों द्वारा अपना संबोधन समाप्त किया गया।
सांस्कृतिक कार्यकर्मो के समापन पर उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान कलाकारों द्वारा सामुहिक नृत्य झोड़ा व झुमैलो प्रस्तुत किया गया। उत्तराखंडी बोली-भाषा की नई रिलीज हुई फ़िल्म ‘असगार’ के कलाकारों को राकेश गौड़ तथा डॉक्टर सतीश कालेश्वरी के सानिध्य में मंच पर आमंत्रित कर फिल्म में प्रतिभाग किए कलाकारों का परिचय करा कर इंदिरापुरम के जयपुरिया माल में लगी उक्त फिल्म को बड़ी संख्या में पहुंच कर देखने का आह्वान किया गया। आयोजित भव्य सम्मान समारोह का मंच संचालन यू एस बंदूनी द्वारा बखूबी प्रभावशाली अंदाज़ में किया गया।