वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान 2019 काठगोदाम की सुमन अधिकारी को
सी एम पपनैं
नई दिल्ली। उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान द्वारा राष्ट्रीzय बाल भवन के मेखला झा सभागार मे आयोजित वर्ष 2019 का वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा काठगोदाम (नैनीताल) की सुमन अधिकारी को महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण व कृषि के क्षेत्र मे उनके अमूल्य योगदान पर प्रदान किया गया। आयोजित इस भव्य सम्मान समारोह मे उत्तराखंड के प्रबुद्ध साहित्यकर, पत्रकार, संस्कृतिकर्मी, समाजसेवी, विभिन्न सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े लोगो व राजनीतिज्ञयो की बड़ी संख्या मे उपस्थिति रही।
उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान सचिव सुमित्रा किशोर, अध्यक्षा संयोगिता पंत ध्यानी व संरक्षक कुलदीप भंडारी ने अपने संबोधन मे व्यक्त किया उनका संस्थान वीरांगना तीलू रौतेली जयंती वर्ष 2015 से 8 अगस्त को उत्तराखण्ड महिला दिवस के रूप मे प्रतिवर्ष आयोजित कर रहा है। वर्ष 2017 से उत्तराखंड की किसी एक महिला को जनसरोकारो के क्षेत्र मे किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यो हेतु सम्मान भी प्रदान किया जाता रहा है, जिसमे पुष्प गुच्छ, स्मृतिचिन्ह, शाल व 21 हजार रुपयो की धनराशि सम्मान स्वरूप प्रदान की जाती रही है।
उत्तराखंड की किसी एक महिला को उसके द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट विलक्षण जनसरोकारों के कार्य स्वरूप प्रदान की जा रही सम्मान धनराशि वर्तमान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ विगत कई वर्षों से अपनी दिवंगत अर्धांगिनी की याद मे महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे अपना अमूल्य योगदान देने के फलस्वरूप ज्यूरी द्वारा चयनित उत्तराखंड की किसी एक जुझारू महिला को स्वयं आयोजन मे आकर प्रदान करते रहे हैं।आयोजको द्वारा सम्मान समारोह की ओपचारिकता से पूर्व भाजपा राष्ट्रीय नेत्री सुषमा स्वराज व दिल्ली की पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन मृत आत्माओं की शान्ति व उनके परिवारों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने हेतु रखा गया।
कार्यक्रम का विधिवत मंगल शुभारम्भ विशिष्ट अतिथि पूर्व सेवा निवरत लैफ्टीनैंट जनरल अरविंद सिंह रावत, कर्नल चंद्र पटवाल, अरुण प्रकाश शर्मा (ACP), पूर्व राज्यमंत्री सच्चिदानंद शर्मा तथा अन्य गणमान्य अतिथियो राम किशन जोशी, डॉ हरिसुमन बिष्ट, संजय शर्मा , हरि सेमवाल, पूरन चन्द्र कांडपाल, दिनेश चमोली, प्रदीप वेदवाल, सुशीला रावत, सुषमा जुगरान ध्यानी, खुशाल सिंह बिष्ट, हेम पंत, मोहब्बत सिंह राणा, कैलाश द्विवेदी, डॉ माधुरी बर्थवाल, भगत सिंह बिष्ट, महेश सिंह, चंद्रमोहन पपनैं, राजेंद्र व गजेंद्र सिंह चौहान इत्यादि द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कृपाल सिंह रावत के संगीत निर्देशन व सावित्री छेत्री शर्मा के नृत्य निर्देशन मे सांस्कृतिक कार्यक्रमो का भव्य शुभारंभ हुआ।
“दैडी है जाए माँ सरस्वती…तेरी भली अन्यार मय्या…हम त्यारा पुजारी…मन को दीपक जलायो…सबकी धरिए लाज…। भव्य वंदना प्रस्तुति मंचन के बाद महेंद्र सिंह रावत, चंद्रकांता सुन्दरियाल, अनु भंडारी, कुसुमलता बिष्ट, किरण लखेड़ा, मनोरमा भट्ट व वंदना ने समूहगान प्रस्तुत किया-
