योगी आदित्यनाथ: गोरखनाथ धाम से उत्तर प्रदेश की सत्ता तक का सफर
जानिए अपने नेता को
अमर चंद्र
देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में 5 जून 1972 को जन्मे अजय सिंह बिष्ट आज योगी आदित्यनाथ के नाम से देश और दुनिया में पहचाने जाते हैं। पढ़ाई-लिखाई की राह उन्होंने अपने पैतृक गांव से ही शुरू की और कोटद्वार डिग्री कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की। शिक्षा पूरी करने के बाद उनका रुझान आध्यात्मिकता और सन्यास की ओर बढ़ा और वे गोरखपुर स्थित गोरखनाथ धाम पहुंचे। यहीं उन्होंने महंत अवैद्यनाथ के मार्गदर्शन में संन्यास जीवन अपनाया और ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेकर योगी आदित्यनाथ बने। गोरखनाथ मठ की धार्मिक परंपरा और सामाजिक कार्यों को उन्होंने आगे बढ़ाया और समय के साथ मठ की जिम्मेदारी भी संभाली।
राजनीतिक सफर की शुरुआत 1998 में हुई जब वे पहली बार गोरखपुर से सांसद चुने गए। लगातार कई बार सांसद रहते हुए उन्होंने गोरखपुर को अपनी कर्मभूमि बना लिया और क्षेत्र की जनता से सीधा जुड़ाव कायम किया। साल 2017 में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। यह जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्होंने राज्य की राजनीति को नया आयाम दिया। 2022 में दोबारा भारी बहुमत से सत्ता में लौटकर उन्होंने इतिहास रच दिया और लगातार आठ वर्षों से उत्तर प्रदेश की बागडोर संभालते हुए मुख्यमंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल कानून-व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए जाना जाता है। अपराध और संगठित गिरोहों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए, जिसके चलते उत्तर प्रदेश की छवि बदली। विकास कार्यों में नए एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डों और औद्योगिक निवेश परियोजनाओं को आगे बढ़ाया गया। किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया गया और शुगर मिलों को पुनर्जीवित करने की दिशा में प्रयास किए गए।
राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी नई ऊँचाई देने का श्रेय योगी सरकार को जाता है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ-साथ पर्यटन और धार्मिक आयोजनों को वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बनाया गया। महिला सुरक्षा और समाज कल्याण की योजनाओं को नए आयाम दिए गए।
हालांकि उनके कार्यकाल को लेकर आलोचनाएं भी सामने आईं, लेकिन समर्थक उन्हें सख्त प्रशासक और विकासोन्मुख नेतृत्व के रूप में देखते हैं। गोरखनाथ धाम के महंत से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का योगी आदित्यनाथ का सफर सिर्फ व्यक्तिगत सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि इसे उत्तर भारत की राजनीति, धर्म और समाज की बदलती तस्वीर के रूप में भी देखा जाता है।
ज्ञात हो बाहरी रूप से सख्त दिखने वाले योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत जीवन में अत्यंत सरल और मिलनसार माने जाते हैं। आमजन से संवाद करने की उनकी सहजता और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए तत्परता उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाती है।
युवाओं के लिए योगी आदित्यनाथ एक आदर्श बन चुके हैं। उनका अनुशासन, स्पष्ट दृष्टिकोण और राष्ट्रहित के लिए समर्पण नई पीढ़ी को प्रेरित करता है। यही कारण है कि उन्हें “युवा मुख्यमंत्री” के रूप में व्यापक समर्थन प्राप्त है।
, **योगी आदित्यनाथ सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि सादगी, संघर्ष और सख्ती से गढ़ा हुआ ऐसा नाम हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति और शासन व्यवस्था में नई पहचान बनाई है।*

