तिरुपति से उठा महिला सशक्तिकरण का शंखनाद : 2047 के विकसित भारत की ओर नई पहल
“महिलाओं के नेतृत्व में विकास ही भारत के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला” – ओम बिरला
Amar sandesh दिल्ली/तिरुपति। भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में आज एक नया ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया, जब लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने संसद एवं राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं की महिला सशक्तिकरण समितियों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण पर आधारित ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ ही 2047 तक विकसित भारत के विज़न की आधारशिला है।”
दो दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन “विकसित भारत हेतु महिलाओं के नेतृत्व में विकास” विषय पर किया जा रहा है। इसमें विशेष रूप से “लैंगिक उत्तरदायी बजट” और “उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों का सामना करने हेतु महिलाओं का सशक्तिकरण” जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श हो रहा है। सम्मेलन में 20 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधि, सांसद, नीति-निर्माता और महिला नेता एकत्र हुए हैं, जिनका साझा लक्ष्य है—महिला नेतृत्व को मजबूत करना, शासन में उनकी सहभागिता बढ़ाना और एक समावेशी भारत का निर्माण करना।
श्री बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि भारत तभी वास्तव में समावेशी और विकसित राष्ट्र बन सकता है, जब हमारी बेटियाँ शिक्षित, आत्मनिर्भर और नेतृत्व की धारा में अग्रणी हों। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि ऐसे सम्मेलन केवल विचारों के आदान-प्रदान का मंच नहीं होते, बल्कि वे समावेशी नीतिनिर्माण की दिशा में निर्णायक कदम साबित होते हैं।
उन्होंने तिरुपति सम्मेलन को इस बात का प्रतीक बताया कि महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण किसी परिधीय विषय के दायरे में नहीं आते, बल्कि राष्ट्रीय प्रगति की केंद्रीय आधारशिला हैं। पंचायत से लेकर संसद तक महिला नेतृत्व, समावेशी कानूनों और नीतियों तथा प्रत्येक महिला की आर्थिक स्वतंत्रता पर केंद्रित यह सम्मेलन 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