वीरू बडू का देश, बावन गढो का देश…जय-जय बद्री केदार…तीलू रौतेली बाला…तीलू रौतेली देश…वीर गढो का देश…मालू मल गढ़ सुम्याल…।
मधु बेरिया की कर्ण प्रिय आवाज मे प्रस्तुत लोकगीत-
देवरी गुलाबा वारा वरषा नैनीताला गुलवा रेका त्येरी कमे छू….देवरी कूला…तेरी कमे छू…बैठी रछै…पराले भूड़ा…। के तालमेल मे उत्तराखंड की विविध शैलियों के लोकनृत्यों की झलक ने श्रोताओं को अति मंत्रमुग्ध किया।
उत्तराखंड के पारंपरिक ढोल व नगाडा वादकों तथा उत्तराखंड के पारम्परिक परिधानो, आभूषणों व श्रृंगार मे सजी-धजी संस्था की महिला सदस्यों ने सभागार के मुख्य द्वार पर वादकों द्वारा की जा रही वाद्य धुनों के मध्य आमंत्रित गणमान्य अतिथियो की भव्य अगवानी की।
सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के ‘भारत रत्न सम्मान’ मे व्यस्थता के कारण वश उक्त कार्यक्रम मे न पहुचने पर आयोजको द्वारा सभागार मे बैठे श्रोताओं को मोबाइल फोन से जारी मंत्री ‘निशंक’ का सन्देश सुनाया। ततपश्चात विशिष्ट अतिथि पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा वर्ष 2019 का तीलू रौतेली सम्मान काठगोदाम नैनीताल की सुमन अधिकारी को ज्यूरी अध्यक्ष चंद्रमोहन पपनैं व अन्य सदस्यों हेम पंत, सुषमा जुगरान ध्यानी व ब्रजमोहन शर्मा की मंच पर उपस्थिति के बीच प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप पुष्प गुच्छ, स्मृति चिन्ह व शॉल भेट किया गया। वीरांगना सम्मान जारी होते ही श्रोताओं से खचा-खच भरा सभगार हर्ष ध्वनि व तालिया की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। देर तक तालियों की गूंज सुनाई देती रही। संस्था पदाधिकारियो द्वारा 21 हजार रुपयों का चेक भी इन तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सम्मान स्वरूप भेट किया गया।
स्मानित सुमन अधिकारी ने अपने संबोधन मे नैनीताल जिले मे उनके द्वारा किए जा रहे जनसरोकारों से जुड़े महिला सशक्तिकरण, रोजगार, पर्यावरण व कृषि क्षेत्र कार्यो की उपलब्धि का व्योरा दिया। मिल रही सफलताओ के बावजूद अवगत कराया। महिला सशक्तिकरण व जन जागरूकता के कार्यो मे आजीवन वीरांगना बने रहने की शपथ ली। कहा वीरांगना तीलू रौतैली का सम्मान तभी आगे बढ़ेगा, जब हम सब प्रबुद्ध लोग एकजुट होकर समाज के मध्य जनसरोकारों के हित मे अपने जन हितैषी कार्यो से उच्च आयाम प्रस्तुत कर समाज को उज्जवल राह दिखा सके। आयोजन के मुख्य अतिथि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की अनुपस्थिति मे पौड़ी सांसद तीरथ सिंह रावत ने अपने मुख्य वक्ता के संबोधन मे आयोजको को बधाई दी व सबसे छोटे तबके की सेवा को सर्वश्रेष्ठ बताया।उन्होंने स्वीकार किया कि समाज मे यह मादा कुछ ही लोगो मे होता है जो निस्वार्थ भाव से आगे आते हैं। पुरुस्कार प्राप्त सुश्री सुमन अधिकारी के द्वारा महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, कृषि व रोजगार के क्षेत्र मे किए जा रहे कार्यो की उन्होंने भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा, मन अच्छा, तो सब अच्छा।
