उत्तराखंड के देश-विदेश मे प्रवासरत प्रवासी उद्यमियो व व्यवसायियो के रिवर्स पलायन पर मंथन
उत्तराखंड के देश-विदेश मे प्रवासरत प्रवासी उद्यमियो व व्यवसायियो के रिवर्स पलायन पर मंथन
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सी एम पपनैं
नई दिल्ली। उत्तराखंड के प्रतिष्ठित उद्यमियो व व्यवसायियो द्वारा गठित ‘बिजनिश उत्तरायणी’ द्वारा 30 जनवरी को उत्तराखंड सदन, चाणक्यपुरी मे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मीडिया कोर्डिनेटर व वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन सती व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सलाहकार व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री पूरन चंद्र नैलवाल की गरिमामय उपस्थित मे उत्तराखंड के विभिन्न प्रमुख उद्यमो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रीय कृषि उत्पादों के उत्पादन, फिल्म, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट, विविध निर्माण कार्यो व अन्य कुटीर उद्योगों से जुडे प्रमुख उद्यमियो व व्यवसायियो द्वारा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने, निरंतर बढते पलायन पर लगाम लगाने व देश-विदेश मे प्रवासरत प्रवासी उद्यमियों व व्यवसायियो के रिवर्स पलायन जैसे महत्वपूर्ण विषयो पर सारगर्भित विचार-विमर्श हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया।
आयोजित बैठक मे सहभागिता व विचार-विमर्श करने वालों मे प्रमुख उद्यमियो व व्यवसायियो मे सी बी टम्टा, गोपाल उनियाल, आदिल घिल्डियाल, मनीष डंगवाल, महेश बिष्ट, निधि उनियाल, राजेन्द्र पी जोशी, रवि भंडारी, उपासना सुंदरियाल, जी बी शर्मा, रविंद्र रावत, तरुण पंत, नितिन भटनागर, राहुल रावत, अजय पाल सिंह बिष्ट, जयेन्द्र कन्थोला इत्यादि के साथ-साथ दुर्गा सिंह भंडारी महाप्रबंधक ओएनजीसी, डाॅ हरिसुमन बिष्ट सेवानिवर्त सचिव हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार तथा चंद्र मोहन पपनैं राष्ट्रीय महासचिव एनएफएनई द्वारा अपने-अपने उद्यमो व व्यवसायों के बावत जानकारी दी गई। किस प्रकार अपने उद्यम व व्यवसाय को बढ़ाया गया। कैसे सफलता प्राप्त की। कितने लोगों को रोजगार दिया। उत्तराखंड मे किस प्रकार उद्यम विकास कर सफलता प्राप्त की जा सकती है। रोजगार बढ़ाया जा सकता है। पलायन पर अंकुश लगाया जा सकता है। उत्तराखंड के प्रवासी उद्यमियों व व्यवसायियों को रिवर्स पलायन हेतु प्रेरित किया जा सकता है। उत्तराखंड राज्य सरकार को किस प्रकार उद्यम विकास के साथ-साथ उद्यमियों व व्यवसायियों के हित में नीति निर्धारण करना चाहिए। उक्त महत्वपूर्ण तथ्यों व मुद्दों पर उपस्थित उद्यमियों व व्यवसायियों द्वारा गहन विचार विमर्श किया गया।
आयोजन मे उपस्थित उद्यमियों व व्यवसायियों द्वारा व्यक्त किया गया, ‘बिजनिश उत्तरायणी’ द्वारा उत्तराखंड के उद्यमियों व व्यवसायियों को इकठ्ठा कर, सबको एक साथ, एक मंच पर लाकर, उक्त चुनौतियो पर मंथन करने का जरिया बन, महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति करने का जो कार्य किया गया है, सराहनीय पहल है। ‘बिजनेस उत्तरायणी’ के प्रभावशाली उद्देश्यों व आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों को प्राथमिकता देते रहने पर, राय व्यक्त की गई।
