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संस्कृति की आवाज़ – कोमल राणा नेगी

कोमल राणा नेगी – संस्कृति की जीवित परंपरा और समाज के लिए प्रेरणा

अमर चंद्र

उत्तराखंड की सुरभित वादियों से निकलकर आज पूरे देश में अपनी पहचान बनाने वाली सुप्रसिद्ध नृत्य कलाकार कोमल राणा नेगी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

कोमल राणा नेगी ने कठिन परिश्रम और अटूट लगन के बल पर वह मुकाम हासिल किया है, जिसकी कल्पना करना भी आसान नहीं। वे आज हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के मंचीय कार्यक्रमों में तो अग्रणी भूमिका निभा ही रही हैं, साथ ही गढ़वाली और कुमाऊँनी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी अपनी पहचान का परचम लहरा चुकी हैं।

उनका नृत्य केवल कला का प्रदर्शन नहीं, बल्कि संस्कृति की धड़कन है। वे मंच पर जब उतरती हैं तो दर्शकों को अपनी जड़ों, अपनी लोकधुनों और अपनी परंपराओं से जोड़ देती हैं। यही कारण है कि उनका नाम आज उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है।

वर्तमान पीढ़ी, जो अक्सर अपनी संस्कृति और परंपराओं से दूर होती जा रही है, उनके लिए कोमल राणा नेगी एक जीती-जागती मिसाल हैं। वे यह संदेश देती हैं कि आधुनिकता के साथ जीते हुए भी अपनी जड़ों और अपनी मातृभूमि की पहचान को सहेजना कितना जरूरी है।

समाज में अपनी कला और समर्पण से सम्मान अर्जित करने वाली कोमल राणा नेगी आज उस युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो अपनी संस्कृति और भाषा को भूलने लगी है। वे यह साबित करती हैं कि यदि मन में लगन हो तो कोई भी कला या सपना सीमित दायरे में बंधा नहीं रह सकता।

कोमल राणा नेगी – संस्कृति की जीवित परंपरा और समाज के लिए प्रेरणा। आपके जन्मदिन पर अमर संदेश समाचार पत्र परिवार आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आपको इसी तरह समाज और संस्कृति की ध्वजवाहक के रूप में आगे बढ़ती रहे , बाबा केदार से प्रार्थना करता है।

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