अपने संबोधन मे उन्होंने कहा, एक समय वह था जब समाज के लोग सुविधा रहित थे। बे-मुश्किल कठिन परिस्थितियों मे अपना जीवन यापन करते थे। आज सौभाग्य हमारे लोग उच्च पदो पर आसीन हैं। परन्तु दुर्भाग्य! प्रवास मे हम अन्य समुदायों की सांस्कृतिक चकाचौध को देख अपनी पारम्परिक लोक संस्कृति व तीज-त्योहारों को भूल गए हैं।
तीलू ने 15 वर्ष की उम्र मे उच्च संस्कारो की मर्यादा को कायम व ज़िंदा रखने के लिए ही संघर्ष किया था। देखा जाय तो तीलू लक्ष्मीबाई से कही आगे थी। छोटी उम्र मे संघर्ष क्षमता, सात बार युद्ध मे विजयी होना बहुत बड़ी बात थी। तीलू का धोखे से मारा जाना तत्कालीन समाज का दुर्भाग्य था। तब धर्मयुद्ध लड़ा जाता था, लेकिन तीलू के साथ ऐसा नही हुआ। बलशाली तीलू की ताकत को देखते हुए उसे पीछे से मारा गया।
उन्होंने कहा कांडा और वीरोखाल के इलाके मे प्रतिवर्ष तीलू रौतेली की स्मृति मे भव्य मेले का आयोजन होता है। पारंपरिक वाद्यो जुलूस निकाल कर वीरांगना की मूर्ति पूजा की जाती है। उत्तराखंड राज्य सरकार उल्लेखनीय कार्य करने पर स्त्रियों को तीलू रौतेली सम्मान से नवाजती है। दिल्ली मे तीलू की याद मे सम्मान समारोह आयोजित करने पर सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड फिल्म एवं नाट्य संस्थान को साधुवाद देने के साथ अपने मुख्य वक्ता का संबोधन समाप्त किया। आयोजक संस्था अध्यक्षा संयोगिता पंत ध्यानी, कुलदीप भंडारी, बी लाल शास्त्री (संस्था प्रशासक), अनिल पंत, विजय लक्ष्मी भट्ट, गौरी रावत, हरेंद्र रावत, कुसुम चौहान, महेंद्र रावत तथा सुमित्रा किशोर द्वारा आमंत्रित विशिष्ट अतिथियो सांसद तीरथ सिंह रावत, से.नि. लैफ्टीनैंट जनरल अरविंद सिंह रावत, कर्नल चंद्र पटवाल, डॉ माधुरी बर्थवाल, दिनेश चमोली, संजय शर्मा दरमोड़ा, मेहता, कैलाश पंत, अतुल खन्ना, श्रीमती कृष्ना (सामाजिक कार्यकर्ता), गडेश जोशी विधायक (मंसूरी), आनंद प्रकाश शर्मा के साथ-साथ ज्यूरी सदस्यों पुष्प गुच्छ व स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्यकर्मो के समापन पर सामूहिक गान-
हम उत्तराखंडी छू…दयप्तो का ठाणी मा…चारधाम की भूमि…वीरांगना तीलू रौतेली…गढ़ कुमाऊँ गढ़…बागनाथ जागनाथ उत्तराखंड…रसिक रमोलो का गढ़…हरि ज्यु को हरिद्वार…।
मनोरमा भट्ट, वंदना व अनु भंडारी सामूहिक गीत-
मालू पातमा भात धरिछ्या…तिमली बटादये..।
अमित भंडारी लोकगीत-
तू दिखानंदी जन जुन्याली..फूल विचारा डन डना मे…चादो मा की चाँद माला…।
किरन लखेड़ा कुसुम बिष्ट युगल गीत-
….ठंडो पाणी रे…भल लागू म्यर मुलुक….।
प्रस्तुत उत्तराखंड के लोकगीतों की मधुर संगीत की धुनों को संजोने मे संगीत निर्देशक कृपाल सिंह रावत के साथ मोती साह, विजय बिष्ट, गौरव पंत, सतेंद्र सिंह नेगी, सुन्दर लाल व हरीश मधुर ने उम्दा स्वरबद्ध रमणीक संगीत की संगत निभाई, जिसमे उत्तराखंड की विविध पारम्परिक शैली के नृत्यो मे सामूहिक नृत्य ‘घुघुती सांस्कृतिक कला मंच’ के पुरुष नर्तकों मे धर्मेंद्र नोटियाल, पुष्कर रावत, रघुवीर नेगी, जय प्रकाश नेगी तथा महिला नर्तकों मे गीता बिष्ट, मनीषा भट्ट, कोमल राणा नेगी व आशा थपलियाल ने महेंद्र रावत के सानिध्य तथा नृत्य निर्देशिका सावित्री छेत्री शर्मा व सह निर्देशिका शोभा उनियाल भट्ट के निर्देशन ने स्रोताओं को न सिर्फ हतप्रभ किया, देर तक तालियों की गड़गड़ाहट करने को मजबूर भी किया। भव्य सम्मान समारोह का संचालन ब्रजमोहन शर्मा व सुश्री विजय लक्ष्मी भट्ट ने बखूबी निभाया।