स्थानीय उत्पादों व संसाधनो का सही उपयोग। उद्यमिता संबंधित शिक्षा पद्धति के महत्व। हिमालयी क्षेत्रों में छोटे उद्यमो को विकसित करने। जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित व्यवसाय तथा नवीकरणीय संसाधनों के प्रयोग से एक बेहतर हिमालय के प्रारूप का ताना-बाना बनाने। उत्तराखंड में व्यापक उद्योग स्थापित कर रोजगार संजोने। पलायन रोकने। आर्थिक प्रबंधन। अतिरिक्त आय स्रोत बनाने। स्वरोजगार संबंधी प्रयासों को बल देने। उद्यमियों को आपस में सामंजस्य बैठा कर व्यवसाय करने व पर्यटन के क्षेत्र मे गूढ़ अध्धयन-मनन इत्यादि पर उपस्थित उद्यमियों व व्यवसायियों द्वारा राय व्यक्त की गई।
वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, आज गहन मंथन की जरूरत है, कैसे हम सब, जो यहां इकठ्ठा हुए उद्यमी व व्यवसायी हैं, उत्तराखंड के देश-विदेश मे अंचल के प्रवासी व्यवसायियों को संदेश पहुचा कर, उन सबको इकठ्ठा कर, विश्वास जगा, एक टीम बना, उत्तराखंड मे स्वरोजगार की दिशा मे लोगों को जागरूक कर, राज्य व राज्य के जनमानस के सरोकारों व आर्थिक उन्नति के लिए, बडे स्तर पर, कार्य कर सफलता प्राप्त करे।
आयोजन के इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मीडिया कोर्डिनेटर, वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन सती व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सलाहकार व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री पूरन चंद्र नैलवाल द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणाश्रोत कार्यशैली पर प्रकाश डाल कर व्यक्त किया गया, धामी जी चाहते हैं, उत्तराखंड के प्रवासी उद्यमी व व्यवसायी उत्तराखंड रिवर्स पलायन कर उत्तराखंड को सम्रद्ध करे। उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों में दूरगामी सम्रद्धि हेतु जो भी नीति-नियोजन किया जा सकता है, उसके लिए धामी जी सदैव उत्सुक रहे हैं, तत्पर रहे हैं।
व्यक्त किया गया, यह सुखद लगता है उत्तराखंड के प्रवासियो मे वे देश-विदेश मे कही भी प्रवासरत हों, उत्तराखंड की सम्रद्धि व अपने गांव व क्षेत्र विशेष की उन्नति के प्रति उनकी भावनाऐ बनी रही हैं। उत्तराखंड अकेला राज्य है जहा की मेहनतनकस महिलाओ हेतु 33 फीसद का आरक्षण व अन्य सुविधाऐ व सुरक्षा के प्रबंध मुख्यमंत्री धामी जी द्वारा महिलाओ के शशक्तिकरण हेतु किए हैं। व्यक्त किया गया, आज जो भी उत्तराखंड की सम्रद्धि व शशक्तिकरण हेतु विचार अंचल के उद्यमियों व व्यवसायियों द्वारा व्यक्त किए गए हैं, उक्त मुख्य मुद्दों, विषयों व योजनाओ पर प्रपोजल तैयार कर, मुख्यमंत्री के समक्ष विचार-विमर्श कर, क्रियान्वित करवाने का भरसक प्रयास किया जा सकता है। सम्रद्धि व उन्नति परक कार्यो व योजनाओ को लागू करवाने का प्रयास किया जा सकता है। उपस्थित उद्यमी व व्यवसायी मुख्यमंत्री जी से सार्थक बातचीत हेतु प्रभावशाली प्रपोजल तैयार करे। सरकार सकारात्मक रूप से कार्य कर रही है। सकारात्मक रूप से ही कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री चौबीस घंटे कार्य कर रहे हैं। उत्तराखंड के आम जनमानस को भी जागरूक होना होगा, उत्तराखंड की सम्रद्धि व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए।
आयोजित कार्यक्रम का ओजस्वी व प्रभावशाली मंच संचालन ‘बिजनिश उत्तरायणी’ संस्थापक सदस्य नीरज बवाड़ी द्वारा बखूबी किया गया।
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